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वेंटिलेटर खरीदी में धांधली, विक्रेता ब्लैक लिस्टेड, दो कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकी गई - सांसद नकुलनाथ

सांसद निधि से खरीदे गए एडल्ट वेंटीलेटर और दो बायपैक मशीन की खरीदी में अनियमितता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए विक्रेता को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. साथ ही दो कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोक दी गई है.

Action taken on district hospital
जिला अस्पताल पर की गई कार्रवाई
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Published : Apr 22, 2020, 12:16 PM IST

छिंदवाड़ा। कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने सांसद निधि से खरीदे गये एडल्ट वेंटीलेटर और दो बायपैक मशीन की खरीदी में अनियमितताओं की शिकायत पर कार्रवाई की, जिसमें विक्रेता को 3 साल तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. साथ ही दो कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए वेतनवृद्धि रोकने का आदेश दिया है. कलेक्टर ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों को ध्यान में रखते हुए सांसद नकुलनाथ ने जिला असपताल में 2 एडल्ट वेंटिलेटर और दो बायपैक मशीन खरीदने के लिए सांसद निधि से 25 लाख रूपये उपलब्ध कराई थी, जिसके लिए सिविल सर्जन, सह अधीक्षक, जिला चिकित्सालय को राशि देते हुए एजेंसी बनाई गई थी.

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प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन के 27 मार्च 2020 के पत्र के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अप्रत्याशित परिस्थितियों में भण्डार क्रय, नियमों, अन्य निर्देशों को प्रशासकीय और वित्तीय अधिकार जिला अधिकारी को सीधे दिए गए हैं. इन्ही निर्देशों का पालन करते हुए जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को दो वेंटीलेटर और दो बायपैक मशीन दी गई थी. कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण को रोकने और राज्य शासन द्वारा जारी प्रदेशों के लिए ऐसे कठिन परिस्थितियों में किसी भी उपकरण व सामग्री की उपलब्धता ही किसी भी संस्था का एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए, जिससे लोगों का उचित इलाज हो सके.

कलेक्टर डॉक्टर शर्मा ने बताया कि सांसद निधि से दिए गए एडल्ट वेंटीलेटर और दो बायपैक मशीन की खरीदी में अनियमितताओं के संबंध में 10 अप्रैल 2020 को शिकायत मिली थी. मेडिकल कॉलेज के डीन को 3 दिन के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया गया था. साथ ही संबंधित फर्म के भुगतान पर तत्काल रोक लगाई गई. जांच समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत की. हालांकि शिकायतकर्ताओं द्वारा फिर से कई बिंदुओं पर जांच के लिए आवेदन पेश करने के लिए मेडिकल कॉलेज के डीन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को अपनी संयुक्त एक्सपर्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए. मेडिकल कॉलेज के डीन से प्राप्त जांच रिपोर्ट में प्रस्तुत तथ्यों के अनुसार इन उपकरणों की दर वर्तमान में एम.पी.पी.एच.एस.एच.सी.एल. कार्पोरेशन लिमिटेड की एन.आई.टी. 152 में मेंशन है, जिसके अनुसार यह क्रय आदेश मेसर्स डिसेंट मेडिकल इक्युपमेंट सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को जारी किया गया, लेकिन उनके द्वारा लिखित में वेंटीलेटर 30 दिनों के बाद उपलब्ध होने पर ही सप्लाई के लिए सूचित किया गया.

