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जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही के, पैदा हुई बेटी लेकिन डिस्टार्ज स्लिप पर लिखा बेटा - बीजागोरा गांव

छिंदवाड़ा जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां एक महिला को बेटी होने पर डिस्चार्ज स्लिप में उसे बेटा बता दिया गया है. लिहाजा पीड़ित परिवार अब उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान हो रहा है. पढ़िए पूरी खबर..

big negligence of Chindwara district hospital
जिला अस्पताल की लापरवाही का मामला
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Published : Oct 21, 2020, 10:04 PM IST

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में लापरवाही के मामले अक्सर देखने को मिलते हैं, लेकिन इस बार अस्पताल के कर्मचारियों ने लापरवाही की हद कर दी. जहां एक प्रसूता को बेटी पैदा होने के बाद डिस्चार्ज स्लिप में बेटा लिख दिया गया, जिसकी वजह से परिजन अब उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

जिला अस्पताल की लापरवाही का मामला

मोहखेड़ विकासखंड के बीजागोरा गांव निवासी यशोदा को 8 अक्टूबर को जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती किया गया था. यशोदा अपनी सास के साथ यहां आई थी, जिसे 10 अक्टूबर को नार्मल डिलीवरी हुई. जब सासू मां ने बेटी होना बताया था, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों के द्वारा 11 अक्टूबर को बनाए गए डिस्चार्ज पर्ची में फीमेल के स्थान पर मेल लिखकर जेंडर ही बदल दिया गया है, जिसके चलते अब पिता जन्म प्रमाण पत्र के लिए 8 दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रहा है.

पीड़ित पिता अनिल ने बताया कि डिस्चार्ज लेते समय कागज में उन्होंने ध्यान नहीं दिया था, लेकिन जब जन्म प्रमाण पत्र लेने गए तो वहां पर्ची में मेल लिखा होने से गड़बड़ी सामने आई. परिवार के लोग जिला अस्पताल छिंदवाड़ा की इस लापरवाही से चिंतित और परेशान हैं कि जब ऐसा हो सकता है तो किसी के बच्चे भी बदले जा सकते हैं. ऐसी स्थिति में कौन जिला अस्पताल पर भरोसा करेगा और अस्पताल में इलाज कराने जाएगा.

परिवार के लोगों ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच कराने की मांग की है. वहीं इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यह मानवीय त्रुटि है और इसे सुधार कर नया डिस्चार्ज स्लिप बना दिया जाएगा.

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में लापरवाही के मामले अक्सर देखने को मिलते हैं, लेकिन इस बार अस्पताल के कर्मचारियों ने लापरवाही की हद कर दी. जहां एक प्रसूता को बेटी पैदा होने के बाद डिस्चार्ज स्लिप में बेटा लिख दिया गया, जिसकी वजह से परिजन अब उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

जिला अस्पताल की लापरवाही का मामला

मोहखेड़ विकासखंड के बीजागोरा गांव निवासी यशोदा को 8 अक्टूबर को जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती किया गया था. यशोदा अपनी सास के साथ यहां आई थी, जिसे 10 अक्टूबर को नार्मल डिलीवरी हुई. जब सासू मां ने बेटी होना बताया था, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों के द्वारा 11 अक्टूबर को बनाए गए डिस्चार्ज पर्ची में फीमेल के स्थान पर मेल लिखकर जेंडर ही बदल दिया गया है, जिसके चलते अब पिता जन्म प्रमाण पत्र के लिए 8 दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रहा है.

पीड़ित पिता अनिल ने बताया कि डिस्चार्ज लेते समय कागज में उन्होंने ध्यान नहीं दिया था, लेकिन जब जन्म प्रमाण पत्र लेने गए तो वहां पर्ची में मेल लिखा होने से गड़बड़ी सामने आई. परिवार के लोग जिला अस्पताल छिंदवाड़ा की इस लापरवाही से चिंतित और परेशान हैं कि जब ऐसा हो सकता है तो किसी के बच्चे भी बदले जा सकते हैं. ऐसी स्थिति में कौन जिला अस्पताल पर भरोसा करेगा और अस्पताल में इलाज कराने जाएगा.

परिवार के लोगों ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच कराने की मांग की है. वहीं इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यह मानवीय त्रुटि है और इसे सुधार कर नया डिस्चार्ज स्लिप बना दिया जाएगा.

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