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लापरवाहीः अस्पताल में मां को गोद में उठाए भटकता रहा बेटा, नहीं मिली व्हील चेयर और स्ट्रेचर - छतरपुर

छतरपुर जिला अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसमें एक बेटा अपनी घायल मां गोद में लिए हॉस्पिटल में भटकता रहा, लेकिन उसे न तो व्हील चेयर मिली और ना ही स्ट्रेचर.

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मां को गोद में उठाए भटकता रहा बेटा
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Published : May 6, 2020, 4:26 PM IST

छतरपुर। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां स्ट्रेचर या व्हील चेयर ना मिलने पर एक बेटा अपनी मां को गोद में उठाकर भटकता रहा. दरअसल अमित नाम का युवक सरबई थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव से अपनी मां लेकर जिला अस्पताल आया था. उसकी मां घर में गिर गई थी और उसके पैर में चोट थी. अस्पताल में उसका इलाज तो हो गया, लेकिन जब घर जाने की बारी आई तो उसे बिना स्ट्रेचर और व्हील चेयर के रवाना कर दिया.

मां को गोद में उठाए भटकता रहा बेटा

इस हालात अमित की मां चल नहीं सकती थी. लिहाजा उसने अस्पताल प्रबंधन से स्ट्रेचर या व्हील चेयर की मांग की. लेकिन उसे अनदेखा कर दिया गया. काफी इंतजार करने के बाद भी जब इंतजाम नहीं हो पाया, तो अमित ने अपनी को गोद में उठाया और बाहर आ गया.

अमित का कहना है कि, उसने अस्पताल प्रबंधन से कई बार स्ट्रेचर और व्हील चेयर की मांग की. लेकिन किसी नहीं सुना. जब लगा कि कोई व्यवस्था नहीं बनने वाली, तो मां को गोद में उठाकर बाहर आ गया.

जिला अस्पताल में इस तरह की लापरहवाही का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. जब इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बात की गई, तो जिम्मेदारों ने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया.

छतरपुर। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां स्ट्रेचर या व्हील चेयर ना मिलने पर एक बेटा अपनी मां को गोद में उठाकर भटकता रहा. दरअसल अमित नाम का युवक सरबई थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव से अपनी मां लेकर जिला अस्पताल आया था. उसकी मां घर में गिर गई थी और उसके पैर में चोट थी. अस्पताल में उसका इलाज तो हो गया, लेकिन जब घर जाने की बारी आई तो उसे बिना स्ट्रेचर और व्हील चेयर के रवाना कर दिया.

मां को गोद में उठाए भटकता रहा बेटा

इस हालात अमित की मां चल नहीं सकती थी. लिहाजा उसने अस्पताल प्रबंधन से स्ट्रेचर या व्हील चेयर की मांग की. लेकिन उसे अनदेखा कर दिया गया. काफी इंतजार करने के बाद भी जब इंतजाम नहीं हो पाया, तो अमित ने अपनी को गोद में उठाया और बाहर आ गया.

अमित का कहना है कि, उसने अस्पताल प्रबंधन से कई बार स्ट्रेचर और व्हील चेयर की मांग की. लेकिन किसी नहीं सुना. जब लगा कि कोई व्यवस्था नहीं बनने वाली, तो मां को गोद में उठाकर बाहर आ गया.

जिला अस्पताल में इस तरह की लापरहवाही का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. जब इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बात की गई, तो जिम्मेदारों ने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया.

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