छिंदवाड़ा। देश भर में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्का का उत्पादन होता है. इस बार मक्का उत्पादक किसानों के ऊपर फॉल आर्मी वर्म नामक कीटनाशक ने संकट के बादल ला दिए हैं, लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों का कहना है कि घरेलू उपाय करके मक्के की फसल को सुरक्षित कर सकते हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार और शुभी एसबी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि किसानों को इस बीमारी को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, पहले यह बीमारी भारत में नहीं थी, लेकिन इस साल ये भारत में भी आ गई है. कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किसानों को घरेलू उपाय करना चाहिए.
'फॉल आर्मी वर्म' का मक्के की फसल पर हमला, परेशान किसाने करें ये उपाय - 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलता है
छिंदवाड़ा में मक्के के खेत में फॉल आर्मी वर्म नामक कीटनाशक ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने कुछ घरेलू उपाय करके मक्के की फसल को कीटनाशक से बचाने का उपाय बताया है.
छिंदवाड़ा। देश भर में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्का का उत्पादन होता है. इस बार मक्का उत्पादक किसानों के ऊपर फॉल आर्मी वर्म नामक कीटनाशक ने संकट के बादल ला दिए हैं, लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों का कहना है कि घरेलू उपाय करके मक्के की फसल को सुरक्षित कर सकते हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार और शुभी एसबी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि किसानों को इस बीमारी को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, पहले यह बीमारी भारत में नहीं थी, लेकिन इस साल ये भारत में भी आ गई है. कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किसानों को घरेलू उपाय करना चाहिए.
Body:छिंदवाड़ा में मक्के की फसल में लगे फॉल आर्मीवर्म की जांच के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से आए वैज्ञानिकों की टीम ने छिंदवाड़ा जिले के कई इलाकों का दौरा किया ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि किसान घरेलू उपायों से भी इस भयंकर बीमारी से फसल को बचा सकता है।
चूने और राख का करें उपयोग
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार और शुभी एसबी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि किसानों को इस बीमारी को लेकर ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है, पहले यह बीमारी भारत में नहीं थी लेकिन इस साल से इसमें भारत में दस्तक दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किसानों को घरेलू उपाय करना चाहिए जिसके चलते वे घर में उपयोग किए जाने वाले चूने या घर की निकलने वाली राख से इस बीमारी में नियंत्रण कर सकते हैं इसके लिए किसानों को 9 भाग मिट्टी का ओर एक भाग चूने का मिलाकर उसे मक्के की ऊपर डालना होगा जिससे फॉल आर्मीवर्म के कीट नष्ट हो जाएंगे, ठीक वैसे ही 7 भाग मिट्टी के लेकर और उसमें तीन भाग घर में निकलने वाली राख मिलाकर मक्के के पौधों में डाला जाए तो फॉल आर्मीवर्म पर पूरी तरीके से नियंत्रण हो जाता है।
Conclusion:वैज्ञानिकों ने बताया कि मक्के की फसल पर भयंकर अटैक करने वाला फॉल आर्मीवर्म कीट इतना खतरनाक है कि वह 1 दिन में 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलता है जिससे आसपास के इलाके में बहुत तेजी से फैलता है इसलिए इसका नियंत्रण किसानों को करना जरूरी है और उसके लिए उसकी पहचान भी आवश्यक है।
121- डॉ अनूप कुमार,कृषि वैज्ञानिक,ICAR, नई दिल्ली
डॉ शुभी एसबी,कृषि वैज्ञानिक ICAR,नई दिल्ली