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छतरपुर: किसानों से खरीदा गया सैकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश में भीगा, वेयर हाउस प्रबंधन की लापरवाही बनी वजह

बिजावर में गुलगंज मार्ग पर स्थित सूर्या वेयर हाउस में प्रबंधन की लापरवाही के चलते किसानों से खरीदा हुआ सैकड़ों क्विंटल गेहूं तेज बारिश में भीग गया. वहीं जब इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो सभी बचते नजर आए.

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Published : Apr 17, 2019, 7:25 PM IST

बारिश के चलते सैकड़ों क्विंटल भीगा गेहूं

छतरपुर। जिले के बिजावर में गुलगंज मार्ग पर स्थित सूर्या वेयर हाउस में प्रबंधन की लापरवाही से एक बार फिर अनाज के बर्बाद होने का मामला सामने आया है. सूर्या बेयर हाउस में खुले आसमान के नीचे रखे हुआ सैकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश की वजह से भीग गया.

दरअसल, बिजावर में गुलगंज मार्ग पर स्थित सूर्या वेयर हाउस में गेंहू की रख-रखाव की उचित व्यवस्था नहीं की गई थी. जिसके चलते वेयर हाउस समिति प्रबंधन किशन राजपूत की लापरवाही के चलते वेयर हाउस के खुले आसमान के नीचे रखा शासन द्वारा किसानों से खरीदा हुआ सैकड़ों क्विंटल गेहूं तेज बारिश होने के चलते भीग गया. वहीं जब इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो सभी बचते नजर आए.

बारिश के चलते सैकड़ों क्विंटल भीगा गेहूं

समिति प्रबधंन किशन राजपूत से वेयर हाउस में रखे गेंहू के हुए नुकसान के बारे मे जानकारी लेनी चाही, तो वे अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आए और किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया. तो वहीं बिजावर एसडीएम मनोज मालवीय ने खुद को छुट्टी पर होने की बात बताते हुए इससे पल्ला झाड़ लिया. साथ ही तहसीलदार रामहित साहू को जब इस मामले में बताया तो उनका कहना था कि बेयर हाउस और खरीदी केंद्र उनके विभाग के अंतर्गत नहीं आते हैं. इस मामले में वे कुछ नहीं बोल सकते हैं.

छतरपुर। जिले के बिजावर में गुलगंज मार्ग पर स्थित सूर्या वेयर हाउस में प्रबंधन की लापरवाही से एक बार फिर अनाज के बर्बाद होने का मामला सामने आया है. सूर्या बेयर हाउस में खुले आसमान के नीचे रखे हुआ सैकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश की वजह से भीग गया.

दरअसल, बिजावर में गुलगंज मार्ग पर स्थित सूर्या वेयर हाउस में गेंहू की रख-रखाव की उचित व्यवस्था नहीं की गई थी. जिसके चलते वेयर हाउस समिति प्रबंधन किशन राजपूत की लापरवाही के चलते वेयर हाउस के खुले आसमान के नीचे रखा शासन द्वारा किसानों से खरीदा हुआ सैकड़ों क्विंटल गेहूं तेज बारिश होने के चलते भीग गया. वहीं जब इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो सभी बचते नजर आए.

बारिश के चलते सैकड़ों क्विंटल भीगा गेहूं

समिति प्रबधंन किशन राजपूत से वेयर हाउस में रखे गेंहू के हुए नुकसान के बारे मे जानकारी लेनी चाही, तो वे अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आए और किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया. तो वहीं बिजावर एसडीएम मनोज मालवीय ने खुद को छुट्टी पर होने की बात बताते हुए इससे पल्ला झाड़ लिया. साथ ही तहसीलदार रामहित साहू को जब इस मामले में बताया तो उनका कहना था कि बेयर हाउस और खरीदी केंद्र उनके विभाग के अंतर्गत नहीं आते हैं. इस मामले में वे कुछ नहीं बोल सकते हैं.

Intro:प्रबंधन की लापरबाही से किसानों की मेहनत पर फिरा पानी -
बिजावर में गुलगंज मार्ग पर स्थित सूर्या बेयर हाउस में रखा सैकड़ो क्विंटल गेहूँ प्रबंधन किशन राजपूत की लापरवाही और गेंहू की रख -रखाव की उचित व्यवस्था न करने से बेयर हाउस में खुले आसमान नीचे रखे किसान की मेहनत से उगाया हुआ गेँहू भीग गया बर्बाद हो गया, अधिकारियों की इस तरह की गैर जिम्मेदारी कब तक किसानों सहते रहेंगें,Body:बिजावर-म.प्र -प्रबंधन की लापरबाही से किसानों की मेहनत पर फिरा पानी -
बिजावर में गुलगंज मार्ग पर स्थित सूर्या बेयर हाउस में रखा सैकड़ो क्विंटल गेहूँ प्रबंधन किशन राजपूत की लापरवाही और गेंहू की रख -रखाव की उचित व्यवस्था न करने से बेयर हाउस में खुले आसमान नीचे रखे किसान की मेहनत से उगाया हुआ गेँहू भीग गया बर्बाद हो गया, अधिकारियों की इस तरह की गैर जिम्मेदारी कब तक किसानों सहते रहेंगें,कल देर रात हुई तेज बारिष से शासन द्वारा किसानों से खरीदा हुआ गेहूं समिति प्रबंधन किशन राजपूत की लापरवाही की भेंट चढ़ गया,
ऐसी स्थिति में हम बुजुर्गो कही यह कहाबत इस्तेमाल कर सकते है
"" जी की पांव न फटी बीमाई, वो क्या जाने पीर पराई"
जिसका मतलब यह होता है की जिस ब्यक्ति को चोट ना लगी हो बह ब्यक्ति दुसरो का दर्द समझ नही सकता है

जब इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की
- प्रबधंन किशन राजपूत से जब खुले आसमान के नीचे बेयर हाउस में रखे गेंहू के हुए नुकसान के बारे मे फोन कर जानकारी लेनी चाही,तो बह अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आए,और किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया
तो बही बिजावर sdm मनोज मालवीय को फोन किया तो उन्होंने छुट्टी पर होने का कारण बताते हुए,

तहशीलदार रामहित साहू ने को जब इस मामले में बताया तो उन्होंने ने कहा बेयर हाउस और खरीदी केंद्र मेरे बिभाग के अंतर्गत नही आते है मैं इस मामले कुछ नही बोल सकता हूँ
Conclusion:
ऐसी स्थिति में हम बुजुर्गो कही यह कहाबत इस्तेमाल कर सकते है
"" जी की पांव न फटी बीमाई, वो क्या जाने पीर पराई"
जिसका मतलब यह होता है की जिस ब्यक्ति को चोट ना लगी हो बह ब्यक्ति दुसरो का दर्द समझ नही सकता है

जब इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की
- प्रबधंन किशन राजपूत से जब खुले आसमान के नीचे बेयर हाउस में रखे गेंहू के हुए नुकसान के बारे मे फोन कर जानकारी लेनी चाही,तो बह अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आए,और किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया
तो बही बिजावर sdm मनोज मालवीय को फोन किया तो उन्होंने छुट्टी पर होने का कारण बताते हुए,

तहशीलदार रामहित साहू ने को जब इस मामले में बताया तो उन्होंने ने कहा बेयर हाउस और खरीदी केंद्र मेरे बिभाग के अंतर्गत नही आते है मैं इस मामले कुछ नही बोल सकता हूँ
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