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जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, नसबंदी के बाद महिला को घंटों जमीन पर लिटाया - एंबुलेंस

जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही को देखने मिली है. जहां नसबंदी के ऑपरेशन के बाद एक महिला को घंटों जमीन पर लिटा कर रखा.

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नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिला को जमीन पर लिया गया
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Published : Dec 21, 2019, 11:48 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 11:56 PM IST

छतरपुर। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही को देखने मिली है. जहां नसबंदी के ऑपरेशन के बाद एक महिला को घंटों जमीन पर लिटा कर रखा. महिला छीरावल गांव से आई थी और ऑपरेशन के बाद ,घर जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से लगभग 4 घंटे उसे जमीन पर लेटना पड़ा. हैरानी की बात ये है कि इस दौरान कई डॉक्टर वहां से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उस महिला की सुध नहीं ली.

नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिला को जमीन पर लिया गया

पीड़ित महिला के पति रामदास कुशवाहा का कहना है कि वो अपनी पत्नी को लेकर नसबंदी के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल आया था. ऑपरेशन कराने के बाद वो अपनी पत्नी को घर ले जाना चाहते थे, लेकिन एंबुलेंस नहीं होने की वजह से निजी वाहन की व्यवस्था करनी पड़ी. इसी वजह से पीड़ित महिला को लगभग 4 घंटे तक जमीन पर लेटना पड़ा. हालांकि काफी मशक्कत के बाद भी महिला के लिए निजी वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई.

मामले में जब सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने कहा कि जानकारी मीडिया के जरिए मिली है. मामले को संबंधित डॉक्टर तक पहुंचा दिया गया है. जल्दी ही महिला को उसके घर जाने की व्यवस्था करा दी जाएगी.जिला अस्पताल में महिलाओं से जुड़ी लापरवाही के ये पहला मामला नहीं है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया

छतरपुर। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही को देखने मिली है. जहां नसबंदी के ऑपरेशन के बाद एक महिला को घंटों जमीन पर लिटा कर रखा. महिला छीरावल गांव से आई थी और ऑपरेशन के बाद ,घर जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से लगभग 4 घंटे उसे जमीन पर लेटना पड़ा. हैरानी की बात ये है कि इस दौरान कई डॉक्टर वहां से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उस महिला की सुध नहीं ली.

नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिला को जमीन पर लिया गया

पीड़ित महिला के पति रामदास कुशवाहा का कहना है कि वो अपनी पत्नी को लेकर नसबंदी के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल आया था. ऑपरेशन कराने के बाद वो अपनी पत्नी को घर ले जाना चाहते थे, लेकिन एंबुलेंस नहीं होने की वजह से निजी वाहन की व्यवस्था करनी पड़ी. इसी वजह से पीड़ित महिला को लगभग 4 घंटे तक जमीन पर लेटना पड़ा. हालांकि काफी मशक्कत के बाद भी महिला के लिए निजी वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई.

मामले में जब सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने कहा कि जानकारी मीडिया के जरिए मिली है. मामले को संबंधित डॉक्टर तक पहुंचा दिया गया है. जल्दी ही महिला को उसके घर जाने की व्यवस्था करा दी जाएगी.जिला अस्पताल में महिलाओं से जुड़ी लापरवाही के ये पहला मामला नहीं है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया

Intro:(स्पेसल)

छतरपुर जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही को देखने मिली है जहान नसबंदी के ऑपरेशन के बाद एक महिला को घंटों जमीन पर लिखना पड़ा महिला छतरपुर जिले के छोटे से गांव छीरावल से आई हुई थी और ऑपरेशन के बाद अपने घर जाने के लिए वाहन ना मिलने की वजह से लगभग 4 घंटे उसे जमीन पर लेटना पड़ा!


Body:छतरपुर जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां नसबंदी के ऑपरेशन के बाद ममता कुशवाहा को लगभग 4 घंटे तक जमीन पर लिखना पड़ा मिली जानकारी के अनुसार ममता कुशवाहा का ऑपरेशन लगभग 12:00 बजे किया गया था जिसके बाद 2 घंटे बीत जाने पर वह अपने घर जाना चाहती थी और उसका पति जिला अस्पताल से शासकीय वाहन की मांग करने लगा लेकिन वाहन ना मिलने की वजह से ममता कुशवाहा उसका पति एवं उसका 1 साल का बेटा जमीन पर ही बैठ गए हालात खराब होने की वजह से ममता कुशवाहा को जिला अस्पताल के गेट पर ही 4 घंटे तक लिखना पड़ा इस दरमियान कई डॉक्टर वहां से गुजरे लेकिन किसी ने भी उस महिला की मदद नहीं की!

ममता कुशवाहा के पति रामदास कुशवाहा का कहना है कि वह अपनी पत्नी को लेकर नसबंदी के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल में आए थे ऑपरेशन कराने के बाद वह अपनी पत्नी को घर ले जाना चाहते थे लेकिन वाहन उपलब्ध ना होने की वजह से निजी वाहन की व्यवस्था करनी पड़ी इसी वजह से ममता कुशवाहा को लगभग 4 घंटे तक जमीन पर लिखना पड़ा इसके बाद भी उसका पति निजी वाहन की व्यवस्था नहीं कर पाया!

बाइट_रामदास कुशवाह

ममता कुशवाहा कहना है कि वह जिला अस्पताल में नसबंदी के ऑपरेशन के लिए आई थी घर जाना चाहती थी लेकिन वाहन उपलब्ध ना होने की वजह से उसे जिला अस्पताल के गेट पर ही लेटना पड़ा!

बाइट_ममता कुशवाहा पीड़िता

मामले में जब हमने सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की तो उनका कहना था कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है हमने मामले को संबंधित डॉक्टर तक पहुंचा दिया गया है जल्दी ही महिला को उसके घर जाने की व्यवस्था करा दी जाएगी!




Conclusion: जिला अस्पताल में महिलाओं से जुड़ी लापरवाही या इससे पहले भी कई बार उजागर हो चुकी हैं लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है कुछ दिनों पहले ही एक नसबंदी कैंप लगाया गया था जहां महिलाओं को जमीन पर लेट आने का मामला सामने आया था!
Last Updated : Dec 21, 2019, 11:56 PM IST
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