छिंदवाड़ा। खेतों में जलने वाली पराली से पूरा देश प्रभावित हो रहा है. इसे रोकने के लिए सरकारें कई कदम उठा रही हैं, फिर भी ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ है. अब पराली से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए एमपी के एक किसान ने नायाब तरीका निकाला है, जिससे पराली जलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी बल्कि इसी पराली की मदद से दूसरी फसल का उत्पादन किया जा सकेगा.
किसान मोहन सिंह रघुवंशी ने बताया कि, फसल पकने के बाद कई बार भाव ठीक तरीके से नहीं मिलते हैं, जिसके चलते मजबूरन किसान को घर में ही भंडारण करना पड़ता है. इसकी वजह से कई बार फसल खराब हो जाती है, लेकिन खेतों में ही जब तक फसल खड़ी रहती है, तब तक फसलें सुरक्षित रहती है. इस प्रकार की पद्धति से भंडारण का भी झंझट नहीं रहता.
दूसरी फसलों के साथ भी किसान कर सकते हैं प्रयोग
छिंदवाड़ा एग्रीकल्चर कॉलेज के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक अशोक राय बताते हैं कि कम खर्च में अच्छी उपज लेकर देश हित में भी किसान इस पद्धति को अपना सकता है. जिससे प्रदूषण भी कम होता है और किसान कमाई भी कर सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं मक्के की फसल के साथ मूंग, उड़द जैसे दलहन भी उगा सकते हैं, जिसके बाद खेतों में ही पराली को नष्ट करके हरी खाद बनाई जा सकती है.