छिंदवाड़ा। असंगठित कामगार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वासुदेव शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को चार सूत्रीय मांग पत्र दिया और कहा कि 'सीएम राइज योजना' की चल रही तैयारियों से लोगों में भ्रम की स्थिति है. शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों एवं पढ़ाने वाले शिक्षक दोनों ही सीएम राइज योजना से भयभीत हैं. अभिभावकों में बच्चों का शिक्षा से दूर हो जाने का डर है, वहीं शिक्षकों में स्कूल बंद होने पर नौकरी चले जाने का भय व्याप्त है.
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'सीएम राइज' योजना गरीब-मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश
काँग्रेस ने कहा है कि शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद सीएम राइज योजना के बारे में दी गई जानकारी में कहा गया है कि सरकार बीस किलोमीटर के दायरे के स्कूलों को बंद कर एक स्कूल संचालित करेगी और सीएम के भाषण का भी ये ही संदेश था. उन्होंने कहा यदि ऐसा है तो यह शिक्षा के मूल उद्देश्य के खिलाफ एवं गरीब-मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने वाला कदम साबित होगा. इसीलिए सीएम राइज योजना पर स्थिति स्पष्ट करना बेहद जरूरी है.
जिले में मात्र 325 सरकारी स्कूल होंगे संचालित
कामगार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वासुदेव शर्मा के मांगपत्र में विभाग की चल रही तैयारियों पर चिंता जताते हुए बताया गया कि जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा केंद्र की सीएम राइज योजना की तैयारियों से मिल रही जानकारियां बेहद चिंताजनक है. विभाग 3,567 स्कूलों का समायोजन सीएम राइज के लिए चिंन्हांकित 325 स्कूलों में करने जा रहा है. यदि ऐसा होता है तो जिले में सिर्फ 325 स्कूल संचालित होंगे और 3242 स्कूल सीएम राइज योजना से प्रभावित होकर बंद होने की स्थिति में पहुंच जाएंगे.
सीएम राइज योजना के तहत शिक्षा विभाग जिले में अमरवाड़ा में 21, बिछुआ में 20, छिंदवाड़ा में 29, चौरई में 23, हरराई में 29, जुन्नारदेव में 52, मोहखेड़ में 31, पाण्डुर्ना में 29, परासिया में 35, सौंसर में 25 एवं तामिया में 31 स्कूल संचालित करने की योजना पर काम कर रहा है. जबकि वर्तमान में अमरवाड़ा में 228, बिछुआ में 215, छिंदवाड़ा में 331, चौरई में 274, हरराई में 396, जुन्नारदेव में 511, होमखेड़ में 309, पंधुरना में 316, परासिया में 377, सौंसर में 214 एवं तामिया में 376 स्कूल संचालित हो रहे हैं.
मांगपत्र के जरिए कामगार कांग्रेस ने मांग की है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने एक किलोमीटर में प्राथमिक, तीन किलोमीटर में मिडिल स्कूल चलाने की पुरानी व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया था. उनके इस निर्णय के पीछे का उद्देश्य था कि शिक्षा बच्चे के घर के करीब होनी चाहिए, लेकिन भाजपा की शिवराज सरकार शिक्षा को बच्चे के घर से बीस किलोमीटर दूर करने जा रही है. जिला छिंदवाड़ा की असंगठित कामगार कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के खिलाफ है और आपसे मांग करती है कि स्कूली शिक्षा में किए जाने वाले इस तरह के प्रयोग तत्काल रोके जाएं. चूंकि आप शिक्षा विभाग की प्रमुख हैं, इसीलिए आपको सीएम राइज योजना की वास्तविक स्थिति जनता के बीच लानी चाहिए. कामगार कांग्रेस आपसे मांग करती है कि:-
1- स्कूल शिक्षा विभाग में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की एक किलोमीटर पर प्राथमिक, तीन किलोमीटर मिडिल एवं आंठ किलोमीटर पर हाई स्कूल की नीति को लागू रखा जाए तथा जिले में जितने स्कूल बंद हो चुके हैं, उन्हें पुन: शुरू किया जाए.
2- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण के बाद सीएम राइज योजना के बारे में बनी भ्रम की स्थिति को दूर किया जाए और लोगों को इस योजना के वास्तविक उद्देश्य से अवगत कराया जाए.
3- विभाग की ओर से जिले में सीएम राइज योजना के तहत 3,242 स्कूलों को बंद करने का प्रस्ताव तत्काल रोका जाए.
4- जिले में खाली शिक्षकों के पांच हजार पदों पर अतिथि शिक्षक रखकर शिक्षकों की कमी दूर की जाए एवं पूर्व में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों उनके स्कूलों में वापस भेजा जाए तथा कोरोना में उनकी सेवाओं को निरंतर मानते हुए वेतन का भुगतान किया जाए.