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अतिवृष्टि से किसान बचाएं अपनी फसल, ये है तरीका

अतिवृष्टि के कारण खराब हुई मक्के और सोयाबीन की फसलों के निराकरण के लिए कृषि वैज्ञानिक विजय पराडकर ने उपाय बताए

कृषि वैज्ञानिक ने बताएं खराब के फसलों को बचाने उपाय
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Published : Nov 2, 2019, 12:45 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 1:30 PM IST

छिंदवाड़ा। अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन और मक्के की फसल को काफी नुकसान पहुंचा हैं. ज्यादा बारिश की वजह से मक्के और सोयाबीन की फसल काली और अंकुरित हो गई है, जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं.असमय बारिश के चलते किसानों को तीसरी बार मौसम की मार झेलनी पड़ रही है. किसानों ने अपने खेतों में लगे मक्के और सोयाबीन की फसल की कटाई कर खेत में इकट्ठा किया था, लेकिन बेमौसम बारिश होने के कारण इन फसलों में फफूंद लग गई है और दाने अंकुरित हो गए हैं.

कृषि वैज्ञानिक ने बताएं खराब के फसलों को बचाने उपाय

इस समस्याओं से निराकरण के लिए कृषि वैज्ञानिक विजय पराडकर ने बताया कि किसानों को फसल कटाई और तोड़ाई के पहले उचित भंडारण की व्यवस्था कर लेनी चाहिए. इसके साथ ही नियमित रुप से धूप में फैलाकर या हवा में रख देने से फसल सूख जाती है जिससे नुकसान होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. साथ ही बीज के भंडारण के वक्त रसायक का छिड़काव कर उसे बचा सकते हैं.

छिंदवाड़ा। अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन और मक्के की फसल को काफी नुकसान पहुंचा हैं. ज्यादा बारिश की वजह से मक्के और सोयाबीन की फसल काली और अंकुरित हो गई है, जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं.असमय बारिश के चलते किसानों को तीसरी बार मौसम की मार झेलनी पड़ रही है. किसानों ने अपने खेतों में लगे मक्के और सोयाबीन की फसल की कटाई कर खेत में इकट्ठा किया था, लेकिन बेमौसम बारिश होने के कारण इन फसलों में फफूंद लग गई है और दाने अंकुरित हो गए हैं.

कृषि वैज्ञानिक ने बताएं खराब के फसलों को बचाने उपाय

इस समस्याओं से निराकरण के लिए कृषि वैज्ञानिक विजय पराडकर ने बताया कि किसानों को फसल कटाई और तोड़ाई के पहले उचित भंडारण की व्यवस्था कर लेनी चाहिए. इसके साथ ही नियमित रुप से धूप में फैलाकर या हवा में रख देने से फसल सूख जाती है जिससे नुकसान होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. साथ ही बीज के भंडारण के वक्त रसायक का छिड़काव कर उसे बचा सकते हैं.

Intro:छिंदवाड़ा! अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन और मक्के की फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है असम में बारिश होने के कारण मको के भुट्टे में और सोयाबीन की फसल में पानी पड़ने के कारण काली व अंकुरित हो रहे हैं जिस कारण किसान काफी परेशान है
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि फसल कटाई और तोड़ाई के पहले उसके उचित भंडारण की व्यवस्था कर लेनी चाहिए उन्हें व्यवस्थित फैलाकर धूप में या हवा में रख देने से फसल सूख जाती है जिससे नुकसान होने का खतरा काफी हद तक समाप्त हो जाता है


Body:असमय बारिश के चलते किसान को तीसरी बार मौसम का कहर सहन करना पड़ रहा है किसानों ने अपने खेतों में लगे मक्के की फसल और सोयाबीन की फसलों को कटाई कर खेत में ही इकट्ठा कर लिया था असमय बारिश होने के कारण इन फसलों में कालापन फफूंद लगना और दाने अंकुरित होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही है इस समस्याओं से निराकरण के लिए कृषि वैज्ञानिक विजय पराडकर ने बताया कि किसानों को किस प्रकार किसान अपनी फसलों को खराब होने और चढ़ने से बचा सकते हैं उन्होंने कहा कि पहले के समय में किसान फसलों को खेत में ही तोड़ कर रख देते थे और उन्हें वही फैला देते थे जिससे भूख लगने के कारण वाह फसल बराबर सूख जाती थी और भंडारण कर लिया जाता था पर असमय बारिश के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है इसलिए किसानों को पहले ही फसल तोड़ने के पहले भंडारण की उचित व्यवस्था कर लेनी चाहिए और उसके बाद फसलों की कटाई करनी चाहिए जिससे वह हवा में फसल सूख पाएगी और नुकसान नहीं होगा साथ ही उन्होंने बताया कि आप यदि बीज के लिए भंडारण करना चाहते हैं तो रसायन उपलब्ध है का छिड़काव कर इन्हें बचाया जा सकता है जैसी मौसम खुला दिखता है तो उन्हें हवा में फैला कर उन्हें चुकाया जा सकता है

बाईट 01- विजय कुमार पराड़कर, कृषि वैज्ञानिक, कृषि अनुसंधान केंद्र, चंदन गांव ,छिंदवाड़ा


Conclusion:कृषि वैज्ञानिक ने फसलों को बचाने के उपाय बताएं
Last Updated : Nov 2, 2019, 1:30 PM IST
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