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कर्मचारियों की कमी से जूझता निगम, ठेके पर चल रहा काम

छिंदवाड़ा नगर पालिका में शहर के आसपास के 24 गांव शामिल कर लिए गए. जिसके बाद नगर निगम का दर्जा तो दिला दिया गया, लेकिन किसी ने व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण मजबूरन नगर निगम प्रशासन को ठेके के कर्मचारियों के जरिए काम कराना पड़ रहा है.

Contract work in the municipal corporation
ठेके पर चल रहा काम
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Published : Feb 25, 2021, 3:14 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 4:59 PM IST

छिंदवाड़ा। नगर निगम का दर्जा देने के लिए इलाके में तो इजाफा कर दिया गया, लेकिन कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई. जिसके चलते छिंदवाड़ा नगर निगम अब ठेके के कर्मचारियों से अपना काम चला रहा है.

ठेके पर चल रहा काम
  • स्वकृति के बाद भी नहीं हुई भर्ती

साल 2015 में छिंदवाड़ा नगर पालिका में शहर के आसपास के 24 गांवों को शामिल कर लिया गया. जिसके बाद शहर को नगर निगम का दर्जा मिल गया. लेकिन किसी ने भी व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण मजबूरन नगर निगम प्रशासन को ठेके के कर्मचारियों के जरिए काम कराना पड़ रहा है.

नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्नर अनंत धुर्वे ने ईटीवी भारत को बताया कि नगर निगम में कर्मचारियों की जरूरत ज्यादा है, लेकिन सरकार ने पद स्वीकृत कम किए हैं और जो पद स्वीकृत हैं वह भी पूरे नहीं भरे गए हैं. इसलिए नगर निगम को व्यवस्थाएं बनाने के लिए ठेके के कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों के सहारे काम कराना पड़ रहा है. नगर निगम में कर्मचारियों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने 1056 पदों को स्वीकृत किया था. जिसमें से 714 पदों पर नियमित कर्मचारी काम कर रहे हैं, तो वहीं 1109 कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी या ठेके पर रखे गए हैं.

  • सफाई व्यवस्था होती है प्रभावित

नगर निगम में कर्मचारियों की कमी का सबसे ज्यादा नुकसान शहर के लोगों को झेलना पड़ता है. कर्मचारियों की कमी के चलते शहर की ठीक ढंग से सफाई नहीं हो पाती है. कांग्रेस की सरकार में दिल्ली की कंपनी को ठेका दिया गया था, लेकिन पैसों की कमी के चलते वह भी काम छोड़ कर चली गई. इसलिए एक बार नगर निगम में कर्मचारियों की कमी के चलते शहर की साफ-सफाई नहीं की जा रही है. जिसके चलते अधिकतर इलाकों में सफाई को लेकर दिक्कत आ रही है.

  • व्यवस्था बनाने के लिए ठेके पर रखे गए हैं कर्मचारी

नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्नर का कहना है कि नगर निगम का इलाका बढ़ने के कारण कर्मचारियों की जरूरत भी बढ़ गई है. वहीं सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के अलावा भर्ती राज्य स्तर से करती है, इसलिए जब तक भर्ती नहीं हो जाती है, काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए ठेके पर नियुक्ति की गई है.

छिंदवाड़ा। नगर निगम का दर्जा देने के लिए इलाके में तो इजाफा कर दिया गया, लेकिन कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई. जिसके चलते छिंदवाड़ा नगर निगम अब ठेके के कर्मचारियों से अपना काम चला रहा है.

ठेके पर चल रहा काम
  • स्वकृति के बाद भी नहीं हुई भर्ती

साल 2015 में छिंदवाड़ा नगर पालिका में शहर के आसपास के 24 गांवों को शामिल कर लिया गया. जिसके बाद शहर को नगर निगम का दर्जा मिल गया. लेकिन किसी ने भी व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण मजबूरन नगर निगम प्रशासन को ठेके के कर्मचारियों के जरिए काम कराना पड़ रहा है.

नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्नर अनंत धुर्वे ने ईटीवी भारत को बताया कि नगर निगम में कर्मचारियों की जरूरत ज्यादा है, लेकिन सरकार ने पद स्वीकृत कम किए हैं और जो पद स्वीकृत हैं वह भी पूरे नहीं भरे गए हैं. इसलिए नगर निगम को व्यवस्थाएं बनाने के लिए ठेके के कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों के सहारे काम कराना पड़ रहा है. नगर निगम में कर्मचारियों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने 1056 पदों को स्वीकृत किया था. जिसमें से 714 पदों पर नियमित कर्मचारी काम कर रहे हैं, तो वहीं 1109 कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी या ठेके पर रखे गए हैं.

  • सफाई व्यवस्था होती है प्रभावित

नगर निगम में कर्मचारियों की कमी का सबसे ज्यादा नुकसान शहर के लोगों को झेलना पड़ता है. कर्मचारियों की कमी के चलते शहर की ठीक ढंग से सफाई नहीं हो पाती है. कांग्रेस की सरकार में दिल्ली की कंपनी को ठेका दिया गया था, लेकिन पैसों की कमी के चलते वह भी काम छोड़ कर चली गई. इसलिए एक बार नगर निगम में कर्मचारियों की कमी के चलते शहर की साफ-सफाई नहीं की जा रही है. जिसके चलते अधिकतर इलाकों में सफाई को लेकर दिक्कत आ रही है.

  • व्यवस्था बनाने के लिए ठेके पर रखे गए हैं कर्मचारी

नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्नर का कहना है कि नगर निगम का इलाका बढ़ने के कारण कर्मचारियों की जरूरत भी बढ़ गई है. वहीं सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के अलावा भर्ती राज्य स्तर से करती है, इसलिए जब तक भर्ती नहीं हो जाती है, काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए ठेके पर नियुक्ति की गई है.

Last Updated : Feb 25, 2021, 4:59 PM IST
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