छिंदवाड़ा। मोहखेड़ विकासखंड के नरसला ग्राम पंचायत की मनरेगा मजदूर बतसिया बाई यदुवंशी दिल्ली के लाल किला में आयोजित किए गए स्वतंत्रता दिवस समारोह की विशिष्ट मेहमान के तौर पर शामिल हुई. इस दौरान बतसिया बाई यदुवंशी ने दिल्ली दर्शन भी किया, उन्होंने कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे दिल्ली आने का मौका मिलेगा.
बतसिया बाई स्वतंत्रता दिवस समारोह की विशिष्ट अतिथि: मोहखेड़ जनपद पंचायत के नरसला ग्राम पंचायत की रहने वाली बतसिया बाई यदुवंशी का परिवार मजदूरी करके जिंदगी की गुजर बसर करता है. नरसला में मनरेगा के तहत भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अमृत सरोवर का निर्माण किया जा रहा था, इसी में बतसिया बाई यदुवंशी ने मजदूरी की. सरकारी नियम के अनुसार मनरेगा में 100 दिन का रोजगार मजदूरों को दिया जाता है, इसी के चलते बतसिया बाई ने सबसे ज्यादा मानव दिवस 95 दिन की मजदूरी किया. इसी के एवज में भारत सरकार ने तोहफा देते हुए बतासिया बाई को दिल्ली के लाल किला में आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य आयोजन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर बुलाया गया था.
बतसिया बाई को मजदूरी करने का मिला ईनाम: मजदूर महिला के साथ दिल्ली जाने वाले ग्राम पंचायत रोजगार सहायक नितेश शेरके ने बताया कि "भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मिशन अमृत सरोवर में काम करने वाले श्रमिकों को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. मोहखेड़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत नरसला से बतसिया बाई पति श्रीचंद का चयन किया गया था. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यक्रम में भाग लेने वाले मजदूरों के लिये ड्रेस कोड निर्धारित किया गया था, जिसके अनुसार महिला अतिथियों के लिये सफेद चूड़ीदार सूट 3 कलर का स्टॉल तथा पुरुष अतिथियों के लिये सफेद कुर्ता पजामा 3 कलर का स्टॉल पहनना था."
बतसिया बाई ने किया दिल्ली दर्शन: मजदूर बतसिया बाई यदुवंशी ने ईटीवी भारत को बताया कि "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी दिल्ली जा पाऊंगी और लाल किला में विशिष्ट अतिथि बन पाऊंगी, लेकिन दिल्ली पहुंचकर मैंने देश की राजधानी को देखा और लाल किला में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुई, जहां मेरा भारत सरकार के द्वारा अतिथि सत्कार किया गया. इसके साथ ही मैंने नई दिल्ली के कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को भी घूमा."