ETV Bharat / state

MP में लोगों को नहीं मिल रहा संबल योजना का लाभ, यू ही भटक रही है जनता - नगर पालिका निगम छिंदवाड़ा

MP Sambal Yojana: छिंदवाड़ा लोगों को संबल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, इसके चलते लोग यहां-वहां भटक रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 31, 2023, 7:40 AM IST

छिंदवाड़ा। सरकार भले ही कितने ही दावे कर ले, लेकिन जमीनी आंकड़े कुछ अलग ही बयां करते हैं. फिलहाल ऐसे ही मध्यप्रदेश में संगठित क्षेत्रों के मजदूरों को सहायता देने के नाम से बनाई गई संबल योजना फंड की कमी के चलते छिंदवाड़ा के निम्न कोटि के लोगों को सहारा नहीं बन पा रही है, पिछले 1 साल में जिले में 1149 हितग्राहियों को सहायता का इंतजार है.

Municipal Corporation Chhindwara
नगर पालिका निगम छिंदवाड़ा

साल 2018 में शुरू की गई थी योजना: असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने 2018 में संबल योजना की शुरुआत की थी, योजना के तहत मृत होने पर ₹2 लाख और एक्सीडेंट में मृत होने पर ₹4 लाख देने का प्रावधान है. साथ ही अंत्येष्टि के लिए ₹5000 भी दिए जाते हैं, वहीं शहर में योजना नगरी निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के माध्यम से संचालित हो रही है.

साल भर से फंड का इंतजार: संबल और नया सवेरा के नामों में उलझी सरकारी योजना आमजनों का सहारा नहीं बन पाई है, वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है लेकिन साल भर से हितग्राही के खातों में राशि आने का इंतजार है. सरकारी सहायता मिल जाए इसके लिए हितग्राही सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अफसरों के पास भी हितग्राहियों से फंड की कमी का जवाब मिल रहा है.(MP Sambal Yojana) असंगठित मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने संबल योजना की शुरुआत की थी, लेकिन कोरोना से बिगड़ी शासन की वित्तीय स्थिति के कारण इस योजना की हितग्राही लाभान्वित नहीं हो पाए. 2021-22 से अब तक जिले में 1149 हितग्राहियों ने योजना के तहत आवेदन किया है, लेकिन फंड प्राप्त नहीं हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि वेरिफिकेशन तो सभी का हो चुका है, लेकिन शासन से फंड आने का इंतजार है.

रायसेन पहुंचे सीएम शिवराज ने संबल 2.0 का किया शुभारंभ, सिंगल क्लिक से हितग्राहियों के खाते में डाले 345 करोड़ रुपए

दो बार बदल चुका है योजना का नाम: योजना में राजनीति भी खूब हुई, लेकिन फंड जारी नहीं हुआ 2018 में योजना की शुरुआत के समय इसका नाम संबल रखा गया था. बाद में कमलनाथ सरकार ने इस योजना का नाम 'नया सवेरा' कर दिया, फिर जब कमलनाथ सरकार चली गई थी तो योजना का नाम फिर से संबल कर दिया गया. अब सवाल है कि क्या सरकारें योजनाओं का नाम ही बदलेंगी या फिर असंगठित कामगारों को कभी योजना का लाभ भी मिलेगा. 2018 में शुरू हुई इस योजना से अब तक जिले में 6 लाख 66 हजार लोगों को पंजीकृत किया जा चुका है, फरवरी 2020 से योजना में नए लोगों का पंजीयन हो रहा है.

इन कामों के लिए दिए जानी थी संबल हितग्राहियों को राशि: अंत्येष्टि सहायता योजना, अनुग्रह सहायता योजना, निशुल्क चिकित्सा प्रसूति सहायता योजना, सरल बिजली बिल योजना, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण योजना, उन्नत व्यवसाय हेतु उपकरण अनुदान योजना, बकाया बिजली बिल माफी योजना, शिक्षा प्रोत्साहन योजना, के तहत असंगठित कामगारों को संबल योजना का लाभ मिलता है. श्रम अधिकारी संदीप मिश्रा का कहना है कि "सभी हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है, सिंगल क्लिक पर सभी हितग्राहियों के खाते में राशि जारी की जाएगी. जानकारी आई है कि योजना के तहत कैबिनेट में बजट भी पास हो चुका है.'

