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प्रदेश सरकार के तमाम दावों को मुंह चिढ़ा रहा है ये गांव, अंधेरे में जीने को मजबूर हैं ग्रामीण - no electricity connection

छतरपुर के बिदासन पुरवा गांव के लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हैं, आज तक इस गांव के लोगों को बिजली की सुविधा नहीं मिल पाई है. ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

बिजली कन्केशन के लिए तरस रहे ग्रामीण
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Published : Oct 23, 2019, 10:22 AM IST

Updated : Oct 23, 2019, 2:30 PM IST

छतरपुर। एक ओर जहां देश आधुनिक टेक्नोलॉजी की ओर कदम बढ़ा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के कुछ जिलों में ऐसे भी गांव हैं, जहां आज भी लोग बिजली के लिए तरस रहे हैं. कुछ दिनों में दीपावली है. पूरा शहर जहां दीयों संग रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाएगा, तो वहीं छतरपुर जिले के इस छोटे से गांव बिदासन पुरवा के लोग अंधेरे में ही अपनी दीपावली मनाएंगे.

अंधेरे में जीने को मजबूर ग्रामीण


बिदासन पुरवा गांव में अब तक बिजली नहीं पहुंची है. कई बार ग्रामीण एकजुट होकर बिजली विभाग में आवेदन भी दे चुके हैं, फिर भी कुछ नहीं बदला. अधिकारियों के द्वारा घरों में मीटर लगाने और बिजली देने की बात तो कही गई, लेकिन उसका अमल नहीं किया गया.

कर रहे परेशानियों का सामना

बिदासन पुरवा में लाइट न होने की वजह से यहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शाम ढलते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है. लाइट न होने की वजह से यहां रहने वाले बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. बच्चे अपनी पूरी पढ़ाई लालटेन या दीए-मोमबत्ती की रोशनी में पूरी करते हैं. बच्चों को परीक्षा के समय में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गांव वालों की माने तो शाम होते ही बच्चे घरों से निकलना बंद कर देते हैं. गांव में कीड़े-मकोड़ों के काटने का भी डर रहता है.


इस मामले में गांव के सरपंच अखिलेश पटेल का कहना है कि वे ग्रामीणों के साथ कई बार बिजली विभाग गए. पर वहां के अधिकारी सही- सही जवाब नहीं देते हैं. हालांकि गांव में कृषि कार्यों के लिए लाइट मौजूद है, पर जब कभी ये किसान अपने घरों में लाइट के लिए बोलते हैं, तो उनकी मांगों को दरकिनार कर दिया जाता है. अखिलेश पटेल का कहना है कि वे खुद भी कई बार बिजली विभाग के लोगों से मिले हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.


इस मामले में महाराजपुर तहसीलदार का कहना है कि, इस मामले में वे जल्द ही बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे और ये जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर किन वजहों से इस गांव में बिजली नहीं है. साथ ही जल्द से जल्द गांव में लाइट पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.

छतरपुर। एक ओर जहां देश आधुनिक टेक्नोलॉजी की ओर कदम बढ़ा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के कुछ जिलों में ऐसे भी गांव हैं, जहां आज भी लोग बिजली के लिए तरस रहे हैं. कुछ दिनों में दीपावली है. पूरा शहर जहां दीयों संग रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाएगा, तो वहीं छतरपुर जिले के इस छोटे से गांव बिदासन पुरवा के लोग अंधेरे में ही अपनी दीपावली मनाएंगे.

अंधेरे में जीने को मजबूर ग्रामीण


बिदासन पुरवा गांव में अब तक बिजली नहीं पहुंची है. कई बार ग्रामीण एकजुट होकर बिजली विभाग में आवेदन भी दे चुके हैं, फिर भी कुछ नहीं बदला. अधिकारियों के द्वारा घरों में मीटर लगाने और बिजली देने की बात तो कही गई, लेकिन उसका अमल नहीं किया गया.

कर रहे परेशानियों का सामना

बिदासन पुरवा में लाइट न होने की वजह से यहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शाम ढलते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है. लाइट न होने की वजह से यहां रहने वाले बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. बच्चे अपनी पूरी पढ़ाई लालटेन या दीए-मोमबत्ती की रोशनी में पूरी करते हैं. बच्चों को परीक्षा के समय में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गांव वालों की माने तो शाम होते ही बच्चे घरों से निकलना बंद कर देते हैं. गांव में कीड़े-मकोड़ों के काटने का भी डर रहता है.


इस मामले में गांव के सरपंच अखिलेश पटेल का कहना है कि वे ग्रामीणों के साथ कई बार बिजली विभाग गए. पर वहां के अधिकारी सही- सही जवाब नहीं देते हैं. हालांकि गांव में कृषि कार्यों के लिए लाइट मौजूद है, पर जब कभी ये किसान अपने घरों में लाइट के लिए बोलते हैं, तो उनकी मांगों को दरकिनार कर दिया जाता है. अखिलेश पटेल का कहना है कि वे खुद भी कई बार बिजली विभाग के लोगों से मिले हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.


