छिन्दवाड़ा। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा ऐसी विधानसभा है, जहां पूरे प्रदेश सहित देश की नज़रें टिकी हुई है. इस विधानसभा से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार हैं. वहीं, भाजपा ने युवा चेहरा बीजेपी के जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है. विवेक बंटी साहू और कमलनाथ के बीच साल 2019 में भी विधानसभा के उपचुनाव में मुकाबला हो चुका है. इसमें कमलनाथ ने विवेक बंटी साहू को 25 हजार 837 वोटो से चुनाव हराया था.
15 सालों से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस पार्टी को साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने अध्यक्ष रहते हुए सत्ता में वापसी करवाया था. हालांकि, करीब 15 महीना की सरकार के बाद ज्यादातर बजट छिंदवाड़ा के विकास में खर्च करने का आरोप लगाते हुए सिंधिया समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दिया था. इसके बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी गवानी पड़ी थी.
छिंदवाड़ा को पूरे प्रदेश में विकास का मॉडल बात कर सत्ता में वापसी करवाई थी. इधर, कमलनाथ एक बार फिर छिंदवाड़ा को फोकस करते हुए भाजपा सरकार पर छिंदवाड़ा के विकास में रुकावट करने का लगातार आरोप लगाते है. छिंदवाड़ा जिले में जितने भी विकास कामों को कमलनाथ की सरकार के रहते मंजूर किया गया था, उनमें अधिकतर कामों में भाजपा सरकार ने बजट कटौती की थी. एक बार फिर कमलनाथ छिंदवाड़ा को ही विकास का मॉडल बढ़कर प्रदेश में सत्ता वापसी का दावा कर रहे हैं.
कमलनाथ को घेरने बीजेपी ने रचा चक्रव्यूह: 9 बार के सांसद रहे, 38 सालों तक केंद्र की राजनीति करने के बाद 5 सालों से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ को छिंदवाड़ा में ही घेरने के लिए बीजेपी ने भी पूरा चक्रव्यूह रचा है. जिसके चलते भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा से ही विजय अभियान की शुरुआत की और इसके बाद बड़े-बड़े केंद्रीय मंत्री जिसमें गिरिराज सिंह,नरेंद्र सिंह तोमर स्मृति ईरानी एल मुरूगन प्रहलाद सिंह पटेल फगन सिंह कुलस्ते, भानु प्रताप वर्मा, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भाजपा संगठन के कैलाश विजयवर्गीय युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या जैसे कई नेताओं ने यहां के प्रचार की कमान संभाल रखी है.
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बीजेपी का दावा हमने किया विकास कमलनाथ ने किया छलावा: 42 सालों से छिंदवाड़ा जिले की राजनीति कर रहे पूर्व सीएम कमलनाथ का कहना है कि वह छिंदवाड़ा से लोगों के वोट नहीं बल्कि प्यार लेकर अब तक संसद में गए और वही जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री भी बनवाया. छिंदवाड़ा का विकास देखकर पूरे प्रदेश के विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है. कमलनाथ के दावे को बीजेपी छलावा बताती है. बीजेपी का कहना है कि पिछले 18 सालों से प्रदेश में उनकी सरकार है. छिंदवाड़ा का विकास बीजेपी की देन है. कमलनाथ ने सिर्फ छिंदवाड़ा की जनता के साथ छल किया है. भाजपा का कहना है कि छिंदवाड़ा में पार्टी के एक छोटे से कार्यकर्ता विवेक बंटी साहू ने साल 2019 के विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए कमलनाथ को मात्र 25000 वोटो के अंतर से चुनाव जीतने पर मजबूर कर दिया था, लेकिन इस बार तो जनता ने कमलनाथ के 15 महीने के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल देखा था, जिससे जनता त्रस्त थी और इस बार उन्हें विधायक के चुनाव में सबक सिखाएगी.
हालांकि, बीजेपी के तमाम प्रयासों के बाद भी 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को छिंदवाड़ा जिले की सातों सीटों हर का सामना करना पड़ा था. इतना ही नहीं पूरे देश में जब मोदी लहर थी, मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीट में से 28 लोकसभा भाजपा के खाते में गई थी. उसके बाद भी छिंदवाड़ा लोकसभा में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ चुनाव जीते थे. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कमलनाथ का छिंदवाड़ा जिला में कितना प्रभाव है. इस बार फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के मुकाबले में भाजपा के विवेक बंटी साहू मैदान में है.