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छिंदवाड़ा में महिला और बच्चों के खिलाफ अपराधों में आई गिरावट, लेकिन आंकड़े चिंताजनक

मध्यप्रदेश के मुखिया कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में पिछले कुछ सालों में महिला और बाल अपराधों के मामले कम हुए हैं, लेकिन एक जिले से एक साल में 250 नाबालिगों का अपहरण और 104 बच्चियों का बलात्कार कानून-व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं.

crime against womans and children in Chhindwara
पोल खोलते आंकड़े
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Published : Jan 14, 2020, 3:05 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 2:48 PM IST

छिंदवाड़ा। चुनावी साल में यूं तो मुद्दे हर बार बदलते रहते हैं, लेकिन महिला सुरक्षा का मुद्दा हर बार चर्चा में होता है. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई सालों से महिला अपराध में मध्य प्रदेश नंबर एक पर है. महिला अपराधों को कम करने और महिला-बच्चियों की सुरक्षा को लेकर हर दल और उसके नेता दावे तो बहुत करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है. महिला अपराधों के मामले में छिंदवाड़ा में पिछले कुछ सालों में कमी तो आई है, लेकिन जो आंकड़े हैं वे बेहद चिंताजनक हैं.

पोल खोलते आंकड़े

मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले में महिला अपराधों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले 2 सालों में 2019 में महिला अपराधों में कमी आई है, लेकिन जो आंकड़े पुलिस ने जारी किए हैं उस हिसाब से हालात अब भी चिंताजनक हैं.

2017, 2018 और 2019 के आंकड़ों में महिला अपराधों में अगर देखा जाए तो 2017 में 880 मामले 2018 में 543 तो वहीं 2019 में 357 मामले दर्ज किए गए, आंकड़ों की नजर से देखा जाए तो अपराधों में कमी तो कही जा सकती है, लेकिन 357 का आंकड़ा भी महिला अपराधों के लिए चिंता से कम नहीं है.

अपराध पर एसपी मनोज कुमार राय से चर्चा

महिला अपराध में छिंदवाड़ा के आंकड़े

2017- 234 बलात्कार, 369 शीलभंग, 190 दहेज प्रताड़ना, 21 महिलाओं की हत्या, 17 हत्या के प्रयास और 28 हत्या के दुष्प्रेरण के केस दर्ज हुए.

2018- 199 बलात्कार, 230 शीलभंग, 42 दहेज प्रताड़ना, 21 महिलाओं की हत्या, 09 हत्या के प्रयास और 23 हत्या के दुष्प्रेरण के केस दर्ज हुए.

2019- 106 बलात्कार, 128 शीलभंग, 76 दहेज प्रताड़ना, 17 महिलाओं की हत्या, 06 हत्या के प्रयास और 15 हत्या के दुष्प्रेरण के केस दर्ज हुए.

जिले में साल 2019 में नाबालिगों के अपहरण के कई मामले भी सामने आए, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी सुलझाने का दावा किया है. बीते साल 30 बालक और 250 बालिकाओं का अपहरण हुआ, कुल मिलाकर आंकडों में इनकी संख्या 280 है.

2019 में अपहृत नाबालिगों की संख्या

2019 में अगवा किए गए नाबालिगों की बात करें, तो 30 बच्चों, 250 बच्चियां यानि कुल 280 नाबालिग अपहृत हुए, वहीं पुलिस ने कुल 306 नाबालिगों को बरामद करने में सफलता हासिल की है, जिनमें 37 लड़के और 269 लड़कियां शामिल हैं.

भले ही छिंदवाड़ा पुलिस पिछले 2 सालों के आंकड़ों का तुलना कर 2019 के आंकड़ों में कमी बताकर पुलिस की सफलता मान रही है, लेकिन जो आंकड़े 2019 में जारी किए गए वह भी किसी चिंताजनक स्थिति से कम नहीं है.

छिंदवाड़ा। चुनावी साल में यूं तो मुद्दे हर बार बदलते रहते हैं, लेकिन महिला सुरक्षा का मुद्दा हर बार चर्चा में होता है. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई सालों से महिला अपराध में मध्य प्रदेश नंबर एक पर है. महिला अपराधों को कम करने और महिला-बच्चियों की सुरक्षा को लेकर हर दल और उसके नेता दावे तो बहुत करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है. महिला अपराधों के मामले में छिंदवाड़ा में पिछले कुछ सालों में कमी तो आई है, लेकिन जो आंकड़े हैं वे बेहद चिंताजनक हैं.

पोल खोलते आंकड़े

मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले में महिला अपराधों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले 2 सालों में 2019 में महिला अपराधों में कमी आई है, लेकिन जो आंकड़े पुलिस ने जारी किए हैं उस हिसाब से हालात अब भी चिंताजनक हैं.

2017, 2018 और 2019 के आंकड़ों में महिला अपराधों में अगर देखा जाए तो 2017 में 880 मामले 2018 में 543 तो वहीं 2019 में 357 मामले दर्ज किए गए, आंकड़ों की नजर से देखा जाए तो अपराधों में कमी तो कही जा सकती है, लेकिन 357 का आंकड़ा भी महिला अपराधों के लिए चिंता से कम नहीं है.

