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गाड़ी के लिए श्रद्धालु यहां लगाते हैं हाजिरी, मन्नत पूरी होने पर मंदिर की दीवारों पर लिख जाते हैं नंबर - कुसमा गांव

छतरपुर के कुसमा गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां गाड़ी के लिए लोग हाजिरी लगाते हैं. जिसके पूरे हो जाने पर गाड़ियों के नंबर मंदिर की दीवार पर लिख जाते हैं.

कुसमा गांव का मंदिर जहां लोग मांगते है गांड़ीयों के लिए मन्नत
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Published : Sep 28, 2019, 1:54 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 2:59 PM IST

छतरपुर। मनोकामना पूर्ति के लिए बहुत से मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यताएं है. जहां देवी-देवताओं की लोक कथाएं और किंवदंतियां सालों से लोग सुनते आ रहे हैं और उन मान्यताओं का पालन भी करते हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है गौरी बाई का. इस मंदिर में लोग गाड़ियों के लिए मन्नत मांगते हैं, जिसके पूरा होने के बाद अपनी गाड़ियों के नंबर मंदिर की दीवारों पर लिख जाते हैं.

कुसमा गांव का मंदिर जहां लोग मांगते है गांड़ीयों के लिए मन्नत


जिला मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित कुसमा गांव में बना गौरी बाई का मंदिर अनोखी मान्यता के चलते काफी चर्चित है. गाड़ी लेने की इच्छा रखने वाले लोग इस मंदिर में हाजिरी लगाते हैं और गाड़ी लेने के लिए गौरी बाई से मन्नत मांगते हैं. जिसके पूरे होने पर मंदिर की दीवारों पर अपनी गाड़ी का नंबर लिख जाते हैं. गाड़ियों के नंबर लिखने के लिए एक बोर्ड भी लगाया गया है, लेकिन लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि मंदिर की दीवारों को भी वाहनों का नंबर लिख लिख कर रंग दिया है. जिसमें मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की गाड़ियों के नंबर लिखे हुए हैं.


ये थी गौरी बाई

गौरी बाई गांव में रहने वाली महिला थी. जो 60 साल पहले सती हो गई थी. गौरी बाई के पति की मौत हो गई थी, जिसके बाद गौरी बाई ने अपने पति के साथ शरीर त्यागने की जिद की थी और अपने पति के साथ सती हो गई थीं. इस घटना के कुछ साल बाद स्थानीय लोगों ने गौरी बाई के परिजनों के साथ मिलकर उनका मंदिर बना दिया. इस मंदिर में गौरी बाई की पूजा सती के रुप में की जाती है. वहीं गर्भ गृह में उनकी एक प्रतिमा भी मौजूद है.
कुसमा के इस मंदिर में लाखों की संख्या में गाड़ी के नंबर लिखे हुए हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में गाड़ियों के अलावा भी सभी मनोकामनाएं माता सती पूरी करती हैं.

छतरपुर। मनोकामना पूर्ति के लिए बहुत से मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यताएं है. जहां देवी-देवताओं की लोक कथाएं और किंवदंतियां सालों से लोग सुनते आ रहे हैं और उन मान्यताओं का पालन भी करते हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है गौरी बाई का. इस मंदिर में लोग गाड़ियों के लिए मन्नत मांगते हैं, जिसके पूरा होने के बाद अपनी गाड़ियों के नंबर मंदिर की दीवारों पर लिख जाते हैं.

कुसमा गांव का मंदिर जहां लोग मांगते है गांड़ीयों के लिए मन्नत


जिला मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित कुसमा गांव में बना गौरी बाई का मंदिर अनोखी मान्यता के चलते काफी चर्चित है. गाड़ी लेने की इच्छा रखने वाले लोग इस मंदिर में हाजिरी लगाते हैं और गाड़ी लेने के लिए गौरी बाई से मन्नत मांगते हैं. जिसके पूरे होने पर मंदिर की दीवारों पर अपनी गाड़ी का नंबर लिख जाते हैं. गाड़ियों के नंबर लिखने के लिए एक बोर्ड भी लगाया गया है, लेकिन लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि मंदिर की दीवारों को भी वाहनों का नंबर लिख लिख कर रंग दिया है. जिसमें मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की गाड़ियों के नंबर लिखे हुए हैं.


ये थी गौरी बाई

गौरी बाई गांव में रहने वाली महिला थी. जो 60 साल पहले सती हो गई थी. गौरी बाई के पति की मौत हो गई थी, जिसके बाद गौरी बाई ने अपने पति के साथ शरीर त्यागने की जिद की थी और अपने पति के साथ सती हो गई थीं. इस घटना के कुछ साल बाद स्थानीय लोगों ने गौरी बाई के परिजनों के साथ मिलकर उनका मंदिर बना दिया. इस मंदिर में गौरी बाई की पूजा सती के रुप में की जाती है. वहीं गर्भ गृह में उनकी एक प्रतिमा भी मौजूद है.
कुसमा के इस मंदिर में लाखों की संख्या में गाड़ी के नंबर लिखे हुए हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में गाड़ियों के अलावा भी सभी मनोकामनाएं माता सती पूरी करती हैं.

Intro:आप सभी ने दुनिया में तमाम प्रकार के देवी देवताओं के मंदिर देखना होंगे सभी मंदिरों में विभिन्न प्रकार की मान्यताएं एवं लोक कथाएं प्रचलित होती हैं लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे थे हैं दुनिया में शायद ही ऐसा कोई मंदिर मौजूद होगा जहां लोग वाहन को लेकर अपनी मनोकामना मांगते हैं और जैसे ही उनकी मनोकामना पूरी होती है लोग इस मंदिर में आकर अपनी गाड़ियों का नंबर लिख जाते हैं यही वजह है कि इस मंदिर में बकायदा एक बोर्ड लगा हुआ है जिसमें लिखा गया है कि गाड़ियों के नंबर इस बोर्ड पर ही लिखें लेकिन यहां आने वाले लाखों भक्तों ने मंदिर की दीवारों को गाड़ियों के नंबर से पाट दिया है!


