छिंदवाड़ा। राजेगांव में एक किसान ने बैंक के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी, इस पर जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने जांच के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार में ऐसी घटना दुखदाई होती है, वे इस पर दुख व्यक्त करते हैं. कमल पटेल ने कहा कि पूर्व में जब मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनी थी उस समय उन्होंने किसानों से झूठा वादा करते हुए कर्ज माफी के लिए कहा था, लेकिन कमलनाथ सरकार ने कर्ज माफ नहीं किया, जिसके चलते किसानों ने जमा कर्ज जमा नहीं किया और अब वही कर किसानों के लिए मौत का कारण बन रहा है. जबकि भाजपा सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है.
बैंक वाले बना रहे थे किसान पर दबाव: मोहखेड़ ब्लॉक में बैंक के कर्ज से परेशान होकर एक किसान 55 वर्षीय किसान रामपथ पिता गणपत पवार ने खुदकुशी कर ली थी, परिजनों का कहना है कि स्टेट बैंक से उसने 1 लाख 75 हजार का क्रेडिट लोन लिया था, जिसके बाद से ही लगातार बैंक कर्ज चुकाने का दबाव बना रहा था. किसान पर करीब ढाई लाख रुपए का कर्ज था, जिसकी वसूली के लिए बैंक द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था.
कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या, पत्नी का आरोप- बैंककर्मी वसूली के लिए कर रहे थे प्रताड़ित
बैंक अधिकारी दे रहे थे संपत्ति की कुर्की की धमकी: बता दें कि इस क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि के कारण किसान की फसल चौपट हो गई थी, जिसके कारण किसान अपना कर्जा नहीं चुका पा रहा था, मृतक की कुल 4 एकड़ जमीन थी और वही उसके जीवन यापन का साधन था. मृतक के परिजनों का आरोप है कि बैंक अधिकारी लगातार वसूली के लिए धमकियां दे रहे थे. मृतक की पत्नी कुश्मीरा ने बताया 2 दिन पूर्व भी बैंक अधिकारी घर आए थे और संपत्ति की कुर्की कराने की धमकी दे रहे थे, जिसे लेकर किसान मानसिक तनाव में था, कर्ज लौटाने का कोई रास्ता ना देख कर उसने सल्फास पीकर अपनी जान दे दी.
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