अपराध पर एसपी मनोज कुमार राय से चर्चा

महिला अपराध में छिंदवाड़ा के आंकड़े

2017- 234 बलात्कार, 369 शीलभंग, 190 दहेज प्रताड़ना, 21 महिलाओं की हत्या, 17 हत्या के प्रयास और 28 हत्या के दुष्प्रेरण के केस दर्ज हुए.

2018- 199 बलात्कार, 230 शीलभंग, 42 दहेज प्रताड़ना, 21 महिलाओं की हत्या, 09 हत्या के प्रयास और 23 हत्या के दुष्प्रेरण के केस दर्ज हुए.

2019- 106 बलात्कार, 128 शीलभंग, 76 दहेज प्रताड़ना, 17 महिलाओं की हत्या, 06 हत्या के प्रयास और 15 हत्या के दुष्प्रेरण के केस दर्ज हुए.

जिले में साल 2019 में नाबालिगों के अपहरण के कई मामले भी सामने आए, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी सुलझाने का दावा किया है. बीते साल 30 बालक और 250 बालिकाओं का अपहरण हुआ, कुल मिलाकर आंकडों में इनकी संख्या 280 है.

2019 में अपहृत नाबालिगों की संख्या

2019 में अगवा किए गए नाबालिगों की बात करें, तो 30 बच्चों, 250 बच्चियां यानि कुल 280 नाबालिग अपहृत हुए, वहीं पुलिस ने कुल 306 नाबालिगों को बरामद करने में सफलता हासिल की है, जिनमें 37 लड़के और 269 लड़कियां शामिल हैं.

भले ही छिंदवाड़ा पुलिस पिछले 2 सालों के आंकड़ों का तुलना कर 2019 के आंकड़ों में कमी बताकर पुलिस की सफलता मान रही है, लेकिन जो आंकड़े 2019 में जारी किए गए वह भी किसी चिंताजनक स्थिति से कम नहीं है.

Intro:महिला अपराधों पर spl pkg

छिन्दवाड़ा। चुनाव कोई भी हो लेकिन हमेशा चर्चाओं में रहता है महिला अपराध, महिला सुरक्षा को लेकर हर कोई दल और हर कोई नेता दावे तो बहुत करते हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। महिला अपराधों के मामले में छिंदवाड़ा में पिछले कुछ सालों में कमी तो आई है लेकिन जो आंकड़े हैं वह भी चौंकाने वाले हैं।


Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले में महिला अपराधों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 2 सालों में 2019 में महिला अपराधों में कमी आई है लेकिन जो आंकड़े पुलिस ने जारी किए हैं उस हिसाब से स्थिति अब भी चिंताजनक है।

GFX
महिला अपराध में छिंदवाड़ा के आंकड़े
2017 2018 2019
बलात्कर 234 199 106
शीलभंग 369 230 128
दहेज प्रा 190 42 76
हत्या 21 21 17
हत्या का प्रयास 17 ,09 06
हत्या का दुष्प्रेरण 28 ,23 15

2017 2018 और 2019 के आंकड़ों में महिला अपराधों में अगर देखा जाए तो 2017 में 880 मामले 2018 में 543 मामले तो वहीं 2019 में 357 मामले दर्ज किए गए, आँकडर देख कर अपराधों में कमी तो कही जा सकती है लेकिन 357 का आंकड़ा भी महिला अपराधों के लिए चिंता से कम नहीं है।

छिंदवाड़ा में अवयस्क बालकों प्रति घटित पास्को एक्ट के आंकड़े।
2107 2018 2019
बलात्कार 125 158 104
शीलभंग 103 66 49

छिंदवाड़ा में 2019 में नाबालिक को के अपहरण के कई मामले भी सामने आए लेकिन पुलिस ने उन्हें भी सुलझाने का दावा किया है।

2019 में अपहृत नाबालिगों की संख्या

बालक बालिका कुल
30 250 280

2019 में पुलिस के मुताबिक 30 नाबालिग बच्चे और 250 बच्चियां गुम या अपहृत हुई थी, तो वही पुलिस ने कुल 306 नाबालिगों को दस्तयाब करने में सफलता हासिल की है।

पुलिस ने 2019 में अपहृत नाबालिगों को छुड़ाया।

बालक बालिका कुल
37 269 306






Conclusion:भले ही छिंदवाड़ा पुलिस पिछले 2 सालों के आंकड़ों का तुलना कर 2019 के आंकड़ों में कमी बताकर पुलिस की सफलता मान रही है लेकिन जो आंकड़े 2019 में जारी किए गए हैं वह भी किसी चिंताजनक स्थिति से कम नहीं है।
1 जिले से 1 साल में 250 नाबालिगों का अपहरण और 104 बच्चियों का बलात्कार कानून व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है।
121 ,मनोजकुमार राय एसपी
Last Updated : Jan 16, 2020, 2:48 PM IST
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