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ग्राउंड जीरोः करेले ने किसानों का मन किया कड़वा, खेतों में बर्बाद हो रही फसल

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Published : May 6, 2020, 4:10 PM IST

Updated : May 6, 2020, 5:56 PM IST

छिंदवाड़ा जिले में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है. लॉकडाउन की वजह से करेले की फसल खेत में भी बर्बाद हो रही है. एक आंकलन के मुताबिक क्षेत्र के किसानों को ये नुकसान करोड़ों में पहुंच गया है.

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किसानों को भारी नुकसान

छिंदवाड़ा। लाखों की कमाई देने वाला करेला अब किसानों के लिए हकीकत में नीम चढ़ा हो गया है. लॉकडाउन की वजह से बाजार नहीं खुल रहे हैं. जिससे करेला अब खेत में खराब होने लगा है. यही हालात दूसरी हरी सब्जियों की भी हैं. जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.

लॉकडाउन से किसानों को भारी नुकसान

खेतों में लगा करेला अब हो रहा लाल

जिला मुख्यालय से लगे हुए करीब 15 से 20 गांव में किसान बड़े स्तर पर हरी सब्जी की फसल खेती करते हैं. लेकिन कोरोना काल ने इनकी फसल पर ग्रहण लगा दिया है. सब्जियों की मांग इतनी कम हो गई है कि 40 से 50 रूपए किलो बिकने वाले करेले को कोई 5 रुपए किलो भी नहीं पूछ रहा है. इसके अलावा बाजार बंद होने से किसानों को थोक खरीददार भी नहीं मिल रहे हैं.

भंडारण की समस्या

हरी सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या भंडारण की होती है. आलम ये है कि क्षेत्र में मौजूद कोल्ड स्टोरेज फुल हैं. सीजन में बिकने वालीं ये हरी सब्जियों के लिए सबसे मुफीद और नजदीकी मार्केट नागपुर है. चूंकि महाराष्ट्र में इस समय कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा फैला हुआ है, लिहाजा मार्केट बंद हैं. जिससे किसानों की बिक्री भी बंद है.

करोड़ों का नुकसान

कुंडाली कला गांव के किसान एकनाथ ठाकरे बताते हैं कि उनके गांव के साथ- साथ आस-पास के करीब 20 गांव ऐसे हैं, जहां ज्यादातर सब्जियों की खेती ही की जाती है. एकनाथ ने करीब 3 एकड़ जमीन पर करेला की खेती की थी. जिसमें लॉकडाउन की वजह से उन्हें 4 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. एकनाथ बताते हैं उनके गांव में अगर नुकसान का आंकलन किया जाए तो करीब 1 करोड़ रूपए पहुंच जाएगा. आस-पास के हर गांव की यही कहानी है. इस तरह इस क्षेत्र में किसानों को करीब 15 से 20 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है.

छिंदवाड़ा। लाखों की कमाई देने वाला करेला अब किसानों के लिए हकीकत में नीम चढ़ा हो गया है. लॉकडाउन की वजह से बाजार नहीं खुल रहे हैं. जिससे करेला अब खेत में खराब होने लगा है. यही हालात दूसरी हरी सब्जियों की भी हैं. जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है.

लॉकडाउन से किसानों को भारी नुकसान

खेतों में लगा करेला अब हो रहा लाल

जिला मुख्यालय से लगे हुए करीब 15 से 20 गांव में किसान बड़े स्तर पर हरी सब्जी की फसल खेती करते हैं. लेकिन कोरोना काल ने इनकी फसल पर ग्रहण लगा दिया है. सब्जियों की मांग इतनी कम हो गई है कि 40 से 50 रूपए किलो बिकने वाले करेले को कोई 5 रुपए किलो भी नहीं पूछ रहा है. इसके अलावा बाजार बंद होने से किसानों को थोक खरीददार भी नहीं मिल रहे हैं.

भंडारण की समस्या

हरी सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या भंडारण की होती है. आलम ये है कि क्षेत्र में मौजूद कोल्ड स्टोरेज फुल हैं. सीजन में बिकने वालीं ये हरी सब्जियों के लिए सबसे मुफीद और नजदीकी मार्केट नागपुर है. चूंकि महाराष्ट्र में इस समय कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा फैला हुआ है, लिहाजा मार्केट बंद हैं. जिससे किसानों की बिक्री भी बंद है.

करोड़ों का नुकसान

कुंडाली कला गांव के किसान एकनाथ ठाकरे बताते हैं कि उनके गांव के साथ- साथ आस-पास के करीब 20 गांव ऐसे हैं, जहां ज्यादातर सब्जियों की खेती ही की जाती है. एकनाथ ने करीब 3 एकड़ जमीन पर करेला की खेती की थी. जिसमें लॉकडाउन की वजह से उन्हें 4 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. एकनाथ बताते हैं उनके गांव में अगर नुकसान का आंकलन किया जाए तो करीब 1 करोड़ रूपए पहुंच जाएगा. आस-पास के हर गांव की यही कहानी है. इस तरह इस क्षेत्र में किसानों को करीब 15 से 20 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है.

Last Updated : May 6, 2020, 5:56 PM IST
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