छतरपुर। कोरोना संक्रमण महामारी से निपटने 22 मार्च से पूरे देश मे लॉकडाउन लागू किया गया था. इसी कारण लवकुशनगर अनुविभाग में प्रकाशबम्होरी, घटहरी, बदौराकला में संचालित करीब 60 गिट्टी क्रेशर भी बंद हो गए थे. वहीं क्रेशर संचालन बंद होने से क्षेत्र के कई मजदूर बेरोजगार हो गए थे. वहीं 22 अप्रैल को खनिज विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने केंद्र सरकार के निर्देश पर कुछ नियम-शर्ते लागू करते हुए एक बार फिर से बंद पड़ी गिट्टी क्रेशरों को शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
केंद्र सरकार ने जो निर्देश जारी किए हैं, उनमें साफ तौर पर कहा गया है कि गिट्टी क्रेशर खदानों में काम कर रहे मजदूरों को मास्क, सेनिटाइजर और साबुन मुहैया कराया जाएगा. इसके अलावा संचालित इलाके को सेनिटाइज किया जाएगा. कोविड-19 से प्रभावित जिन क्षेत्रों को कंटनमेंट घोषित किया गया है या फिर हॉटस्पॉट हैं, उस जगह की खदाने संचालित नहीं होगी. खदान संचालन के समय मजदूरों और दूसरे व्यक्तियों की सुरक्षा का पालन तय मानकों सहित किया जाए.
खदान संलग्न मशीनरी एवं परिवहन की जानकारी खदान संचालक को कलेक्टर को देनी होगी. खनिज विभाग द्वारा जारी ETP को ही लॉकडाउन के चलते परिवाहन पास माना जाएगा. लॉकडाउन की स्थिति में गिट्टी का परिवहन न हो पाने की स्थिति बनने पर संचालक को स्टॉक रखने की छूट मिलेगी.
संचालकों के लिए परिवहन बड़ी समस्या
अनुविभाग क्षेत्र के प्रकाशबम्होरी, घटहरी, बदौराकला में संचालित क्रेशरों से पत्थर पिसाई के बाद गिट्टी की बिक्री यूपी के बलिया, मिर्जापुर, इलाहाबाद औरेया, मेरठ समेत करीब 24 जिलों में की जाती है. लॉकडाउन के दौरान इन जिलों के वाहन का आना संभव नही हैं. क्रेशर संचालकों का कहना है की ऐसी स्थिति में सिर्फ पत्थर पिसाई से कुछ नहीं होगा. राज्य शासन का आदेश मिलने पर कुछ क्रेशर संचालक सोमवार से क्रेशर संचालन का काम शुरू करेंगे.