छतरपुर। जिले के खजुराहो पुलिस ने तथाकथित लूट के मामले में एक दिव्यांग व्यक्ति को आरोपी बनाया है. मामला सामने आने के बाद पुलिस की किरकिरी होनी शुरू हो गई है. एसपी कुमार सौरभ ने निष्पक्ष जांच के आदेश देते हुए मामले को संज्ञान में लिया है.
खजुराहो पुलिस की हो रही किरकिरी
जिस व्यक्ति को इस मामले में लूट का आरोपी बनाया गया है, वह 50% दिव्यांग है. उसका एक हाथ और एक पैर ठीक से काम नहीं करता है. मामला सामने आने के बाद से खजुराहो पुलिस की किरकिरी होनी शुरू हो गई है. "मध्य प्रदेश अजब है और यहां की पुलिस गजब है" इसकी बानगी विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में देखने को मिली, जहां लूट के मामले में एक दिव्यांग व्यक्ति को ही आरोपी बना दिया. पुलिस ने उस पर मामला तो दर्ज कर लिया. लेकिन अब यह मामला उसके लिए गले की फांस बन गया है. मामले के बाद से ही खजुराहो पुलिस की चारों तरफ से आलोचना हो रही है.
दिव्यांग ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की
दिव्यांग चंद्रप्रकाश वर्मा ने बताया कि वह टिकरी गांव के रहने वाले हैं. घर के सभी कामकाज उनके भाई और भाभी देखती हैं. चुनावी रंजिश के चलते पूर्व सरपंच और उनके सहयोगियों ने एक छोटे से विवाद को लूट का रंग दे दिया, जिसके बाद खजुराहो थाना पुलिस ने बिना सोचे समझे मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने यह जानने की कोशिश भी नहीं की है कि जिन लोगों के नाम एफआईआर में लिखे जा रहे हैं, उनकी शारीरिक स्थिति कैसी है. यह घटना पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते इस प्रकार का झूठा मामला दर्ज कराया गया है. चंद्रप्रकाश के बड़े भाई सुनील वर्मा का कहना है कि उन्हें, उनके दिव्यांग भाई और उनके साले को झूठे लूट के मामले में फंसाया जा रहा है. वे एसपी ऑफिस में इसलिए आए हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए.
एसपी ने मामले की जांच के दिए आदेश
फिलहाल एसपी कुमार सौरभ ने मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दे दिए हैं. उनका कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है. उसके बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी.