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जिला अस्पताल की लापरवाही, एंबुलेंस के नहीं पहुंचने से प्रसूता और नवजात ने तोड़ा दम

छिंदवाड़ा में एंबुलेंस के समय पर नही पहुंचने के चलते एक नवजात बच्चे और उसकी मां ने दम तोड़ दिया.

Due to non-arrival of ambulance mom and newborn died on the way in chhindwara
छिंदवाड़ा में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही
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Published : Jan 10, 2020, 5:28 PM IST

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते नवजात बच्चे और उसकी मां की मौत हो गई. फोन करने के बाद भी समय पर एंबुलेंस के नही पहुंचने के चलते ये हादसा हुआ है. इसमें महिला की रास्ते में और नवजात की अस्पताल पहुंचने पर मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस के लिए कई बार फोन करने के बाद भी वो नही पहुंची.

महिला के पति का कहना है कि एंबुलेंस के नही आने पर वो प्राइवेट गाड़ी से अस्पताल पहुंच रहे थे. उसी दौरान रास्ते में एंबुलेंस मिलने के बाद भी चालक ने उन्हे नही बैठाया. महिला के पति का कहना है कि एंबुलेंस में उसकी पत्नी को प्राथमिक इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती.

इस पर जिला अस्पताल के प्रभारी सीएचएमओ का कहना है कि उनके संज्ञान में अभी ये मामला आया है. जिसकी जांच करवाई जाएगी और गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते नवजात बच्चे और उसकी मां की मौत हो गई. फोन करने के बाद भी समय पर एंबुलेंस के नही पहुंचने के चलते ये हादसा हुआ है. इसमें महिला की रास्ते में और नवजात की अस्पताल पहुंचने पर मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस के लिए कई बार फोन करने के बाद भी वो नही पहुंची.

महिला के पति का कहना है कि एंबुलेंस के नही आने पर वो प्राइवेट गाड़ी से अस्पताल पहुंच रहे थे. उसी दौरान रास्ते में एंबुलेंस मिलने के बाद भी चालक ने उन्हे नही बैठाया. महिला के पति का कहना है कि एंबुलेंस में उसकी पत्नी को प्राथमिक इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती.

इस पर जिला अस्पताल के प्रभारी सीएचएमओ का कहना है कि उनके संज्ञान में अभी ये मामला आया है. जिसकी जांच करवाई जाएगी और गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:छिंदवाड़ा! परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप एंबुलेंस के अभाव में हुई प्रसूता की मौत, नवजात बच्चे ने भी तोड़ा दम, अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं, आधे रास्ते में एंबुलेंस मिलने के बाद भी एंबुलेंस से नहीं बैठा था चालक ने, एंबुलेंस होती तो मिल जाता प्राथमिक इलाज


Body: जिले में मातृ मृत्यु दर के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है ,शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाने 108 एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस जैसी निशुल्क गाड़ियां चलाई जाती है,
महिला के प्रति ने बताया कि वह एंबुलेंस को फोन किए थे पर एंबुलेंस नहीं आई तब उन्होंने एक प्राइवेट गाड़ी में लेकर अपनी पत्नी को ले जा रहा था वही रास्ते में उसे एंबुलेंस की गाड़ी मिली पर एंबुलेंस गाड़ी वाले ने बिठाले से और उन्हें ले जाने से मना कर दिया और उनकी गाड़ी के सामने सामने चलकर ही आई एंबुलेंस पर उसने विठाला नहीं उन्होंने एंबुलेंस वाले से पूछा तो उसने कहा था कि उसकी बुकिंग और कहीं की है जिसके चलते महिला की मौत हो गई उसके बाद जैसे तैसे गाड़ी लेकर वाह जिला अस्पताल पहुंचे उन्होंने बच्चे को भर्ती कराया पर बच्चे की गंभीर हालत होने के कारण वह भी खत्म हो गया महिला के पति ने उसकी पत्नी और बच्चे की मौत एंबुलेंस ना पहुंचने के कारण हुई कहा,
जहां एक और लगातार छिंदवाड़ा को मेडिकल हब बनाने की बातें होती है वही इस प्रकार की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है किस जिला अस्पताल में ही एंबुलेंस ना पहुंच और आज ही रस्ते में मिलने के बाद भी मना कर देना या गंभीर लापरवाही सामने आई
जिला अस्पताल के प्रभारी सीएचएमओ ने बताया कि हमारे संज्ञान में मामला आया है हम इसकी जांच कराएंगे और जिसकी गलती हो गई उस पर कार्रवाई की जाएगी

एंबुलेंस मैं मिल जाता प्राथमिक इलाज - मैजिक गाड़ी की बजाय 108 एंबुलेंस से प्रसूता और नवजात बच्चे को जिला अस्पताल लाया जाता तो रास्ते में अधिक रक्त स्त्राव होने के कारण होने पर एंबुलेंस का पैरामेडिकल स्टाफ प्रसूता को प्राथमिक इलाज दे सकता था जिससे संभवत महिला की जान बच सकती थी


Conclusion:बाईट 01 - सालक कवरेती, मृतक प्रसूता का पति

बाईट 02- डॉ एल.एन. एस.उईके, प्रभारी सी एम एच ओ
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