छिंदवाड़ा। सरकार भले ही कितने ही दावे कर ले, लेकिन जमीनी आंकड़े कुछ अलग ही बयां करते हैं. फिलहाल ऐसे ही मध्यप्रदेश में संगठित क्षेत्रों के मजदूरों को सहायता देने के नाम से बनाई गई संबल योजना फंड की कमी के चलते छिंदवाड़ा के निम्न कोटि के लोगों को सहारा नहीं बन पा रही है, पिछले 1 साल में जिले में 1149 हितग्राहियों को सहायता का इंतजार है.

Municipal Corporation Chhindwara
नगर पालिका निगम छिंदवाड़ा

साल 2018 में शुरू की गई थी योजना: असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने 2018 में संबल योजना की शुरुआत की थी, योजना के तहत मृत होने पर ₹2 लाख और एक्सीडेंट में मृत होने पर ₹4 लाख देने का प्रावधान है. साथ ही अंत्येष्टि के लिए ₹5000 भी दिए जाते हैं, वहीं शहर में योजना नगरी निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के माध्यम से संचालित हो रही है.

साल भर से फंड का इंतजार: संबल और नया सवेरा के नामों में उलझी सरकारी योजना आमजनों का सहारा नहीं बन पाई है, वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है लेकिन साल भर से हितग्राही के खातों में राशि आने का इंतजार है. सरकारी सहायता मिल जाए इसके लिए हितग्राही सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अफसरों के पास भी हितग्राहियों से फंड की कमी का जवाब मिल रहा है.(MP Sambal Yojana) असंगठित मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने संबल योजना की शुरुआत की थी, लेकिन कोरोना से बिगड़ी शासन की वित्तीय स्थिति के कारण इस योजना की हितग्राही लाभान्वित नहीं हो पाए. 2021-22 से अब तक जिले में 1149 हितग्राहियों ने योजना के तहत आवेदन किया है, लेकिन फंड प्राप्त नहीं हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि वेरिफिकेशन तो सभी का हो चुका है, लेकिन शासन से फंड आने का इंतजार है.

रायसेन पहुंचे सीएम शिवराज ने संबल 2.0 का किया शुभारंभ, सिंगल क्लिक से हितग्राहियों के खाते में डाले 345 करोड़ रुपए

दो बार बदल चुका है योजना का नाम: योजना में राजनीति भी खूब हुई, लेकिन फंड जारी नहीं हुआ 2018 में योजना की शुरुआत के समय इसका नाम संबल रखा गया था. बाद में कमलनाथ सरकार ने इस योजना का नाम 'नया सवेरा' कर दिया, फिर जब कमलनाथ सरकार चली गई थी तो योजना का नाम फिर से संबल कर दिया गया. अब सवाल है कि क्या सरकारें योजनाओं का नाम ही बदलेंगी या फिर असंगठित कामगारों को कभी योजना का लाभ भी मिलेगा. 2018 में शुरू हुई इस योजना से अब तक जिले में 6 लाख 66 हजार लोगों को पंजीकृत किया जा चुका है, फरवरी 2020 से योजना में नए लोगों का पंजीयन हो रहा है.

इन कामों के लिए दिए जानी थी संबल हितग्राहियों को राशि: अंत्येष्टि सहायता योजना, अनुग्रह सहायता योजना, निशुल्क चिकित्सा प्रसूति सहायता योजना, सरल बिजली बिल योजना, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण योजना, उन्नत व्यवसाय हेतु उपकरण अनुदान योजना, बकाया बिजली बिल माफी योजना, शिक्षा प्रोत्साहन योजना, के तहत असंगठित कामगारों को संबल योजना का लाभ मिलता है. श्रम अधिकारी संदीप मिश्रा का कहना है कि "सभी हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है, सिंगल क्लिक पर सभी हितग्राहियों के खाते में राशि जारी की जाएगी. जानकारी आई है कि योजना के तहत कैबिनेट में बजट भी पास हो चुका है.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.