छतरपुर। जिले के हरपालपुर नगर से लगभग 5 किलोमीटर दूर एक ऐसा अद्भुत से मंदिर है, जिसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली है. जमीन से लगभग 45 फीट की ऊंचाई पर बने इस मंदिर की खासियत यह है कि हमेशा यहां बने कुंडों में पानी भरा रहता है, वहीं मंदिर के अंदर की गुफा और शिवलिंग हर साल एक चावल के दाने के बराबर बढ़ता है.
मंदिर के प्रति गांव और आसपास के क्षेत्रों के लोगों की आस्था इस कदर है कि लोग चाहे धूप होस चाहे छांव मंदिर में दौड़े चले आते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि 500 साल पहले कभी इस गांव में नागा राजा राज करते थे, उनके द्वारा ही इस मंदिर की खोज की गई थी.
इस मंदिर की खासियत यह है कि मंदिर के अंदर बनी गुफा और उसमें मौजूद भगवान शिव की शिवलिंग हर साल एक चावल के दाने के बराबर बढ़ती रहती है. लोगों का कहना है कि आज से लगभग 70 साल पहले उनके परिवार के लोग मंदिर में लेट कर जाते थे, लेकिन गुफा धीरे-धीरे चौड़ी हो गई है. यही कारण है कि अब भक्त भगवान के दर्शन आसानी से कर पाते हैं.
मंदिर के पीछे की एक कहानी यह भी है कि अगर कोई भक्त इस मंदिर में सच्चे मन से आता है और भगवान की एक बार परिक्रमा कर लेता है. इसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में शिव भक्त मंदिर जरूर आते हैं. भगवान शिव का यह मंदिर अपनी अनोखी शक्तियों की वजह से आसपास के कई गांव में प्रसिद्ध हैं.
हालांकि प्रचार प्रसार और बेहतर कनेक्टिविटी ना होने की वजह से बहुत ही कम लोग इस मंदिर के बारे में जान पाते हैं. अगर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देते हैं, तो आने वाले समय में यह रमणीय स्थान पर्यटन स्थल भी बन सकता है.