यह वेंटिलेटर कोरोना वैश्विक महामारी के लिए उचित नहीं होने की वजह से क्रय आदेश जारी नहीं किए गए. जन स्वास्थ्य और कोविड-19 के इलाज के लिए अत्यंत आवश्यक होने पर जिला चिकित्सालय की क्रय समिति के सदस्यों द्वारा सीमित समय में स्थानीय क्रेता के माध्यम से एम.पी.पी.एच.एस.एच.सी.एल. के स्पेशिफिकेशन और दर पर एन.आइ.टी. 152 के आधार पर सप्लाई का निर्णय लिया गया. जिला चिकित्सालय की क्रय समिति के अप्रुवल के बाद नोटशीट के माध्यम से कलेक्टर से 28 मार्च 2020 को अनुमोदन प्राप्त कर मेसर्स तिरूपति फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर को क्रय आदेश दिए गए, जिसमें शर्त थी कि वे दो दिन के अंदर वेंटिलेटर उपलब्ध करायेंगे. वेंटिलेटर के लिये 28 मार्च 2020 को बिना लिखित में निर्देश दिये गये थे, जिसमें 30 मार्च 2020 तक स्टॉक रजिस्टर में क्रय की एंट्री किये जाने के निर्देश थे. फर्म द्वारा तत्काल 1 एडल्ट वेंटिलेटर और एक पोर्टेबल वेंटिलेटर दिया गया. बिल भी दो एडल्ट वेंटिलेटर का दिया गया. साथ ही फर्म द्वारा सहमति दी गई कि आगामी समय में एक और एडल्ट वेंटिलेटर दिया जायेगा और पोर्टेबल वेंटिलेटर हटा दिया जायेगा.

जिला चिकित्सालय द्वारा तिरुपति फार्मा डिसटीब्यूटर के संबंधित देखो का भुगतान नहीं करने और वित्तीय अनियमितता पाए जाने के चलते इस फर्म से अगले 3 साल तक के प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही संबंधित फर्म द्वारा प्रस्तुत गड़बड़ी ऋण का सही तरह से सत्यापन नहीं किए जाने, बिना परीक्षण स्टोर में आवक में लेकर सत्यापन करने, चिकित्सा उपकरणों की नस्ती के प्रस्तुतीकरण में सिविल सर्जन से अधीक्षक कार्यालय के क्रय प्रभारी व स्टोर प्रभारी की अनियमितता पाए जाने पर दोनों कर्मचारियों द्वारा भंडार क्रय नियमों के अनुरूप सही तरह से कार्रवाई नहीं करने, गलत देखो को सही मानते हुए स्टोर में आवक किए जाने और उसकी दर स्पेसिफिकेशन का सत्यापन का प्रमाणित किया जाकर देयक भुगतान के लिए अनुशंसित करने को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अंतर्गत कद आचरण की श्रेणी में मानते हुए दोषी कर्मचारी फार्मासिस्ट अमोल ओकाटे और मनीष दुबे को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत 2-2 वेतन वृध्दि रोकने के आदेश से दंडित किया है.

छिंदवाड़ा। कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने सांसद निधि से खरीदे गये एडल्ट वेंटीलेटर और दो बायपैक मशीन की खरीदी में अनियमितताओं की शिकायत पर कार्रवाई की, जिसमें विक्रेता को 3 साल तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. साथ ही दो कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए वेतनवृद्धि रोकने का आदेश दिया है. कलेक्टर ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों को ध्यान में रखते हुए सांसद नकुलनाथ ने जिला असपताल में 2 एडल्ट वेंटिलेटर और दो बायपैक मशीन खरीदने के लिए सांसद निधि से 25 लाख रूपये उपलब्ध कराई थी, जिसके लिए सिविल सर्जन, सह अधीक्षक, जिला चिकित्सालय को राशि देते हुए एजेंसी बनाई गई थी.

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प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन के 27 मार्च 2020 के पत्र के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अप्रत्याशित परिस्थितियों में भण्डार क्रय, नियमों, अन्य निर्देशों को प्रशासकीय और वित्तीय अधिकार जिला अधिकारी को सीधे दिए गए हैं. इन्ही निर्देशों का पालन करते हुए जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को दो वेंटीलेटर और दो बायपैक मशीन दी गई थी. कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण को रोकने और राज्य शासन द्वारा जारी प्रदेशों के लिए ऐसे कठिन परिस्थितियों में किसी भी उपकरण व सामग्री की उपलब्धता ही किसी भी संस्था का एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए, जिससे लोगों का उचित इलाज हो सके.

