छिंदवाड़ा। सौंसर विधानसभा क्षेत्र में विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित करने (Special Economic Zone Development) के लिए अधिग्रहित की गई करीब 6 हजार एकड़ जमीन के मामले में किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात कर किसानों के पक्ष में आवाज उठाने की मांग (Chhindwara farmers sought help from BKU spokesperson Rakesh Tikait) की है. छिंदवाड़ा के सौंसर में स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने के लिए सरकार के माध्यम से 8 गांवों की करीब 6 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित कर ली गई थी, जमीन के बदले मुआवजे के साथ-साथ परिवार के सदस्य को नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन न तो उद्योग लगे और न ही नौकरी मिली, लिहाजा कई परिवार बेरोजगार हो गए हैं.
विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित करने के लिए ली गई थी जमीन
पूरा मामला छिंदवाड़ा में सेज डेवलप करने का है, जिसमें 2007 में राज्य सरकार ने छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स कंपनी से एमओयू साइन किया था. किसानों का आरोप है कि सरकार ने सेज तो बनाया, लेकिन कंपनी ने किसानों को गुमराह करके मनमाने ढंग से जमीन (Cheating with farmers in name of developing special economic zone) ली और लालच दिया, उसके बाद न तो नौकरी दी और न ही पर्याप्त मुआवजा मिला और न ही अब तक कोई उद्योग लगा. कुछ लोगों ने जब इसका विरोध किया तो उनका मुंह बंद कराने के लिए उनको मुआवजा दे दिया गया.
फिर उम्मीदों के सपने देखने लगी हैं अन्नदाता की आंखें
ये खबर तो छिंदवाड़ा में सेज को संवारने के लिए किसानों की उजाड़ी गई जिंदगी का महज एक मजमून है क्योंकि 6 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहण करने में कितने किसानों के घर उजड़े होंगे, ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल है, आज भी किसान परिवार अपनी जमीन देकर पछता (farmers of Chhindwara sought help from Rakesh Tikait) रहा है, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब उनकी आंखों में भी उम्मीदें जगी हैं.
राकेश टिकैत ने दिया भरोसा सुप्रीम कोर्ट का दिया हवाला
किसान नेता नंद किशोर ढोबले ने बताया कि सेज के लिए अधिग्रहित की गई किसानों की जमीन के मामले में राकेश टिकैत ने किसानों से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जहां पर सेज डेवलप नहीं हुए हैं, उन जगह को किसानों को वापस कर दी जाए, इसी को लेकर वे किसानों के हक में आवाज (SEZ Affected Farmers Met Rakesh Tikait to Return Land) उठाएंगे और कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे.