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खबर का असर: पांढुर्णा अस्पताल के रसोइयों को दो माह का वेतन जारी

छिंदवाड़ा जिले के बाद पांढुर्णा सरकारी अस्पताल काम करने वाले रसोइयों को पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला था, जिस पर ETV भारत के खबर को दिखाए जाने के बाद रोगी कल्याण समिति ने उनका दो माह का वेतन जारी कर दिया है, वहीं तीन माह का वेतन अभी भी बाकी है.

Pandhurna News
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Published : Aug 12, 2020, 4:58 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 5:09 PM IST

छिंदवाड़ा। पांढुर्ना सरकारी अस्पताल के मरीजों को निःशुल्क भोजन करने वाले तीन रसोइयों को आखिरकार ETV भारत की खबर के बाद पांढुर्णा सरकारी अस्पताल की रोगी कल्याण समिति ने दो माह का वेतन जारी कर दिया हैं. जिससे इन रसोइयों ने राहत की सांस ली हैं.

बता दें, कि रसोइयों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल कार्यालय से अस्पताल में भर्ती मरीजों को भोजन देने के लिए तीन रसोइयों की पदस्थापना की गई हैं इन सभी को कलेक्ट्रेटसे वेतन मिलना था, लेकिन लॉक डाउन के समय अप्रैल, मई, जून माह का वेतन शासन द्वारा इन्हें नही दिया गया, जिससे यह सभी भोजन बनाने वाले कर्मचारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे.

जिसको लेकर 27 जून को ETV भारत में खबर प्रकाशित की गई थी. खबर प्रकाशित होते ही इन सभी को कुछ दिन पहले ही पांढुर्णा अस्पताल की रोगी कल्याण समिति ने दो माह का वेतन जारी कर दिया हैं. वही अब भी तीन माह का वेतन शेष हैं जिसको लेकर भी सभी परेशान हैं.

पांढुर्णा सरकारी अस्पताल के एक भोजन कक्ष में हर दिन मरीजों के लिए सुबह-शाम भोजन बनाया जाता हैं. यह परंपरा वर्ष 2008 से शुरू कराई गई हैं, इस दौरान खाना बनाने वाली महिला रंजना खुरसंगे, कविता गायधने और उमेश कालबांडे को महज 1500 रुपए प्रतिमाह वेतन अस्पताल प्रबंधन देता था, लेकिन जैसे ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार आई उन्होंने इन रसोइयों का मानदेय कलेक्ट्रेट से देना शुरू कर दिया और सरकारी बदली तो इनके वेतन को ब्रेक लग गया, जिससे इन सभी रसोइयों को तीन माह से वेतन के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

छिंदवाड़ा। पांढुर्ना सरकारी अस्पताल के मरीजों को निःशुल्क भोजन करने वाले तीन रसोइयों को आखिरकार ETV भारत की खबर के बाद पांढुर्णा सरकारी अस्पताल की रोगी कल्याण समिति ने दो माह का वेतन जारी कर दिया हैं. जिससे इन रसोइयों ने राहत की सांस ली हैं.

बता दें, कि रसोइयों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल कार्यालय से अस्पताल में भर्ती मरीजों को भोजन देने के लिए तीन रसोइयों की पदस्थापना की गई हैं इन सभी को कलेक्ट्रेटसे वेतन मिलना था, लेकिन लॉक डाउन के समय अप्रैल, मई, जून माह का वेतन शासन द्वारा इन्हें नही दिया गया, जिससे यह सभी भोजन बनाने वाले कर्मचारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे.

जिसको लेकर 27 जून को ETV भारत में खबर प्रकाशित की गई थी. खबर प्रकाशित होते ही इन सभी को कुछ दिन पहले ही पांढुर्णा अस्पताल की रोगी कल्याण समिति ने दो माह का वेतन जारी कर दिया हैं. वही अब भी तीन माह का वेतन शेष हैं जिसको लेकर भी सभी परेशान हैं.

पांढुर्णा सरकारी अस्पताल के एक भोजन कक्ष में हर दिन मरीजों के लिए सुबह-शाम भोजन बनाया जाता हैं. यह परंपरा वर्ष 2008 से शुरू कराई गई हैं, इस दौरान खाना बनाने वाली महिला रंजना खुरसंगे, कविता गायधने और उमेश कालबांडे को महज 1500 रुपए प्रतिमाह वेतन अस्पताल प्रबंधन देता था, लेकिन जैसे ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार आई उन्होंने इन रसोइयों का मानदेय कलेक्ट्रेट से देना शुरू कर दिया और सरकारी बदली तो इनके वेतन को ब्रेक लग गया, जिससे इन सभी रसोइयों को तीन माह से वेतन के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

Last Updated : Aug 12, 2020, 5:09 PM IST
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