छतरपुर। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो भारतीय कला और मंदिरों के लिए जाना जाता है. यहां पर समय-समय पर कई तरह के फेस्टिवल का आयोजन होता रहता है. चंदेल वंश की राजधानी रही खजुराहो में मध्यकाल के हिंदू, जैन और बौद्ध मंदिर बने हुए हैं. दद्दाजी कल्चरल सेंटर के जरिए कुछ सैलानी, बच्चों को पेंटिंग्स सिखाकर अपने समय का उपयोग कर रहे हैं.
खजुराहो पेंटिंग का रंग फ्रांस के संग
दरअसल खजुराहो में दद्दाजी कल्चरल सेंटर के जरिए सैलानी अपने समय का उपयोग कर रहे हैं. लॉकडाउन के चलते फंसी, फ्रांस की डॉ. एलीना दद्दाजी कल्चर सेंटर में रोज पेंटिंग बनाती हैं और बच्चों को भी सिखाती हैं. एलिना ने बताया कि पेंटिंग करना उन्हें अच्छा लगता है. वे अर्धनारेश्वर की पेंटिंग्स बना रही हैं. उन्होंने कहा कि वे भारत की संस्कृति, धर्म और देवी-देवताओं के बारे में बखूबी जानती हैं, वे बच्चों को भी पेंटिंग बनाने के लिए प्रेरित करती हैं.
बता दें कि सेंटर के सुधीर शर्मा का कहना कि दद्दाजी की मौत के बाद उनकी आत्मा की शान्ति के लिए नौ दिन की पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. कार्यशाला में शिव-पार्वती और राधाकृष्ण की पेंटिंग बनाई जा रही है, जिसमें स्थानीय कलाकारों के साथ विदेशी कलाकार भी अपनी कला के हुनर का प्रर्दशन कर रहे हैं. फ्रांस के तुलूस शहर की कलाकार डॉ. एलेना लेजल ने अर्धनारेश्वर की पेंटिंग बनाई, जो सोशल मीडिया पर खूब सराही जा रही है. पेंटिंग को देखने के लिए कला प्रेमियों का तांता लगा हुआ है.