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2 इंच बारिश में की थी बुवाई, बीज का अंकुरण होने से किसानों को मिली राहत - Chhatarpur news

छतरपुर जिले में बारिश किसानों के लिए अच्छी साबित हुई है. इसी के चलते पांढुर्णा क्षेत्र में किसानों के द्वारा लगाई गई फसल उगने लगी है और किसानों को इससे राहत मिली है.

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Published : Jun 17, 2020, 11:27 AM IST

छतरपुर। पांढुर्णा के किसानों ने 2 इंच की बारिश में ही खरीफ की फसलों की बुवाई की थी लेकिन क्षेत्र में लगातार बारिश होने से बीजों का अंकुरण हुआ है. 7 जून को मृग नक्षत्र लगते ही पांढुर्णा क्षेत्र में महज 2 इंच की बारिश में क्षेत्र के किसानों ने खरीफ फसल की बुवाई शुरू कर दी थी. कुछ किसानों को उम्मीद ही नहीं थी कि इस साल कम बारिश में की गई बुवाई फसल का अंकुरण होगा, लेकिन क्षेत्र में लगातार बारिश होने से इन फसलों का जीवन दान मिल गया है.

अब कम बारिश में बुवाई की गई फसलों का अंकुरण होकर यह फसलें खेतों में लहरा रही हैं, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है. वहीं लगातार बारिश से आज भी ऐसे 40% किसान हैं जिनकी बुवाई नहीं हुई है जो बारिश थमने का इंतजार कर रहे हैं.

मक्का को मात दे रही सोयाबीन, कपास देगा किसानों का साथ

जानकारी के मुताबिक इस साल मक्के को सोयाबीन मात दे रही है, यही वजह है कि किसान मक्का को लेकर कमजोर साबित हो रहे हैं, जिसके चलते किसान सोयाबीन पर भरोसा जता रहे हैं. वहीं कपास किसानों को हर साल की तरह साथ देगा. कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सोयाबीन का रकबा 3500 हजार हेक्टेयर था, जो बढ़कर 6 हजार तक पहुंच गया है, वहीं मक्का इस साल 7 हजार तक सिमटकर रह जाएगा. इसी प्रकार कपास की फसल का हर साल की तरह इस साल भी 16 हजार हेक्टेयर के लगभग रकबा रहेगा.

10 दिनों में 10 इंच बारिश, फसलों को मिली राहत

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी डिगरसे के मुताबिक पांढुर्णा क्षेत्र में मृग नक्षत्र से अब तक कुल 10 इंच बारिश हो चुकी है जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है.

छतरपुर। पांढुर्णा के किसानों ने 2 इंच की बारिश में ही खरीफ की फसलों की बुवाई की थी लेकिन क्षेत्र में लगातार बारिश होने से बीजों का अंकुरण हुआ है. 7 जून को मृग नक्षत्र लगते ही पांढुर्णा क्षेत्र में महज 2 इंच की बारिश में क्षेत्र के किसानों ने खरीफ फसल की बुवाई शुरू कर दी थी. कुछ किसानों को उम्मीद ही नहीं थी कि इस साल कम बारिश में की गई बुवाई फसल का अंकुरण होगा, लेकिन क्षेत्र में लगातार बारिश होने से इन फसलों का जीवन दान मिल गया है.

अब कम बारिश में बुवाई की गई फसलों का अंकुरण होकर यह फसलें खेतों में लहरा रही हैं, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है. वहीं लगातार बारिश से आज भी ऐसे 40% किसान हैं जिनकी बुवाई नहीं हुई है जो बारिश थमने का इंतजार कर रहे हैं.

मक्का को मात दे रही सोयाबीन, कपास देगा किसानों का साथ

जानकारी के मुताबिक इस साल मक्के को सोयाबीन मात दे रही है, यही वजह है कि किसान मक्का को लेकर कमजोर साबित हो रहे हैं, जिसके चलते किसान सोयाबीन पर भरोसा जता रहे हैं. वहीं कपास किसानों को हर साल की तरह साथ देगा. कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सोयाबीन का रकबा 3500 हजार हेक्टेयर था, जो बढ़कर 6 हजार तक पहुंच गया है, वहीं मक्का इस साल 7 हजार तक सिमटकर रह जाएगा. इसी प्रकार कपास की फसल का हर साल की तरह इस साल भी 16 हजार हेक्टेयर के लगभग रकबा रहेगा.

10 दिनों में 10 इंच बारिश, फसलों को मिली राहत

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी डिगरसे के मुताबिक पांढुर्णा क्षेत्र में मृग नक्षत्र से अब तक कुल 10 इंच बारिश हो चुकी है जिससे किसानों ने राहत की सांस ली है.

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