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MP Election 2023: सीएम शिवराज का एक और चुनावी दांव, अब 53 हो जाएगी एमपी के जिलों की संख्या!

सीएम शिवराज एक बार फिर चुनावी दांव खेलने के लिए तैयार हैं, जिसके चलते अब अमपी में एक जिला और बढ़ जाएगा और जिलों की संख्या 53 हो जाएगी. आइए जानते हैं नए जिले का नाम क्या है-

pandhurna new district of MP
सीएम शिवराज का एक और चुनावी दांव
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Published : Jul 18, 2023, 9:20 AM IST

छिंदवाड़ा। कमलनाथ को उनके ही जिले में कमजोर करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान एक और चुनावी दंव खेलने जा रहे हैं. दरअसल शिवराज सिंह चौहान 19 जुलाई को पांढुर्णा को जिला बनाने की घोषणा के साथ ही नया दांव चल सकते हैं, 19 जुलाई को सीएम पांढुर्ना पहुंच रहे हैं जहां पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए कई दिन से मांग भी की जा रही है.

आदिवासी समाज का बड़ा वोट बैंक इस इलाके में: पांढुर्णा और सौसर विधानसभा में आदिवासी समाज का एक बड़ा वोट बैंक है, ऐसे में पांढुर्णा के वोट बैंक को साधने और लंबे समय से चली आ रही जिला बनाने की मांग पर विराम लगाते हुए सीएम यहां पर घोषणा कर सकते हैं. अपने पहले दौरे के दौरान भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए विचार करने की बात कह चुके हैं.

महाराष्ट्र के नागपुर से लगा है पांढुर्ना, छिंदवाड़ा से है लंबी दूरी: सालों से पांढुर्ना जिला बनाओ समिति पांढुर्णा को जिला बनाने की मांग कर रही है, ये महाराष्ट्र के नागपुर जिले से सटा हुआ है और छिंदवाड़ा से पांढुर्ना की दूरी 90 किलोमीटर है, ऐसे में आम लोगों को अपने सरकारी काम कराने के लिए छिंदवाड़ा पहुंचना पड़ता है, जो काफी दिक्कतों भरा होता है. आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संभावना यही जताई जा रही है कि सीएम चुनावी साल में बड़ी घोषणा कर एक बड़ा दांव चल सकते हैं.

पांढुर्ना, सौसर और मुलताई को मिलाकर बनाया जा सकता है नया जिला: पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए विचार करने की बात कही थी और उसके बाद मसौदा तैयार किया गया था. इसके हिसाब से पांढुर्ना को मुख्यालय बनाते हुए सौसर तहसील और बैतूल जिले की मुलताई तहसील को मिलाकर जिला बनाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, हालांकि उस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं किया गया है. एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं इन्हीं तीन तहसीलों को मिलाकर पांढुर्ना को जिला बनाया जा सकता है.

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कांग्रेस की मजबूत स्थिति, कमलनाथ को कमजोर करने का प्लान: पांढुर्ना विधानसभा में 2013 और 2018 के चुनावों से कांग्रेस काबिज है, आदिवासी मतदाता होने के कारण कांग्रेस और कमलनाथ का काफी प्रभाव भी है. यही कारण है कि कमलनाथ को कमजोर करने के उद्देश्य और आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए सीएम पांढुर्णा तो 54वां जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं.

2008 में छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की हुई थी घोषणा: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2008 के चुनाव के दौरान भी छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक छिंदवाड़ा को संभाग नहीं बनाया गया है. हालांकि अब बीजेपी के नेताओं का कहना है कि "सीएम इस दौरे में छिंदवाड़ा को भी संभाग का दर्जा देंगे."

लोकसभा पर भी पड़ेगा असर: पांढुर्ना को अलग जिला बनाया जाता है, तो इसका सीधा असर छिंदवाड़ा लोकसभा में भी पड़ेगा. अभी छिंदवाड़ा लोकसभा में 7 विधानसभा हैं, जिसमें कमलनाथ का परिवार ही लगातार चुनाव जीतते आता है. पांढुर्णा जिला बनने के बाद 2 विधानसभा इस जिले में चली जाएंगी, जिसके चलते नाथ परिवार का राजनीतिक वर्चस्व प्रभावित होगा.

छिंदवाड़ा। कमलनाथ को उनके ही जिले में कमजोर करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान एक और चुनावी दंव खेलने जा रहे हैं. दरअसल शिवराज सिंह चौहान 19 जुलाई को पांढुर्णा को जिला बनाने की घोषणा के साथ ही नया दांव चल सकते हैं, 19 जुलाई को सीएम पांढुर्ना पहुंच रहे हैं जहां पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए कई दिन से मांग भी की जा रही है.

आदिवासी समाज का बड़ा वोट बैंक इस इलाके में: पांढुर्णा और सौसर विधानसभा में आदिवासी समाज का एक बड़ा वोट बैंक है, ऐसे में पांढुर्णा के वोट बैंक को साधने और लंबे समय से चली आ रही जिला बनाने की मांग पर विराम लगाते हुए सीएम यहां पर घोषणा कर सकते हैं. अपने पहले दौरे के दौरान भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए विचार करने की बात कह चुके हैं.

महाराष्ट्र के नागपुर से लगा है पांढुर्ना, छिंदवाड़ा से है लंबी दूरी: सालों से पांढुर्ना जिला बनाओ समिति पांढुर्णा को जिला बनाने की मांग कर रही है, ये महाराष्ट्र के नागपुर जिले से सटा हुआ है और छिंदवाड़ा से पांढुर्ना की दूरी 90 किलोमीटर है, ऐसे में आम लोगों को अपने सरकारी काम कराने के लिए छिंदवाड़ा पहुंचना पड़ता है, जो काफी दिक्कतों भरा होता है. आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संभावना यही जताई जा रही है कि सीएम चुनावी साल में बड़ी घोषणा कर एक बड़ा दांव चल सकते हैं.

पांढुर्ना, सौसर और मुलताई को मिलाकर बनाया जा सकता है नया जिला: पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए विचार करने की बात कही थी और उसके बाद मसौदा तैयार किया गया था. इसके हिसाब से पांढुर्ना को मुख्यालय बनाते हुए सौसर तहसील और बैतूल जिले की मुलताई तहसील को मिलाकर जिला बनाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, हालांकि उस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं किया गया है. एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं इन्हीं तीन तहसीलों को मिलाकर पांढुर्ना को जिला बनाया जा सकता है.

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2008 में छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की हुई थी घोषणा: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2008 के चुनाव के दौरान भी छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक छिंदवाड़ा को संभाग नहीं बनाया गया है. हालांकि अब बीजेपी के नेताओं का कहना है कि "सीएम इस दौरे में छिंदवाड़ा को भी संभाग का दर्जा देंगे."

लोकसभा पर भी पड़ेगा असर: पांढुर्ना को अलग जिला बनाया जाता है, तो इसका सीधा असर छिंदवाड़ा लोकसभा में भी पड़ेगा. अभी छिंदवाड़ा लोकसभा में 7 विधानसभा हैं, जिसमें कमलनाथ का परिवार ही लगातार चुनाव जीतते आता है. पांढुर्णा जिला बनने के बाद 2 विधानसभा इस जिले में चली जाएंगी, जिसके चलते नाथ परिवार का राजनीतिक वर्चस्व प्रभावित होगा.

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