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लॉकडाउन में पेट नहीं हो सकता लॉक तो क्यों हैं राशन की दुकानें लॉक?

छतरपुर में महिलाएं राशन के लिए परेशान हैं. यहां पर सरकारी घोषणाओं का अलग ही रूप देखने को मिल रहा है. महिलाएं रोजाना दुकान के चक्कर काट रही हैं, इसके बावजूद उन्हें राशन मुहैया नहीं कराया जा रहा है.

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राशन के लिए परेशान महिलाएं
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Published : Apr 30, 2020, 9:11 PM IST

छतरपुर। जिले के वार्ड नंबर 15 बेनीगंज मोहल्ले में रहने वाली कुछ महिलाएं इस समय बेहद परेशान हैं. महिलाओं का कहना है कि उनके पास राशन कार्ड होने के बावजूद भी उन्हें सरकारी राशन मुहैया नहीं कराया जा रहा है. समाजसेवियों द्वारा बांटे जाने वाले लंच पैकेट की वजह से ही उनके परिवार एक वक्त का खाना खा पा रहे हैं, जिस दिन समाजसेवी नहीं आते हैं तो उन्हें भूखा ही सोना पड़ता है.

राशन के लिए परेशान महिलाएं

लॉकडाउन के पहले राज्य शासन ने सभी को तीन-तीन महीने का सरकारी राशन उपलब्ध कराया था. लॉकडाउन के बाद ये निर्देश दिए गए थे कि जिनके पास राशन कार्ड है चाहे वो गरीबी रेखा का हो, अति गरीबी रेखा का या सामान्य राशन कार्ड सभी को राशन दिया जाएगा लेकिन अब धीरे-धीरे स्थितियां साफ होने लगी है. लोग सरकारी राशन के लिए परेशान होते हुए नजर आ रहे हैं. छतरपुर जिले के वार्ड नंबर 15 में रहने वाली कई महिलाएं पिछले कई दिनों से राशन के लिए परेशान हैं.

महिलाओं की मानें तो शासकीय राशन की दुकान पर लगातार चक्कर काटने के बाद भी उन्हें वहां से राशन नहीं दिया जा रहा है. हर बार कोई ना कोई कमी निकाल कर वहां से भगा दिया जाता है तो वहीं कुछ समाजसेवी जब उनके यहां पर आते हैं तो एक वक्त का खाने के लिए मिल जाता है, लेकिन दूसरे वक्त खाना ना मिलने की वजह से उन्हें और उनके परिवार को भूखा ही सोना पड़ता है.

शहनाज और कहकशा ने बताया कि पिछले कई दिनों से घर में राशन नहीं है, जिसके लिए वह लगातार राशन की दुकान पर जा रही हैं. लेकिन उन्हें उनके राशन कार्ड पर राशन नहीं दिया जा रहा है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और ऐसे में राशन भी नहीं मिल रहा है,जिससे परिवार का भरण पोषण बमुश्किल ही हो पा रहा है.

छतरपुर। जिले के वार्ड नंबर 15 बेनीगंज मोहल्ले में रहने वाली कुछ महिलाएं इस समय बेहद परेशान हैं. महिलाओं का कहना है कि उनके पास राशन कार्ड होने के बावजूद भी उन्हें सरकारी राशन मुहैया नहीं कराया जा रहा है. समाजसेवियों द्वारा बांटे जाने वाले लंच पैकेट की वजह से ही उनके परिवार एक वक्त का खाना खा पा रहे हैं, जिस दिन समाजसेवी नहीं आते हैं तो उन्हें भूखा ही सोना पड़ता है.

राशन के लिए परेशान महिलाएं

लॉकडाउन के पहले राज्य शासन ने सभी को तीन-तीन महीने का सरकारी राशन उपलब्ध कराया था. लॉकडाउन के बाद ये निर्देश दिए गए थे कि जिनके पास राशन कार्ड है चाहे वो गरीबी रेखा का हो, अति गरीबी रेखा का या सामान्य राशन कार्ड सभी को राशन दिया जाएगा लेकिन अब धीरे-धीरे स्थितियां साफ होने लगी है. लोग सरकारी राशन के लिए परेशान होते हुए नजर आ रहे हैं. छतरपुर जिले के वार्ड नंबर 15 में रहने वाली कई महिलाएं पिछले कई दिनों से राशन के लिए परेशान हैं.

महिलाओं की मानें तो शासकीय राशन की दुकान पर लगातार चक्कर काटने के बाद भी उन्हें वहां से राशन नहीं दिया जा रहा है. हर बार कोई ना कोई कमी निकाल कर वहां से भगा दिया जाता है तो वहीं कुछ समाजसेवी जब उनके यहां पर आते हैं तो एक वक्त का खाने के लिए मिल जाता है, लेकिन दूसरे वक्त खाना ना मिलने की वजह से उन्हें और उनके परिवार को भूखा ही सोना पड़ता है.

शहनाज और कहकशा ने बताया कि पिछले कई दिनों से घर में राशन नहीं है, जिसके लिए वह लगातार राशन की दुकान पर जा रही हैं. लेकिन उन्हें उनके राशन कार्ड पर राशन नहीं दिया जा रहा है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और ऐसे में राशन भी नहीं मिल रहा है,जिससे परिवार का भरण पोषण बमुश्किल ही हो पा रहा है.

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