छिन्दवाड़ा। मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा को स्मार्ट सिटी घोषित किया जा चुका है. बावजूद शहर में पानी, बिजली, सड़क, रोजगार और अन्य जरुरी सुविधाएं लोगों के लिए दूर की कौड़ी बनीं हुई है. लोगों के मुताबिक जनप्रतिनिधि विकास की बड़ी-बड़ी बातें तो करते हैं लेकिन सच्चाई ये है कि छिंदवाड़ा को विकास की सच्ची दरकार है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां का आम नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हो रहा है, इसके बाद भी स्थिति बद से बदतर है.
टैक्स भरपूर, सुविधाओं से कोसों दूर
छिंदवाड़ा नगर निगम में शामिल किए गए 24 गांव आज भी विकास की ओर ताक रहे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम बनने के बाद सिर्फ उनसे टैक्स लिया जा रहा है लेकिन प्रशासन स्थानीय विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. आलम ये है कि लोगों को गर्मी के मौसम में पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है.
निगम से तो अच्छी पंचायत थी
लोगों के मुताबिक जब ग्राम पंचायत के अधीन थे तब टैक्स कम लगता था और उनकी समस्याएं पर अमल किया जाता था लेकिन नगर निगम बनने के बाद प्रशासन सिर्फ और सिर्फ टैक्स बटोर रहा है.
बता दें कि 2014 में छिंदवाड़ा नगर पालिका को नगर निगम घोषित किया गया था जिसके लिए छिंदवाड़ा के अगल-बगल के 24 गांवों को शामिल किया गया था.