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अच्छे दिन के इंतजार में इस गांव के लोग, अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन

छतरपुर से 20 किलोमीटर स्थित कर्री गांव के लोगों ने अपनी और गांव की समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को ज्ञापन सौपा और शासन द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओे का लाभ दिलाने कि भी गुहार लगाई

अच्छे दिन के इंतजार में कर्री गांव के ग्रामीण
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Published : Aug 25, 2019, 10:46 AM IST

छतरपुर । जिले से 20 किलोमीटर बसा कर्री गांव के लोगों ने अपनी समस्या को लेकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि चुनाव के वक्त तो वोट मांगने के लिए बड़े-बड़े वादे किए जाते है , पर चुनाव होते ही पूरी तरह से वादे और गांव की समस्या को दरकिनार कर दिया जाता है .

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में ना पक्की सड़क है, ना ही पीने के लिए पानी है . कुएं की हालत तो ऐसी है जैसे वो नाला हो, चुनाव के समय विधायक और सरपंच वोट मांगने आते है तब गांव की स्थिति को सुधारने का आश्वासन देते है पर जैसे ही चुनाव खत्म हो जाते है , सारे वादे और आश्वासन धूंधले पड़ जाते है .

हमारे अच्छे दिन कब आएगें कर्री गांव के ग्रामीण

वहीं गांव की हालत से परेशान महिला कहती है कि अगर शासन की योजना का लाभ ना मिलने के बारे में सरपंच से कहा जाए तो सरपंच हम क्या कर सकते हैं यह बात होलकर डांट देता है . वहीं बात करें राशन की तो 3 महीने का राशन चढ़ाया जाता है पर मिलता सिर्फ एक महीने का है .

प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों में भी सरपंच और सचिव द्वारा गमन किया गया है .अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीणों ने शासन की योजनाओं का सही ढ़ंग से लाभ दिलाने के लिए फरियाद की है.

छतरपुर । जिले से 20 किलोमीटर बसा कर्री गांव के लोगों ने अपनी समस्या को लेकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि चुनाव के वक्त तो वोट मांगने के लिए बड़े-बड़े वादे किए जाते है , पर चुनाव होते ही पूरी तरह से वादे और गांव की समस्या को दरकिनार कर दिया जाता है .

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में ना पक्की सड़क है, ना ही पीने के लिए पानी है . कुएं की हालत तो ऐसी है जैसे वो नाला हो, चुनाव के समय विधायक और सरपंच वोट मांगने आते है तब गांव की स्थिति को सुधारने का आश्वासन देते है पर जैसे ही चुनाव खत्म हो जाते है , सारे वादे और आश्वासन धूंधले पड़ जाते है .

हमारे अच्छे दिन कब आएगें कर्री गांव के ग्रामीण

वहीं गांव की हालत से परेशान महिला कहती है कि अगर शासन की योजना का लाभ ना मिलने के बारे में सरपंच से कहा जाए तो सरपंच हम क्या कर सकते हैं यह बात होलकर डांट देता है . वहीं बात करें राशन की तो 3 महीने का राशन चढ़ाया जाता है पर मिलता सिर्फ एक महीने का है .

प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों में भी सरपंच और सचिव द्वारा गमन किया गया है .अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीणों ने शासन की योजनाओं का सही ढ़ंग से लाभ दिलाने के लिए फरियाद की है.

Intro:छतरपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम कर्री के ग्रामीणों का खास तौर पर कहना है कि चुनाव के समय तो वोट मांगने के लिए बड़े-बड़े बादे कर देते हैं लेकिन चुनाव के बाद हम लोगों की स्थिति पहले जैसी बनी रहती है ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि उस समय आश्वासन दिया जाता है Body:छतरपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम कर्री के ग्रामीणों का खास तौर पर कहना है कि चुनाव के समय तो वोट मांगने के लिए बड़े-बड़े बादे कर देते हैं लेकिन चुनाव के बाद हम लोगों की स्थिति पहले जैसी बनी रहती है ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि उस समय आश्वासन दिया जाता है कि रोड बनवा देगे रहने के लिए आवास की योजना और पीने के लिए पानी लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि पानी के लिए बूंद-बूंद के लिए तरसते हैं कुए की हालत नाले से भी खराब तो ऐसे में हम पानी क्या पिए
वही साफ तौर पर पीड़ित महिला का कहना है अगर शासन की योजना के बारे में सरपंच से कहा जाए तो वह डांट देते हैं और कहते हैं कि हम क्या कर सकते हैं और राशन का भी यही हाल 3 महीने का राशन चढ़ाया जाता और 1 महीने का राशन दिया जाता है सरपंच और सचिव की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालयों में काफी गमन किया गया ग्रामीणों ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए शासन की योजनाओं का सही ढंग से लाभ दिलाने के लिए गुहार लगाई
वाइट- नन्हे भाई आदिवासी
वाइट - ग्रामीण महिलाConclusion:सरपंच और सचिव की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालयों में काफी गमन किया गया ग्रामीणों ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए शासन की योजनाओं का सही ढंग से लाभ दिलाने के लिए गुहार लगाई
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