छिंदवाड़ा। मृत हुए कर्मचारी को मिलने वाला पैसों में विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाबू ने 65 लाख रुपए की हेराफेरी करते हुए खुद के और अपनी पत्नियों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर दी. इस मामले में पिछले 15 दिनों से वित्त विभाग के संभागीय कार्यालय की पांच सदस्यीय टीम 25 जून से लगातार विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय छिंदवाड़ा में जांच कर रही है. जांच में शिक्षा विभाग के बाबू और कोषालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के बाद लगभग 65 लाख रुपए से अधिक राशि का गबन होना पाया है.
पत्नी और खुद के खाते में डलवा दिए पैसे: 15 बिन्दुओं की इस जांच रिपोर्ट में जो बात सामने निकलकर आई है, उसमें बीईओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड दो अनिल कुमार कुड़ापे ने वास्तविक दावेदार का खाता परिवर्तित कर इसके स्थान पर स्वयं के और पत्नी के खाते में कई बार राशि ट्रांसफर किया है. इस मामले में एक अन्य लिपिक किशोर कुमार जगदाले सहायक ग्रेड तीन के द्वारा भी इसी प्रकार खातों में राशि में ट्रांसफर करना पाया गया है. मामला बीईओ कार्यालय का होने के कारण विकासखंड शिक्षा अधिकारी आईएम भीमनवार सहित दोनों बाबू अब जांच के घेरे में आ गए हैं.
2018 से चल रहा था गबन का खेल: वित्त विभाग के संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जांच टीम के साथ संबंधितों से पूछताछ की. रोहित सिंह कौशल के बताया कि जांच अभी जारी है, गबन की राशि का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक शासन की ओर से जारी आवंटन की राशि की जांच हो रही है. संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल कलेक्टर शीतला पटले से भी मिले और जांच के संबंधि में जानकारी दी. कलेक्टर ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित भी किया है.
अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया सरकारी राशि: बाबू अनिल कुमार कुड़ापे ने वास्तविक दावेदार का खाता परिवर्तित कर उसके स्थान पर स्वयं का खाता दर्ज कर राशि डाली है. इसके अलावा सेवानिवृत्त, मृत कर्मचारियों के हितलाभों का भुगतान सहायक ग्रेड दो अनिल कुमार कुड़ापे ने स्वयं और पत्नी के खाते में डलवा दिया है. ऐसे ट्रांजेक्शन जो फेल हो जाते हैं, वह राशि भी खातों में डलवा दी गई. कार्यालय में अलग-अलग सामग्री खरीदी व अन्य कार्यों के लिए बनाए गए वेंडर के खाते के स्थान पर अपना खाता नंबर दर्ज कर भुगतान प्राप्त किया.
सहायक ग्रेड तीन किशोर कुमार जगदाले द्वारा अन्य विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाले हितलाभ की राशि, भृत्य द्वारा अपने बैंक खाते से अन्य दो अलग नाम के वेंडर बनाए गए हैं, जिसमें नियम विरुद्ध राशि डाली गई है. इसी प्रकार वार्षिक वेतन विवरण, फेल हुए ट्रांजेक्शन, छात्रवृत्ति की राशि पत्नी के खाते में डालने, वेंडर बनाकर गलत भुगतान, कर्मचारियों के अन्य भत्तों का अधिक का भुगतान किया गया है, जबकि इसमें वित्तीय अनुमति नहीं लेते हुए अनियमित भुगतान किया है.
लाखों रुपए की हेरफेर: छिंदवाड़ा बीईओ कार्यालय की जांच होने के बाद मोहखेड़ विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी जांच के घेरे में आ गया है. बताया जा रहा है कि सारना संकुल में भी कुछ गड़बड़ी सामने आई है. इसके अलावा सभी विकासखंडों में अलग-अलग बाउचरों की जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं मोहखेड़ विकासखंड में भी आगे जांच चल सकती है. टीम द्वारा जांच किए जाने के बाद दोनों ही बाबुओं ने राशि सरेंडर की है. जानकारी के अनुसार अनिल कुमार कुड़ापे द्वारा तकरीबन 35 लाख और किशोर कुमार जगदाले ने 6 लाख रुपए के आसपास राशि जमा कर दी है. वहीं इन्होंने अपने बयान में इस बात को भी स्वीकारा है कि उन्होंने कम्प्यूटर के जरिए ऐसा किया है.