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स्टेडियम को बना दिया गया चारागाह, शासन के 64 लाख रुपये बर्बाद

बिना लोकार्पण के ही ग्रामीण स्टेडियम बन रहा खंडहर ताला लटकाकर गाय भैंसों का बना दिया गया है चारागाह.

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Published : Aug 6, 2019, 7:33 PM IST

स्टेडियम को बना दिया गया चारागाह

छतरपुर । बिजावर जनपद क्षेत्र के महुआझाला गांव में ग्रामीण प्रतिभाओं और खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए 64 लाख की लागत से स्टेडियम बनाया गया था. लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते स्टेडियम चारागाह बन गया है. स्टेडियम पिछले एक साल से बनकर तैयार हैं, लेकिन बच्चों को खेलकूद के लिए उपलब्ध कराने के बजाय प्रशासन ने उसे चारागाह बना दिया है.बिना लोकार्पण के 2.83 हेक्टेयर के पांच एकड़ में फैला 64 लाख रुपयों की लागत से स्टेडियम बनाया गया है. लेकिन बच्चों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा. स्टेडियम पूरी तरह से अनुपयोगी साबित हो रहा है.

स्टेडियम को बना दिया गया चारागाह

ठेकेदार रन बहादुर सिंह की निर्माण एजेंसी आर.ई.एस के माध्यम से स्टेडियम तैयार कराया गया था. लेकिन दीवारों में बनीं दरारें निर्माण कार्य की गुणवत्ता की कहानी बयां कर रही हैं. बिना लोकार्पण के ही बाउंड्रीवाल में दरारे पड़ गयी हैं और दीवार टूटने लगी है. अगर सही समय पर स्टेडियम की देखरेख नहीं की गई तो जल्द ही ये खंडहर में तब्दील हो जाएगा और गांव की युवा प्रतिभाएं गांव तक ही सीमित रह जाएंगी.

समाजसेवी अमित भटनागर का कहना है कि पिछले एक वर्ष से यह स्टेडियम बनकर तैयार हो गया है, लेकिन अब तक युवाओं को यहां अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नही मिला.

युवा समाजसेवी राहुल दुबे का भी कहना है कि स्टेडियम में घूम रहे मवेशी यह जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही है. इस स्टेडियम में 64 लाख रुपये खर्च हुए है लेकिन अब तक 64 खिलाड़ियों को खेलने का मौका नही मिला.

जनपद पंचायत CEO अखिलेश उपाध्याय का कहना है कि स्टेडियम को जल्द ही हैंडओवर कर दिया जाएगा और टूट रही दीवारों की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी.

छतरपुर । बिजावर जनपद क्षेत्र के महुआझाला गांव में ग्रामीण प्रतिभाओं और खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए 64 लाख की लागत से स्टेडियम बनाया गया था. लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते स्टेडियम चारागाह बन गया है. स्टेडियम पिछले एक साल से बनकर तैयार हैं, लेकिन बच्चों को खेलकूद के लिए उपलब्ध कराने के बजाय प्रशासन ने उसे चारागाह बना दिया है.बिना लोकार्पण के 2.83 हेक्टेयर के पांच एकड़ में फैला 64 लाख रुपयों की लागत से स्टेडियम बनाया गया है. लेकिन बच्चों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा. स्टेडियम पूरी तरह से अनुपयोगी साबित हो रहा है.

स्टेडियम को बना दिया गया चारागाह

ठेकेदार रन बहादुर सिंह की निर्माण एजेंसी आर.ई.एस के माध्यम से स्टेडियम तैयार कराया गया था. लेकिन दीवारों में बनीं दरारें निर्माण कार्य की गुणवत्ता की कहानी बयां कर रही हैं. बिना लोकार्पण के ही बाउंड्रीवाल में दरारे पड़ गयी हैं और दीवार टूटने लगी है. अगर सही समय पर स्टेडियम की देखरेख नहीं की गई तो जल्द ही ये खंडहर में तब्दील हो जाएगा और गांव की युवा प्रतिभाएं गांव तक ही सीमित रह जाएंगी.

समाजसेवी अमित भटनागर का कहना है कि पिछले एक वर्ष से यह स्टेडियम बनकर तैयार हो गया है, लेकिन अब तक युवाओं को यहां अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नही मिला.

युवा समाजसेवी राहुल दुबे का भी कहना है कि स्टेडियम में घूम रहे मवेशी यह जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही है. इस स्टेडियम में 64 लाख रुपये खर्च हुए है लेकिन अब तक 64 खिलाड़ियों को खेलने का मौका नही मिला.

जनपद पंचायत CEO अखिलेश उपाध्याय का कहना है कि स्टेडियम को जल्द ही हैंडओवर कर दिया जाएगा और टूट रही दीवारों की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी.

Intro: बिजावर
स्पेशल

64 लाख की लागत से बना ग्रामीण स्टेडियम,पशुओ का बना चारागाह,समय पर ध्यान नही दिया गया तो खण्डहर में हो जाएगा तब्दील,
बिजावर जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम महुआझाला में ग्रामीण प्रतिभाओ ओर खेलकूद को बढ़ाबा देने के लिए बनाया गया



Body: स्टेडियम पिछले एक बर्ष से बनकर तैयार है
जिसमे अब ताला लटकाकर गाय भैंसों के चारागाह बना दिया गया है
बिना किसी लोकार्पण के 2.83 हेक्टेयर के खसरा नंबर 122/3/8 लगभग पांच एकड़ में फैला 64 लाख रुपयो की लागत से बना यह स्टेडियम अनुउपयोगी साबित हो रहा है जिसे ठेकेदार रन बहादुर सिंह निबासी सागर के द्वारा निर्माण एजेंसी आर.ई.एस के माध्यम से तैयार कराया गया था साथ ही इसकी दिबालो में दरारे निर्माण कार्य की गुणबत्ता की कहानी बयां कर रही है जिसकी बाउंड्री बाल में दरारे पढ़ गयी और टूटने लगी है
अगर सही समय पर इसकी देखरेख नही की गई तो जल्द ही ये स्टेडियम खंडहर में तब्दील हो जाएगा,और गाव की युवा प्रतिभाए गांव तक ही सीमित रह जाएंगी


Conclusion:

इस मामले में समाजसेबी अमित भटनागर का कहना है कि पिछले एक बर्ष से यह स्टेडियम बनकर तैयार हो गया है लेकिन अब तक युवाओ को यहाँ अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नही मिला,और इसकी टूटती बाउंड्री बाल ठेकेदार द्वारा किये गए मटेरियल का उदाहरण है

युवा समाज सेबी राहुल दुबे का कहना है स्टेडियम में घूम रहे मबेशी यह जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही है इस स्टेडियम में 64 लाख रुपये खर्च हुए है लेकिन अब तक 64 खिलाड़ियों को खेलने का मौका नही मिला,

जनपद पंचायत CEO अखिलेश उपाध्याय का कहना है कि स्टेडियम को जल्द ही हैंडओवर कर दिया जाएगा और टूट रही दीवारों की गुणबत्ता की जांच कराई जाएगी

बाईट-1-अमित भटनागर(समाज सेवी)
बाईट-2- राहुल दुबे ( युवा समाज सेवी)
बाईट-3- अखिलेश उपाध्याय ( जनपद सीईओ बिजावर)

स्पेशल- mp_chr_02_stediam_mpc10030

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