ETV Bharat / state

Chhindwara News: रिश्वतखोर जनपद पंचायत CEO को 4 साल का सश्रम कारावास, जुर्माना भी ठोका

author img

By

Published : Jun 29, 2023, 11:48 AM IST

छिंदवाड़ा जिले में रिश्वत के मामले में तामिया जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ को कोर्ट ने 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है. ये मामला साल 2014 का है.

bribery CEO 4 years imprisonment
छिंदवाड़ा रिश्वतखोर जनपद पंचायत सीईओ को कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा

छिंदवाड़ा। जिले के तामिया के जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ महावीर प्रसाद जैन को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. लोकायुक्त की टीम ने साल 2014 में ये कार्रवाई की थी. तत्कालीन सीईओ ने पंचायत सचिव से रिश्वत ली थी. सचिव से ₹50 हजार की रिश्वत की मांग की गई थी. सचिव द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त से की गई. लोकायुक्त ने सारे सबूत इकट्ठे कर छापा मारने की रणनीति बनाई और तत्कालीन सीईओ को ₹20 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया था.

मामला 9 साल पहले का : जिला अभियोजन अधिकारी समीर पाठक ने बताया कि 2 दिसंबर 2014 को पंचायत सचिव सुमन मरकाम ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि तामिया जनपद पंचायत के सीईओ महावीर प्रसाद जैन द्वारा उनकी पंचायत के रिकॉर्ड का परीक्षण किया गया था. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई न करने के एवज में तत्कालीन सीईओ ने रिश्वत मांगी थी. इस मामले में न्यायधीश वरुण पुनासे ने आरोपी को दोषी करार दिया है. आरोपी सीईओ को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 में 4 साल के सश्रम कारावास और ₹10 हजार अर्थदंड से दंडित किया गया है.

ये खबरें भी पढ़ें...

लोकायुक्त ने की थी कार्रवाई : इस मामले की विवेचना लोकायुक्त निरीक्षक प्रभात शुक्ला ने की थी. लोकायुक्त के अनुसार तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी महावीर प्रसाद जैन को शासकीय निवास पर 20 हजार की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ पकडा गया था. लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद महावीर जैन की अवैध अकूत संपत्ति का खुलासा हुया था. लोकायुक्त ने भोपाल और ग्वालियर के ठिकानो में भी छापे की कार्रवाई की थी. सचिव सुमरन मरकाम ने जैसे ही रिश्वत के पैसे दिए तो महावीर प्रसाद जैन ने लेकर अपनी पत्नी शोभा जैन को दे दिए. पहले से लोकायुक्त टीम ने घेराबंदी कर तत्काल छापा मारा.

छिंदवाड़ा। जिले के तामिया के जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ महावीर प्रसाद जैन को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. लोकायुक्त की टीम ने साल 2014 में ये कार्रवाई की थी. तत्कालीन सीईओ ने पंचायत सचिव से रिश्वत ली थी. सचिव से ₹50 हजार की रिश्वत की मांग की गई थी. सचिव द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त से की गई. लोकायुक्त ने सारे सबूत इकट्ठे कर छापा मारने की रणनीति बनाई और तत्कालीन सीईओ को ₹20 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया था.

मामला 9 साल पहले का : जिला अभियोजन अधिकारी समीर पाठक ने बताया कि 2 दिसंबर 2014 को पंचायत सचिव सुमन मरकाम ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि तामिया जनपद पंचायत के सीईओ महावीर प्रसाद जैन द्वारा उनकी पंचायत के रिकॉर्ड का परीक्षण किया गया था. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई न करने के एवज में तत्कालीन सीईओ ने रिश्वत मांगी थी. इस मामले में न्यायधीश वरुण पुनासे ने आरोपी को दोषी करार दिया है. आरोपी सीईओ को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 में 4 साल के सश्रम कारावास और ₹10 हजार अर्थदंड से दंडित किया गया है.

ये खबरें भी पढ़ें...

लोकायुक्त ने की थी कार्रवाई : इस मामले की विवेचना लोकायुक्त निरीक्षक प्रभात शुक्ला ने की थी. लोकायुक्त के अनुसार तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी महावीर प्रसाद जैन को शासकीय निवास पर 20 हजार की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ पकडा गया था. लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद महावीर जैन की अवैध अकूत संपत्ति का खुलासा हुया था. लोकायुक्त ने भोपाल और ग्वालियर के ठिकानो में भी छापे की कार्रवाई की थी. सचिव सुमरन मरकाम ने जैसे ही रिश्वत के पैसे दिए तो महावीर प्रसाद जैन ने लेकर अपनी पत्नी शोभा जैन को दे दिए. पहले से लोकायुक्त टीम ने घेराबंदी कर तत्काल छापा मारा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.