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नियुक्ति न होने पर शिक्षाकर्मियों ने मांगी इच्छा मृत्यु, राज्यपाल के नाम कलेक्टर सौंपा ज्ञापन - छतरपुर में शिक्षा कर्मियों का प्रोटेस्ट

छतरपुर से शिक्षाकर्मी भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित प्रतिभागियों ने राज्यपाल के नाम कलेक्ट्रेट को ज्ञापन सौंप इच्छामृत्यु की मांग की है.

shikshaakarmi Want death in absence of appointment
छतरपुर में शिक्षा कर्मियों का प्रदर्शन
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Published : Aug 15, 2020, 9:57 AM IST

छतरपुर। साल 2018 में चयनित हुए माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर इच्छा मृत्यु की मांग की, जिसको लेकर उन्होंने राज्यपाल के नाम कलेक्ट्रेट को एक ज्ञापन दिया. इस दौरान जिलेभर से करीब 50 प्रतिभागी शामिल हुए और अपनी समस्या के निदान के लिए अपील की.

छतरपुर में शिक्षा कर्मियों का प्रदर्शन

चयनित प्रतिभागी सुमन ने बताया कि लगभग 1 साल से ज्यादा हो गया है तब से हम सभी लोग परेशान हैं. बिना नौकरी के हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं ऐसे में मानसिक स्थिति भी खराब होने लगी है. वहीं सुरेश ने बताया कि ऐसे में कई लोगों मानसिक संतुलन भी खराब हो रहा है, कभी हम में से कोई व्यक्ति अगर आत्महत्या कर लेता है तो उसका जिम्मेदार भी मध्यप्रदेश शासन होगा.

शिक्षाकर्मियों का कहना है कि 2018 में यह सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए चयनित हो गए थे, लेकिन सरकार ने वह प्रक्रिया बीच में ही रोक दी. ऐसे में मध्यप्रदेश के लगभग 20 हजार शिक्षाकर्मियों का भविष्य अंधकार में हो गया है. शिक्षाकर्मियों का कहना है कि या तो सरकार भर्ती शुरू करें या फिर हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए.

छतरपुर। साल 2018 में चयनित हुए माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर इच्छा मृत्यु की मांग की, जिसको लेकर उन्होंने राज्यपाल के नाम कलेक्ट्रेट को एक ज्ञापन दिया. इस दौरान जिलेभर से करीब 50 प्रतिभागी शामिल हुए और अपनी समस्या के निदान के लिए अपील की.

छतरपुर में शिक्षा कर्मियों का प्रदर्शन

चयनित प्रतिभागी सुमन ने बताया कि लगभग 1 साल से ज्यादा हो गया है तब से हम सभी लोग परेशान हैं. बिना नौकरी के हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं ऐसे में मानसिक स्थिति भी खराब होने लगी है. वहीं सुरेश ने बताया कि ऐसे में कई लोगों मानसिक संतुलन भी खराब हो रहा है, कभी हम में से कोई व्यक्ति अगर आत्महत्या कर लेता है तो उसका जिम्मेदार भी मध्यप्रदेश शासन होगा.

शिक्षाकर्मियों का कहना है कि 2018 में यह सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए चयनित हो गए थे, लेकिन सरकार ने वह प्रक्रिया बीच में ही रोक दी. ऐसे में मध्यप्रदेश के लगभग 20 हजार शिक्षाकर्मियों का भविष्य अंधकार में हो गया है. शिक्षाकर्मियों का कहना है कि या तो सरकार भर्ती शुरू करें या फिर हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए.

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