Body:छतरपुर जिले से लगभग 17 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव कुसमा में बना एक मंदिर इस समय चर्चाओं में है आसपास के कई लोग इस मंदिर में दर्शन करना नहीं भूलते हैं!

यह मंदिर किसी देवी देवता का नहीं बल्कि लगभग 60 साल पहले सती हुई गौरी बाई का है कहते हैं कि लगभग आज से 7 साल पहले गौरी बाई के पति की मौत हो गई थी जिसके बाद गौरी बाई ने भी अपने पति के साथ शरीर त्यागने की जिद ठान ली थी और अपनी जिद के चलते अपने पति को गोद में लिटाकर सती हो गई थी(खुद को आग लगा ली)!

घटना के कुछ साल बाद ही स्थानीय लोगों एवं उनके परिजनों ने गौरी बाई का मां सती देवी के नाम से मंदिर का निर्माण करा दिया आज भी मंदिर के अंदर गौरी बाई की पूजा सती के रूप में की जाती है और मंदिर के गर्भ गृह में सती बाई की प्रतिमा बनाई गई है और आज भी इस मंदिर की देखरेख गौरी बाई के पूर्वज करते हैं!

इस मंदिर के पीछे का एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां कोई भी व्यक्ति जो कि वाहन लेने की हैसियत ना रखता हो चाहे वह वाहन टू व्हीलर या फोर व्हीलर हो लोग यहां पर आते हैं और वाहनों को लेकर मां सती देवी के मंदिर में अर्जी लगाते हैं और कुछ दिनों बाद जैसे ही उनके पास दोपहिया या चार पहिया वाहन आता है तो लोग गाड़ियों का नंबर लिखाने के लिए मंदिर में जरूर आते हैं मंदिर में गाड़ियों के नंबर लिखने के लिए बकायदा एक बोर्ड बाहर लटकाया गया है जिसमें लिखा गया है कि गाड़ियों के नंबर सीबोर्ड नहीं लिखें लेकिन भक्तों की तादाद एवं मन्नत मांगने वाले लोगों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि लोगों ने मंदिरों की दीवारों को भी गाड़ियों के नंबर से पाट दिया है मंदिर की दीवारों एवं मुख्य दीवार पर लाखों की संख्या में गाड़ियों के नंबर लिखे हैं उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान और भी कई गाड़ियों के नंबर यहां पर लोगों ने आकर लिखे हैं ऐसी मान्यता है कि जो लोग एक गाड़ी से दूसरी गाड़ी की लालसा रखते हैं वह लोग भी अपनी गाड़ी का नंबर यहां कर लिख देते हैं और माता से मन्नत मांगते हैं कि जल्द ही उनकी एक गाड़ी से दूसरी गाड़ी हो जाए और जैसी ही मन्नत पूरी होती है लोग यहां दरबार में नासिक दर्शन करने आते हैं बल्कि नई आई हुई गाड़ी का नंबर भी लिखा जाता है!

गौरी बाई के पुत्र हरिश्चंद्र रैकवार बताते हैं कि आज से लगभग 60 वर्ष पहले उनकी दादी सती हुई थी उसके बाद ही इस मंदिर का निर्माण कराया गया था तब से लेकर आज तक लाखों भक्त इस मंदिर में दर्शन करने आ चुके हैं और उन्हीं लोगों ने इस मंदिर में अपनी-अपनी गाड़ियों के नंबर लिखे हैं ऐसा नहीं है कि माता केवल गाड़ियों की ही मनोकामना पूरी करती है सच्चे मन से अगर कोई भी यहां पर अपनी मनोकामना मांगता है तो मां सती उसे अवश्य पूरी करती है!

बाइट_हरिश्चन्द्र रैकवार

छतरपुर से मां सती के दर्शन करने आए पंकज बताते हैं कि उन्होंने इस मंदिर के बारे में बहुत सुना था यही वजह है कि वह आज इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आए हैं मंदिर बिल्कुल अलग और अनोखा है यहां किसी देवी देवता की प्रतिमा नहीं है बल्कि गांव में ही रहने वाली एक सती गौरी बाई इस मंदिर में पूजी जाती हैं!

बाइट_पंकज श्रद्धालु

वही मंदिर में आए एक दूसरे श्रद्धालु सुरेंद्र शिवहरे बताते हैं किस मंदिर के बारे में उन्होंने बहुत सुना था इसलिए वह अपने दोस्त के साथ समंदर में आए हैं और उन्होंने अपने दोस्त के लिए एक गाड़ी की मनोकामना की है माता के सामने गाड़ी को लेकर एक अर्जी लगाई है अब देखते हैं कि यह अर्जी मां कब तक पूरी करती हैं!

बाइट_सुरेंद्र शिवहरे भक्त


Conclusion:कुसमा में बना यह मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां मंदिर पर लाखों की संख्या में गाड़ियों के नंबर लिखे गए हैं साथ ही इस मंदिर की मान्यता है कि अगर कोई भी भक्त खासकर गाड़ी की मनोकामना करता है तो मां की उसकी मनोकामना को जरूर पूरी करती हैं यही वजह है कि मंदिर के बाहर भी एक बोर्ड लगाया गया है जिसमें लिखा गया है गाड़ियों के नंबर पर ही लिखें!
Last Updated : Sep 28, 2019, 2:59 PM IST

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