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ऐसे करेंगे बुआई तो किसान होंगे मालामाल: जानिए कृषि वैज्ञानिक ने क्या सलाह दी

छिंदवाड़ा में बोवनी से पहले कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खास सलाह दी है. कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि किसान बोवनी में जल्द ना करें अच्छी बारिश का इंतजार करे, इसके साथ बाजार से अच्छे बीज और खाद का चयन करें. बाजार में नकली और अमानक बीज भारी मात्रा में है.

farmers waiting to sow
बोवनी के इंतजार में किसान
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Published : Jun 7, 2021, 9:54 AM IST

छिंदवाड़ा। जिले में भीषण गर्मी के बाद अब मौसम ने भी करवट ले ली है हल्के बादल और बूंदाबांदी के बीच तापमान में भी गिरावट आई है. वहीं किसानों ने बोवनी को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है जिसको लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि किसान भाई अच्छी बारिश होने के बाद ही बोवनी करें, जल्दबाजी ना करें इसके साथ ही सही बीज और खाद का चयन करें.

बोवनी से पहले कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
  • वैज्ञानिक की सलाह, अपर्याप्त पानी की स्थिति में ना करें बोवनी

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार पराड़कर ने कहा कि कई बार किसान कम बारिश होने पर ही बोवनी करने की जल्दबाजी कर देते है यही कारण होता है कि उनकी फसल उगने से पहले ही खराब हो जाती है हालांकि इस साल मौसम सामान्य बारिश का रहेगा, उन्होंने बताया कि लगभग 4 इंच या 100 mm बारिश ना हो जाए, तब तक किसानों को बोवनी नहीं करनी चाहिए.

  • सही बीजों का करें चयन

कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दी कि सही बीजों का चयन करें, सही बीजों का चयन नहीं होने के कारण बाजार में कई नकली बीज भी पहुंच रहे हैं जिसके कारण किसानों का पैसा और मेहनत पूरी पानी में चली जाती है वहीं पिछले साल छिंदवाड़ा जिले में नकली बीज को लेकर सबसे अधिक प्रकरण बने थे हालांकि इस साल भी नकली बीज को लेकर एक प्रकरण दर्ज हो चुका है.

शहडोल: खाद की किल्लत से बोवनी में हो रही देरी, किसान परेशान

  • छिंदवाड़ा में बोवनी को लेकर स्थिति

छिंदवाड़ा जिला सतपुड़ा अंचल में होने के कारण अलग भागों में अलग-अलग दिनों के अंतराल में पानी सामान्य तौर पर आ जाता है छिंदवाड़ा जिले की सतपुड़ा अंचल समतलीय भाग में 7 जून से 10 जून तक समान रूप से बारिश हो जाती थी वहीं सतपुड़ा अंचल के पठारी भाग जैसे तहसील मोहखेड़, चौरई, छिंदवाड़ा में आमतौर पर 15 तारीख से 20 तारीख तक समान रूप से शुरु हो जाती थी वहीं सतपुड़ा आंचल के पहाड़ी भाग में जैसे तहसील जुन्नारदेव तामिया हर्रई अमरवाड़ा में 25 तारीख के बाद से बारिश शुरु हो जाती थी.

  • किसानों ने शुरू की तैयारियां

नौतपा के समाप्त होने के बाद किसानों ने खेती की तैयारियां शुरू कर दी है हल बखर लेकर अपने खेतों में जुताई कर रहे हैं तो कहीं ट्रैक्टर के माध्यम से जुताई करने में किसान लग गया है बारिश के पूर्व बीज खाद और खेतों की जुताई संबंधी अन्य कार्य कर पूर्ण कर लेते हैं जिसके बाद ही उचित बारिश होने के बाद बीजों को लगाया जा सके.

छिंदवाड़ा। जिले में भीषण गर्मी के बाद अब मौसम ने भी करवट ले ली है हल्के बादल और बूंदाबांदी के बीच तापमान में भी गिरावट आई है. वहीं किसानों ने बोवनी को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है जिसको लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि किसान भाई अच्छी बारिश होने के बाद ही बोवनी करें, जल्दबाजी ना करें इसके साथ ही सही बीज और खाद का चयन करें.

बोवनी से पहले कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
  • वैज्ञानिक की सलाह, अपर्याप्त पानी की स्थिति में ना करें बोवनी

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार पराड़कर ने कहा कि कई बार किसान कम बारिश होने पर ही बोवनी करने की जल्दबाजी कर देते है यही कारण होता है कि उनकी फसल उगने से पहले ही खराब हो जाती है हालांकि इस साल मौसम सामान्य बारिश का रहेगा, उन्होंने बताया कि लगभग 4 इंच या 100 mm बारिश ना हो जाए, तब तक किसानों को बोवनी नहीं करनी चाहिए.

  • सही बीजों का करें चयन

कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दी कि सही बीजों का चयन करें, सही बीजों का चयन नहीं होने के कारण बाजार में कई नकली बीज भी पहुंच रहे हैं जिसके कारण किसानों का पैसा और मेहनत पूरी पानी में चली जाती है वहीं पिछले साल छिंदवाड़ा जिले में नकली बीज को लेकर सबसे अधिक प्रकरण बने थे हालांकि इस साल भी नकली बीज को लेकर एक प्रकरण दर्ज हो चुका है.

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  • छिंदवाड़ा में बोवनी को लेकर स्थिति

छिंदवाड़ा जिला सतपुड़ा अंचल में होने के कारण अलग भागों में अलग-अलग दिनों के अंतराल में पानी सामान्य तौर पर आ जाता है छिंदवाड़ा जिले की सतपुड़ा अंचल समतलीय भाग में 7 जून से 10 जून तक समान रूप से बारिश हो जाती थी वहीं सतपुड़ा अंचल के पठारी भाग जैसे तहसील मोहखेड़, चौरई, छिंदवाड़ा में आमतौर पर 15 तारीख से 20 तारीख तक समान रूप से शुरु हो जाती थी वहीं सतपुड़ा आंचल के पहाड़ी भाग में जैसे तहसील जुन्नारदेव तामिया हर्रई अमरवाड़ा में 25 तारीख के बाद से बारिश शुरु हो जाती थी.

  • किसानों ने शुरू की तैयारियां

नौतपा के समाप्त होने के बाद किसानों ने खेती की तैयारियां शुरू कर दी है हल बखर लेकर अपने खेतों में जुताई कर रहे हैं तो कहीं ट्रैक्टर के माध्यम से जुताई करने में किसान लग गया है बारिश के पूर्व बीज खाद और खेतों की जुताई संबंधी अन्य कार्य कर पूर्ण कर लेते हैं जिसके बाद ही उचित बारिश होने के बाद बीजों को लगाया जा सके.

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