इस मामले में महाराजपुर तहसीलदार का कहना है कि, इस मामले में वे जल्द ही बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे और ये जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर किन वजहों से इस गांव में बिजली नहीं है. साथ ही जल्द से जल्द गांव में लाइट पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.

Intro:मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक ऐसा गांव है जहां पिछले 10 सालों से लाइट नहीं है गांव में रहने वाले लोग लगातार विद्युत विभाग में घरों में लाइट को लेकर आवेदन दे रहे हैं लेकिन विद्युत विभाग अभी तक उनके घरों में रोशनी नहीं पहुंचा पाया है कुछ दिनों पहले ही गांव में रहने वाले सभी ग्रामीण एकत्र होकर विद्युत विभाग में आवेदन देने के लिए गए थे और उन्होंने अपने घरों में मीटर लगाने एवं बिजली देने की बात कही थी!


Body: छतरपुर जिले के छोटे से गांव बिदासन पुरवा में पिछले 10 सालों से लाइट ना होने की वजह से यहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है शाम ढलते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है लाइक ना होने की वजह से यहां रहने वाले बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है गांव वालों की माने तो शाम ढलते ही बच्चे घरों से निकलना बंद कर देते हैं मजबूर होकर बच्चों को घरों के अंदर ही रहना पड़ता है!

शाम ढलते ही अगर बच्चों को पढ़ाई करनी है तो उन्हें या तो बाहर रोशनी में पढ़ना पड़ता है या फिर लालटेन की रोशनी में अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ती है गांव में रहने वाली महिला चांदनी बताती हैं कि पिछले कई सालों से उनके गांव में लाइट नहीं है लगातार विद्युत विभाग के अधिकारियों से घरों में लाइट देने के लिए आवेदन दिए हैं लेकिन कोई नहीं सुनता है!

बाइट_चांदनी ग्रामीण महिला

गांव में रहने वाली 8 साल की राजकुमारी बताती है कि वह कक्षा तीसरी में पढ़ती है शाम ढलते ही वह घर से निकलना बंद कर देती है घर में मच्छर काटते हैं कीड़े मकोड़ों का डर भी बना रहता है पढ़ाई करने में भी दिक्कत होती है!

बाइट_राजकुमारी ग्रामीण बच्ची

गांव में ही रहने वाला मनोज कुशवाहा कक्षा बारहवीं में पढ़ता है उसका कहना है कि मच्छरों के अलावा भी बहुत सारी समस्याएं गांव में है लाइट ना होने की वजह से परेशानी पढ़ाई को लेकर तो होती है साथ ही घरों से निकलना भी बंद हो जाता है!

बाइट_मनोज कुशवाहा

गांव में ही रहने वाला एक और छात्र दीपू कुशवाहा का कहना है कि गांव में लाइट नहीं है परीक्षाओं के समय बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है गांव के लोग कई बार विद्युत विभाग गए हैं लेकिन पता नहीं क्यों विद्युत विभाग के अधिकारी कोई भी जवाब ठीक से नहीं देते हैं!

बाइट_दीपू कुशवाहा

वहीं गांव के सरपंच अखिलेश पटेल का कहना है कि गांव के लोगों के साथ वह कई बार विद्युत विभाग गए हैं लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी सीबी प्रकार का ठीक-ठीक जवाब नहीं देते हैं हालांकि गांव के अंदर कृषि कार्यों के लिए लाइट मौजूद है और जब कभी यह किसान अपने घरों में लाइट को ले जाते हैं तो उन पर चालानी कार्यवाही भी की जाती है अखिलेश पटेल की मानें तो गांव के लोगों के अलावा वह खुद भी कई बार विद्युत विभाग के लोगों से मिले हैं लेकिन उन्होंने कभी भी कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया है!

क्योंकि मामला किसानों से जुड़ा हुआ है और जिस गांव में लाइट 10 सालों से नहीं है वहां ज्यादातर सभी खेती किसानी करने वाले लोग रहते हैं ऐसे में जब हमने बात महाराजपुर तहसीलदार से कि उनका कहना है कि क्योंकि मामला किसानों से जुड़ा हुआ है वह जल्द ही विद्युत विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर किन वजह से इस गांव में लाइट नहीं है और कोशिश की जाएगी कि जल्द से जल्द गांव में लाइट पहुंच जाए!

बाइट_संजय जैन_तहसीलदार


Conclusion:आपको बता दें कि भारत सरकार ने कुछ दिनों पहले ही इस बात की घोषणा की थी कि पूरे देश में शायद कोई भी ऐसा गांव नहीं है जहां बिजली ना पहुंची हो लेकिन बिदासन पुरवा में रहने वाले यह किसान पिछले 10 सालों से रोशनी से वंचित हैं दीपावली में पूरा देश रोशनी का त्योहार मनाएगा लेकिन शायद इन किसानों के घरों में तब भी अंधेरा ही रहेगा!
Last Updated : Oct 23, 2019, 2:30 PM IST
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