छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में किसानों ने समर्थन मूल्य पर सरकार को गेहूं तो बेच दिया है, लेकिन अब पैसे लेने के लिए दर-दर भटक रहा है. हालात ये हैं कि गेहूं खरीदी केंद्रों पर किसान महीनों से पहरा दे रहे हैं. सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 26 मई से बंद कर दी है, लेकिन इसके बाद ही पोर्टल भी बंद हो गया और किसानों का खरीदा गेहूं सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाया. जिससे अब गेहूं के दाम मिलने में दिक्कत आएगी.
किसानों से गेहूं तो खरीदा लेकिन पोर्टल में एंट्री नहीं
दरअसल खरीदी की तिथि के पहले ही समितियों ने किसानों से गेहूं खरीद कर तुलवा भी लिया और बारदाने भी दे दिए, लेकिन खरीदी करने के बाद पोर्टल में एंट्री नहीं की गई. जिससे सरकारी रिकॉर्ड में किसानों से खरीदा गेहूं दर्ज ही नहीं हुआ. अब किसान खरीदी केंद्रों में बारिश और पानी में अपने गेहूं की रखवाली करने को मजबूर हैं.
सीएम हेल्पलाइन से भी नहीं मिल रही मदद
स्थानीय प्रशासन से परेशान होकर किसानों ने सीएम हेल्पलाइन में मदद की गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी किसानों को कोई मदद नहीं मिली. ऊपर से शिकायत करने वाले किसानों पर एसडीएम कार्यालय से शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जिले के चौरई के लिखडी गुरैया सहकारी समिति में ही केवल करीब 3 हजार क्विंटल गेहूं पोर्टल में दर्ज नहीं हुआ है. जिसके कारण किसानों को पेमेंट मिलने में असमंजस है. वहीं अधकारियों का कहना है कि अगर सरकार पोर्टल ओपन करेगी तो किसानों का गेहूं खरीदी मान्य होगा नहीं तो दिक्कत होगी.