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छिंदवाड़ा में धर्मांतरण! 12 आदिवासी परिवारों ने अपनाया ईसाई धर्म, पंचायत ने किया बहिष्कार - conversion in chhindwara

छिंदवाड़ा में 12 आदिवासी परिवार ईसाई बन गए, पिछले छह महीने से कुछ लोग उन्हें इसके लिए तैयार कर रहे थे, लेकिन जैसे ही समाज के लोगों को इसका पता चला, तुरंत पंचायत बुलाकर उन्हें चेतावनी दी गई कि यदि वह पुन: अपने धर्म को नहीं अपनाते हैं तो समाज उनका बहिष्कार कर देगा.

12 tribal families religious conversion in Christianity
ईसाई बने 12 आदिवासी परिवार
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Published : Aug 31, 2021, 12:58 PM IST

छिन्दवाड़ा। धर्मांतरण रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार पिछले साल के आखिरी महीने में मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 बनाया था, ताकि धर्मांतरण रोका जा सके, फिर भी आदिवासी विकास खंड बिछुआ के अंबाड़ी गांव में आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है, जहां 12 आदिवासी परिवारों ने अपना धर्म परिवर्तन कर दूसरा धर्म अपना लिया है, जिसके बाद ग्रामीणों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया है.

धर्मांतरण की जानकारी देते ग्रामीण

लव जिहाद: एमपी धर्म स्वातंत्र्य विधेयक का मसौदा तैयार, 10 साल की सजा का प्रावधान

करीब 6 महीने से गांव में हो रही थी चंगाई सभा

आदिवासी गांव में पिछले 6 महीने से एक धर्म विशेष के लोग चंगाई सभा का आयोजन करते थे, जोकि अलग-अलग घरों में अपने धर्म की प्रार्थना के साथ ही आदिवासियों को बीमारी और दूसरी समस्याओं से निजात दिलाने का दावा करते थे, इसके बाद गांव के ही 12 परिवारों ने आदिवासी धर्म बदलकर दूसरा धर्म अपना लिया, जैसे ही गांव वालों को पता लगा तो ग्रामीणों ने उनका विरोध किया.

12 tribal families religious conversion in Christianity
ईसाई बने 12 आदिवासी परिवार

थाने पहुंचा सामाजिक बहिष्कार मामला

जैसे ही गांव में धर्मांतरण की बात फैली है कि उनके सामाज के लोग दूसरा धर्म अपना रहे हैं, उन्होंने सामाजिक पंचायत बैठाई और सामाजिक पंचायत में धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों से कहा कि वे आदिवासी धर्म से अगर दूसरे धर्म में जाना चाहते हैं तो फिर उनका सामाजिक बहिष्कार होगा, इसको लेकर धर्म परिवर्तन करने वाले एक पक्ष ने पंचायत में विवाद किया, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंच गया है. हालांकि ग्रामीणों ने 12 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है.

आदिवासी इलाकों में की जाती है चंगाई सभा

छिंदवाड़ा जिले के अधिकतर इलाके आदिवासी बाहुल्य हैं, इन इलाकों में धर्म विशेष के लोग पहुंचकर चंगाई सभा का आयोजन करते हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि वह किसी भी समस्या या बीमारी से भजन-कीर्तन और सभा के प्रवचन सुनने से ठीक हो जाते हैं, चंगाई सभा का आयोजन गांव में सप्ताह में एक दिन किया जाता है.

पुलिस ने वाद-विवाद का किया मामला दर्ज

सामाजिक पंचायत में जब धर्म परिवर्तन करने वाले युवक ने विवाद किया तो उसकी शिकायत पुलिस थाने में की गई, मौके पर पहुंची हमार पानी पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया और धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की है.

हमार पानी थाने के उप निरीक्षक तरुण मरकाम ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा प्रार्थना के जरिए बीमारी ठीक करने का दावा किया जा रहा था, जिसके संबंध में आदिवासी समाज के लोगों ने पंचायत बुलाई थी, जहां नशे में टल्ली एक युवक विवाद कर रहा था, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई है.

छिन्दवाड़ा। धर्मांतरण रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार पिछले साल के आखिरी महीने में मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 बनाया था, ताकि धर्मांतरण रोका जा सके, फिर भी आदिवासी विकास खंड बिछुआ के अंबाड़ी गांव में आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है, जहां 12 आदिवासी परिवारों ने अपना धर्म परिवर्तन कर दूसरा धर्म अपना लिया है, जिसके बाद ग्रामीणों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया है.

धर्मांतरण की जानकारी देते ग्रामीण

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करीब 6 महीने से गांव में हो रही थी चंगाई सभा

आदिवासी गांव में पिछले 6 महीने से एक धर्म विशेष के लोग चंगाई सभा का आयोजन करते थे, जोकि अलग-अलग घरों में अपने धर्म की प्रार्थना के साथ ही आदिवासियों को बीमारी और दूसरी समस्याओं से निजात दिलाने का दावा करते थे, इसके बाद गांव के ही 12 परिवारों ने आदिवासी धर्म बदलकर दूसरा धर्म अपना लिया, जैसे ही गांव वालों को पता लगा तो ग्रामीणों ने उनका विरोध किया.

12 tribal families religious conversion in Christianity
ईसाई बने 12 आदिवासी परिवार

थाने पहुंचा सामाजिक बहिष्कार मामला

जैसे ही गांव में धर्मांतरण की बात फैली है कि उनके सामाज के लोग दूसरा धर्म अपना रहे हैं, उन्होंने सामाजिक पंचायत बैठाई और सामाजिक पंचायत में धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों से कहा कि वे आदिवासी धर्म से अगर दूसरे धर्म में जाना चाहते हैं तो फिर उनका सामाजिक बहिष्कार होगा, इसको लेकर धर्म परिवर्तन करने वाले एक पक्ष ने पंचायत में विवाद किया, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंच गया है. हालांकि ग्रामीणों ने 12 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है.

आदिवासी इलाकों में की जाती है चंगाई सभा

छिंदवाड़ा जिले के अधिकतर इलाके आदिवासी बाहुल्य हैं, इन इलाकों में धर्म विशेष के लोग पहुंचकर चंगाई सभा का आयोजन करते हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि वह किसी भी समस्या या बीमारी से भजन-कीर्तन और सभा के प्रवचन सुनने से ठीक हो जाते हैं, चंगाई सभा का आयोजन गांव में सप्ताह में एक दिन किया जाता है.

पुलिस ने वाद-विवाद का किया मामला दर्ज

सामाजिक पंचायत में जब धर्म परिवर्तन करने वाले युवक ने विवाद किया तो उसकी शिकायत पुलिस थाने में की गई, मौके पर पहुंची हमार पानी पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया और धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की है.

हमार पानी थाने के उप निरीक्षक तरुण मरकाम ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा प्रार्थना के जरिए बीमारी ठीक करने का दावा किया जा रहा था, जिसके संबंध में आदिवासी समाज के लोगों ने पंचायत बुलाई थी, जहां नशे में टल्ली एक युवक विवाद कर रहा था, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई है.

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