छतरपुर। सरकारी योजनाएं प्रचार-प्रसार के अभाव में किस तरह दम तोड़ रही हैं, इसकी बानगी खजुराहो में देखने को मिली, क्योंकि यहां राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत लगाए गए शिविर में सिर्फ 32 लोग ही पहुंचे. इस शिविर के लिए करीब तीन लाख रुपए खर्च किए गए थे, जहां 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और निःशक्तजनों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करना था.
शिविर में पहुंचे गोविंद कुशवाहा बताते हैं कि यह योजना वृद्धजनों के लिए बहुत ही लाभकारी है. वह अपने पड़ोस के कुछ वृद्धों को लेकर आए थे, लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में बहुत कम लोग ही इसका लाभ ले पा रहे हैं. निश्चित तौर पर योजना तो बहुत शानदार है, लेकिन अधिकारियों द्वारा इसका प्रचार-प्रसार ना होने से यह योजना दम तोड़ती हुई नजर आ रही है.
जबलपुर से शिविर में पहुंचे प्रभारी डॉ. नेताजी हरिचंदन बताते हैं कि यह योजना केंद्र सरकार की है और यहां पर छतरपुर प्रशासन ने एक शिविर का आयोजन किया है. प्रचार-प्रसार की कोशिश की गई थी, लेकिन शायद बारिश के चलते लोग कम ही आए हैं. उम्मीद थी कि 400 से 500 लोग आएंगे, लेकिन लोग नहीं आ पाए.
बता दें कि इस शिविर के आयोजन के लिए 2 से तीन लाख रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन जिस तरह से आम जनता को इसका लाभ पहुंचना चाहिए था अधिकारियों की लापरवाही के चलते इतने लोग वहां नहीं पहुंच पाए, लिहाजा यह शिविर केवल खानापूर्ति बनकर रह गया. वहीं इस मामले में अधिकतर अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.