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ये है अनोखी दरगाह, यहां चादर की जगह चढ़ाए जाते हैं पत्थर

छिंदवाड़ा में सितार वाले बाबा की ऐसी दरगाह है जहां फूल की चादर नहीं पत्थर चढ़ाए जाते हैं

दरगाह पर चादर की जगह चढ़ाए जाते है पत्थर
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Published : Aug 22, 2019, 3:11 PM IST

छिंदवाड़ा। आपने दरगाहों में फूलों की चादर और चादर चढ़ाने का रिवाज सुना होगा, लेकिन छिंदवाड़ा में सितार वाले बाबा की ऐसी दरगाह है जहां फूल नहीं पत्थर चढ़ाए जाते हैं.

ये है अनोखी दरगाह


शहर के बीचोबीच छोटा इमामबाड़ा में अकबरी मस्जिद के प्रांगण में सितार वाले बाबा की दरगाह है,जहां लोग चादर नहीं पत्थर चढ़ाकर आते हैं,लोगों का मानना है कि अगर किसी का कुछ जाए तो उतने वजन का पत्थर चढ़ाने से 2-3 दिन के अंदर खोई हुई चीज मिल जाती है.लोगों का कहना है कि यह दरगाह काफी पुरानी है,किसी ने भी सितार वाले बाबा को देखा नहीं है पर उनके प्रति काफी आस्था है. माना गया है कि खोई हुई वस्तु अगर मिल जाए तो मिली हुई वस्तु के वजन के हिसाब से प्रसाद चढ़ता है.


बाबा में आस्था रखने वाले छोटे खां बताते है बहुत साल पहले छिंदवाड़ा के लावाघोघरी थाना में पदस्थ टीआई की रिवाल्वर कहीं गिर गई थी ,जिसके कारण वह काफी परेशान थे उन्होनें सितार वाले बाबा के पास पत्थर चढ़ाया और कुछ दिन बाद ही उनकी रिवाल्वर मिल गई.


इस दरगाह में लोग दूर-दूर से मन्नते मांगने आते हैं और मन्नत पूरी होने पर प्रसाद चढाते है.

छिंदवाड़ा। आपने दरगाहों में फूलों की चादर और चादर चढ़ाने का रिवाज सुना होगा, लेकिन छिंदवाड़ा में सितार वाले बाबा की ऐसी दरगाह है जहां फूल नहीं पत्थर चढ़ाए जाते हैं.

ये है अनोखी दरगाह


शहर के बीचोबीच छोटा इमामबाड़ा में अकबरी मस्जिद के प्रांगण में सितार वाले बाबा की दरगाह है,जहां लोग चादर नहीं पत्थर चढ़ाकर आते हैं,लोगों का मानना है कि अगर किसी का कुछ जाए तो उतने वजन का पत्थर चढ़ाने से 2-3 दिन के अंदर खोई हुई चीज मिल जाती है.लोगों का कहना है कि यह दरगाह काफी पुरानी है,किसी ने भी सितार वाले बाबा को देखा नहीं है पर उनके प्रति काफी आस्था है. माना गया है कि खोई हुई वस्तु अगर मिल जाए तो मिली हुई वस्तु के वजन के हिसाब से प्रसाद चढ़ता है.


बाबा में आस्था रखने वाले छोटे खां बताते है बहुत साल पहले छिंदवाड़ा के लावाघोघरी थाना में पदस्थ टीआई की रिवाल्वर कहीं गिर गई थी ,जिसके कारण वह काफी परेशान थे उन्होनें सितार वाले बाबा के पास पत्थर चढ़ाया और कुछ दिन बाद ही उनकी रिवाल्वर मिल गई.


इस दरगाह में लोग दूर-दूर से मन्नते मांगने आते हैं और मन्नत पूरी होने पर प्रसाद चढाते है.

Intro:छिंदवाड़ा। दरगाहों पर फूल और दान चढ़ाने का रिवाज़ होता है लेकिन मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में ऐसी दरगाह है सितार वाले बाबा की जहां पत्थर चढ़ाए जाते हैं। यहां का रिवाज़ ऐसा है कि अगर किसी का कुछ खो जाए तो वो उसके वजन का पत्थर चढ़ाता है। लोगों का कहना है कि 2 से 3 दिन के अंदर खोई चीज़ मिल जाती है। इसके बदले में भी कोई दान या फूलों की चादर नहीं सिर्फ पत्थर ही चढ़ाए जाते हैं।
Body:छिंदवाड़ा शहर के बीचोबीच छोटा इमामबाड़ा में अकबरी मस्जिद के प्रांगण में सितार वाले बाबा की दरगाह है । मान्यता यह है की अगर किसी की वस्तु गुम जाए तो वो तीन या चार दिन में मिल ही जाती है सितार वाले बाबा की दरगाह में यहा रखे पत्थर तो यही साबित कर रहे है । सितार वाले बाबा की दरगाह कितनी पुराणी है ये कोई नही जानता । आस्था रखने वाले लोगो का कहना है की वर्षो पुराणी दरगाह है किसी ने भी सितार वाले बाबा को देखा नही ना ही उनकी कोई तस्वीर है बर्षो से हम दरगाह देखते आ रहे है । बाबा साहब पर आस्था रखने वाले शेख कलीम ने बताया की बाबा की बहुत ही पुराणी दरगाह है हमारा जन्म भी नही हुआ उसके पहले से ही बाबा साहब की दरगाह ऐसे ही देखते चले आ रहे किसी भी शख्स की समान गुम जाए तो वो शख्स घर से ही साफ़ पत्थर अपने हैसियत के अनुसार पत्थर और आगरब्बती के साथ दरगाह आता है और बाबा साहब से खोई हुए बस्तु फिर से मिल जाए दुआ करता है और जब शख्स को उसकी बस्तु मिल जाती है तो वो पत्थर के वजन के अनुसार प्रसाद चढ़ाता है ।

बाबा में आस्था रखने वाले छोटे खाँ बताते है बहुत साल पहले छिंदवाड़ा के लावाघोघरी थाना में पदस्थ टीआई की रिवाल्वर कही गिर गई थी वो बहुत परेशान थे टीआई को दरगाह में खोई हुई वस्तु मिल जाने की जानकारी मिली तो टीआई ने भी सितार वाले बाबा की दरगाह में एक पत्थर चढ़ाया तो कुछ दिन बाद उन्हें कोई हुई रिवाल्वर मिल गई उसके बाद टीआई ने मजार में रंगरोहन कर प्रसाद बांटा था
Conclusion:बाबा साहब को मानने वाले लोगो का यह भी दावा है की यहा किसी भी प्रकार की मन्नत मांगने से पूरी होती है । छिंदवाड़ा में यह दरगाह लोगो की आस्था बनी हुई है इस दरगाह में लोग दूर दूर से मन्नते मांगने यहा आते है और उनकी मन्नते पूरी होने पर प्रसाद चढाते है।

बाइट- शेख कलीम,स्थानीय निवासी,(ग्रे शर्ट में)
बाइट- सरफराज खान,स्थानीय निवासी( काली टी शर्ट में)
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