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परिवार के इंतजार में पांच दिन पड़ी रही युवक की लाश, आखिर पांढुर्णा में ही हुआ अंतिम संस्कार

छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में बिहार के एक युवक का शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों की राह देखता रहा. आखिरकार जब परिजन नहीं पहुंचे तो उनकी सहमति से पांढुर्णा में ही मृतक का अंतिम संस्कार किया गया.

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Published : Dec 24, 2020, 8:43 PM IST

chhindwara
परिवार के इंतजार में पांच दिन पड़ी रही युवक की लाश

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में बिहार के एक युवक के अंतिम संस्कार के लिए दो प्रदेश के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से पत्राचार चलता रहा. आखिर में परिजनों की सहमति से 5 दिन बाद पांढुर्णा में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया.

मृतक उदय पंडित बिहार के ग्राम सिउर जिला नवादा का निवासी है. जिसने पांढुर्णा के देवखापा के पास एक किसान के खेत में 20 दिसंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जब पांढुर्णा पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मृतक बिहार का निवासी निकला. थाना प्रभारी संजीव त्रिपाठी ने तत्काल परिवार के सदस्यों को सूचना दी. परिजनों के मुताबिक वह मानसिक रूप से कमजोर था. मृतक के परिवार ने आर्थिक तंगी के चलते शव को गृह ग्राम लाने के लिए बिहार के सांसद से मदद की गुहार लगाई.

परिवार के इंतजार में पांच दिन पड़ी रही युवक की लाश

सांसद ने छिंदवाड़ा कलेक्टर सौरभ सुमन से दूरभाष पर चर्चा की उसके बाद सांसद और पांढुर्णा पुलिस थाने के बीच शव को गांव ले जाने के लिए पत्राचार चलता रहा आखिर कलेक्टर के निर्देश पर पांढुर्णा सरकारी अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के शव को फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया. लेकिन 5 दिन बाद भी परिजन नहीं आने से शव खराब होने लगा. आखिर मृतक के पिता राघो पंडित और पत्नी सुलेखा की सहमति के बाद पांढुर्णा नगर पालिका प्रशासन ने इस युवक का अंतिम संस्कार किया गया.

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में बिहार के एक युवक के अंतिम संस्कार के लिए दो प्रदेश के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से पत्राचार चलता रहा. आखिर में परिजनों की सहमति से 5 दिन बाद पांढुर्णा में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया.

मृतक उदय पंडित बिहार के ग्राम सिउर जिला नवादा का निवासी है. जिसने पांढुर्णा के देवखापा के पास एक किसान के खेत में 20 दिसंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जब पांढुर्णा पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मृतक बिहार का निवासी निकला. थाना प्रभारी संजीव त्रिपाठी ने तत्काल परिवार के सदस्यों को सूचना दी. परिजनों के मुताबिक वह मानसिक रूप से कमजोर था. मृतक के परिवार ने आर्थिक तंगी के चलते शव को गृह ग्राम लाने के लिए बिहार के सांसद से मदद की गुहार लगाई.

परिवार के इंतजार में पांच दिन पड़ी रही युवक की लाश

सांसद ने छिंदवाड़ा कलेक्टर सौरभ सुमन से दूरभाष पर चर्चा की उसके बाद सांसद और पांढुर्णा पुलिस थाने के बीच शव को गांव ले जाने के लिए पत्राचार चलता रहा आखिर कलेक्टर के निर्देश पर पांढुर्णा सरकारी अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के शव को फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया. लेकिन 5 दिन बाद भी परिजन नहीं आने से शव खराब होने लगा. आखिर मृतक के पिता राघो पंडित और पत्नी सुलेखा की सहमति के बाद पांढुर्णा नगर पालिका प्रशासन ने इस युवक का अंतिम संस्कार किया गया.

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