छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज में 2020-21 सत्र के पैरामेडिकल नर्सिंग के छात्रों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के विरोध में छात्रों की ओर से कलेक्ट्रेट पहुंचकर जोरदार हंगामा किया गया. उन्होंने कहा कि लगातार कई बार ज्ञापन भी दिया है लेकिन न मेडिकल कॉलेज के डीन कोई कार्रवाई कर रहे हैं न ही प्रशासन. छात्राओं ने कहा कि जहां मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं को लाकर लोगों को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है तो वहीं उनके भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है.
परिजन ने जैसे तैसे जुटाए थे फीस के पैसेः छात्रों ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में जैसे-तैसे उनके परिजनों ने उनके भविष्य को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में रुपये जमा कराए थे कि उनके बच्चे भविष्य में कुछ अच्छा बनकर उनका नाम रोशन करें. परंतु मेडिकल प्रबंधन की लापरवाही का आरोप लगाते हुए छात्रों ने कहा कि 3 साल उनके जीवन के महत्वपूर्ण समय खराब कर दिया गया है.
अंधकार में दिखाई दे रहा भविष्यः छात्राओं ने बताया कि 1 साल की फीस करीब 80 हजार रुपये है. उन्हें छात्रवृत्ति को लेकर काफी उम्मीदें थी. मेडिकल कॉलेज में प्रवेश तो ले लिया, लेकिन लेटलतीफी के चलते उनका समय पर कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई. उस साल का पोर्टल बंद होने के कारण उन्हें छात्रवृत्ति भी नहीं मिल पाई. छात्राओं ने कहा कि उनका भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है.
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शीघ्र ही समस्या का निकला जाएगा हलः इस मामले पर मेडिकल कॉलेज के डीन गिरीश रामटेके ने बताया कि छात्रवृत्ति के लिए जिला प्रशासन और हमारे द्वारा भोपाल में लिखित रूप से पत्र व्यवहार किया गया है. शीघ्र बच्चों की छात्रवृत्ति और परीक्षाएं मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा कराई जाएगी. उन्होंने कई बार रिमाइंडर भी भेजा चुके हैं. बताया कोर्ट में केस होने के कारण कुछ देरी हो रही है. शीघ्र ही समस्या का हल निकला जाएगा.