कलेक्टर डॉक्टर शर्मा ने बताया कि सांसद निधि से दिए गए एडल्ट वेंटीलेटर और दो बायपैक मशीन की खरीदी में अनियमितताओं के संबंध में 10 अप्रैल 2020 को शिकायत मिली थी. मेडिकल कॉलेज के डीन को 3 दिन के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया गया था. साथ ही संबंधित फर्म के भुगतान पर तत्काल रोक लगाई गई. जांच समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत की. हालांकि शिकायतकर्ताओं द्वारा फिर से कई बिंदुओं पर जांच के लिए आवेदन पेश करने के लिए मेडिकल कॉलेज के डीन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को अपनी संयुक्त एक्सपर्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए. मेडिकल कॉलेज के डीन से प्राप्त जांच रिपोर्ट में प्रस्तुत तथ्यों के अनुसार इन उपकरणों की दर वर्तमान में एम.पी.पी.एच.एस.एच.सी.एल. कार्पोरेशन लिमिटेड की एन.आई.टी. 152 में मेंशन है, जिसके अनुसार यह क्रय आदेश मेसर्स डिसेंट मेडिकल इक्युपमेंट सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को जारी किया गया, लेकिन उनके द्वारा लिखित में वेंटीलेटर 30 दिनों के बाद उपलब्ध होने पर ही सप्लाई के लिए सूचित किया गया.

यह वेंटिलेटर कोरोना वैश्विक महामारी के लिए उचित नहीं होने की वजह से क्रय आदेश जारी नहीं किए गए. जन स्वास्थ्य और कोविड-19 के इलाज के लिए अत्यंत आवश्यक होने पर जिला चिकित्सालय की क्रय समिति के सदस्यों द्वारा सीमित समय में स्थानीय क्रेता के माध्यम से एम.पी.पी.एच.एस.एच.सी.एल. के स्पेशिफिकेशन और दर पर एन.आइ.टी. 152 के आधार पर सप्लाई का निर्णय लिया गया. जिला चिकित्सालय की क्रय समिति के अप्रुवल के बाद नोटशीट के माध्यम से कलेक्टर से 28 मार्च 2020 को अनुमोदन प्राप्त कर मेसर्स तिरूपति फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर को क्रय आदेश दिए गए, जिसमें शर्त थी कि वे दो दिन के अंदर वेंटिलेटर उपलब्ध करायेंगे. वेंटिलेटर के लिये 28 मार्च 2020 को बिना लिखित में निर्देश दिये गये थे, जिसमें 30 मार्च 2020 तक स्टॉक रजिस्टर में क्रय की एंट्री किये जाने के निर्देश थे. फर्म द्वारा तत्काल 1 एडल्ट वेंटिलेटर और एक पोर्टेबल वेंटिलेटर दिया गया. बिल भी दो एडल्ट वेंटिलेटर का दिया गया. साथ ही फर्म द्वारा सहमति दी गई कि आगामी समय में एक और एडल्ट वेंटिलेटर दिया जायेगा और पोर्टेबल वेंटिलेटर हटा दिया जायेगा.

जिला चिकित्सालय द्वारा तिरुपति फार्मा डिसटीब्यूटर के संबंधित देखो का भुगतान नहीं करने और वित्तीय अनियमितता पाए जाने के चलते इस फर्म से अगले 3 साल तक के प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही संबंधित फर्म द्वारा प्रस्तुत गड़बड़ी ऋण का सही तरह से सत्यापन नहीं किए जाने, बिना परीक्षण स्टोर में आवक में लेकर सत्यापन करने, चिकित्सा उपकरणों की नस्ती के प्रस्तुतीकरण में सिविल सर्जन से अधीक्षक कार्यालय के क्रय प्रभारी व स्टोर प्रभारी की अनियमितता पाए जाने पर दोनों कर्मचारियों द्वारा भंडार क्रय नियमों के अनुरूप सही तरह से कार्रवाई नहीं करने, गलत देखो को सही मानते हुए स्टोर में आवक किए जाने और उसकी दर स्पेसिफिकेशन का सत्यापन का प्रमाणित किया जाकर देयक भुगतान के लिए अनुशंसित करने को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अंतर्गत कद आचरण की श्रेणी में मानते हुए दोषी कर्मचारी फार्मासिस्ट अमोल ओकाटे और मनीष दुबे को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत 2-2 वेतन वृध्दि रोकने के आदेश से दंडित किया है.

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