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इंटरनेशनल क्रिकेटर रिज़वान का दर्द: 2 साल 3 IAS और 8 आवदेन, फिर भी नही मिली व्हील चेयर - divyang cricketer rizwan applied for wheel chair

छतरपुर के रिज़वान क्रिकेट के ऐसे खिलाड़ी हैं जो व्हीलचेयर पर बैठकर चौके छक्के लगाते हैं. दुनिया में देश को रिप्रजेंट करते हैं. भारत के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. लेकिन एक अदद व्हीलचेयर के लिए पिछले 2 साल से अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटकर थक चुके हैं. 29 साल के रिज़वान दिव्यांग हैं, उन्हें बस एक स्पोर्ट्स व्हीलचेयर चाहिए जिसके लिए 2 साल में 8 बार आवदेन के बावजूद सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा (mp wheel chair cricketer getting no facility). इस दौरान 3 IAS अधिकारियों के तबादले जरुर हो गए. देखिए ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

International Cricketer of Chhatarpur Rizwan
छतरपुर के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रिज़वान
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Published : Dec 23, 2021, 4:22 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 5:37 PM IST

छतरपुर। छतरपुर के मस्तानशाह कालोनी में रह रहे देश के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रिज़वान अहमद खान पिछले दो सालों से एक व्हीलचेयर के लिए परेशान है. रिज़वान 3 कलेक्टरों को 8 बार आवेदन दे चुके हैं लेकिन आज तक न तो किसी कलेक्टर ने उनके आवदेन को ठीक से पढ़ा, ना ही उनसे बात करने की जहमत उठाई. 29 साल के रिज़वान दिव्यांग हैं और क्रिकेट व्हीलचेयर इंडिया की तरफ से देश विदेश में जाकर खेलते हैं. उन्होने अब तक कई राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय मैच में देश का नाम रोशन किया है. खूब चौके-छक्के जड़े. लेकिन अपने गृहनगर की पिच पर अधिकारियों के हाथों आउट हो गए. रिज़वान के पिता जावेद इकबाल साईकिल का काम करते हैं और रिज़वान खुद कम्प्यूटर पर डेस्क ज़ब करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. ऐसे में कम से कम 25 हजार से लेकर 1 लाख से उपर तक के व्हीलचेयर को खरीदना इनके लिए बड़ी चुनौती है.(mp wheel chair cricketer getting no facility)

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रिज़वान अहमद खान का दर्द


दो सालों से स्पोर्ट व्हीलचेयर के लिए परेशान

रिजवान का कहना कि जब वह देश के लिए खेलते हैं तो उन्हें बेहद गर्व महसूस होता है. भारत की व्हील चेयर क्रिकेट टीम में 13वें नम्बर के खिलाड़ी हैं और मध्यप्रदेश के कप्तान के रूप में प्रदेश को रिप्रजेंट करते हैं. रिजवान स्पोर्ट्स व्हीलचेयर के लिए पिछले दो सालों से परेशान हैं. अब तक तीन छतरपुर कलेक्टरों मोहित बुंदस, शीलेन्द्र सिंह एवं वर्तमान कलेक्टर संदीप जे.आर को स्पोर्ट व्हीलचेयर के लिए आवेदन दे चुके हैं (divyang cricketer rizwan applied for wheel chair). लेकिन न तो किसी कलेक्टर ने रिजवान के आवदेन को ठीक से पढ़ा और न ही कोई बात की.

स्पोर्ट व्हीलचेयर के बिना खराब हो रही परफॉर्मेंस

क्रिकेटर रिज़वान अहमद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उन्हे एक स्पोर्ट व्हीलचेयर की शख्त जरूरत है. BCCI ने उसे एक स्पोर्ट व्हीलचेयर दी थी जिसका उपयोग करने के लिए बोर्ड की तरफ से मना किया गया था. उस व्हीलचेयर का उपयोग केवल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मैचों में ही किया जा सकता है. ऐसे में प्रैक्टिस के लिए स्पोर्ट्स व्हीलचेयर सभी सदस्यों को जिला कलेक्टर की तरफ से ही मिलनी थी (chhatarpur officers ignores cricketer demand). अन्य जिलों के खिलाड़ियों को व्हील चेयर कलेक्टरों के माध्यम से मिल चुकी है. लेकिन छतरपुर में पिछले दो सालों वो परेशान हैं और कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. अभी तक स्पोर्ट व्हीलचेयर उपलब्ध होना तो दूर, अधिकारी उनसे मिलने तक के लिए राजी नहीं.

फिलहाल एमपी का ये प्रतिभावान क्रिकेटर प्रैक्टिस नही कर पा रहा. जाहिर है ऐसे में किसी बड़े मुकाबले में करिश्मे की उम्मीदें भी कुंद पड़ने लगी हैं. हर बीतते दिन के साथ रिजवान की परफॉर्मेंस खराब हो रही है. ये सरकारी तंत्र है जिसमें सिर्फ आवेदन और निवेदन हो रहा है, अमलदरामद कब होगी इसका किसी के पास जवाब नहीं.

छतरपुर। छतरपुर के मस्तानशाह कालोनी में रह रहे देश के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रिज़वान अहमद खान पिछले दो सालों से एक व्हीलचेयर के लिए परेशान है. रिज़वान 3 कलेक्टरों को 8 बार आवेदन दे चुके हैं लेकिन आज तक न तो किसी कलेक्टर ने उनके आवदेन को ठीक से पढ़ा, ना ही उनसे बात करने की जहमत उठाई. 29 साल के रिज़वान दिव्यांग हैं और क्रिकेट व्हीलचेयर इंडिया की तरफ से देश विदेश में जाकर खेलते हैं. उन्होने अब तक कई राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय मैच में देश का नाम रोशन किया है. खूब चौके-छक्के जड़े. लेकिन अपने गृहनगर की पिच पर अधिकारियों के हाथों आउट हो गए. रिज़वान के पिता जावेद इकबाल साईकिल का काम करते हैं और रिज़वान खुद कम्प्यूटर पर डेस्क ज़ब करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. ऐसे में कम से कम 25 हजार से लेकर 1 लाख से उपर तक के व्हीलचेयर को खरीदना इनके लिए बड़ी चुनौती है.(mp wheel chair cricketer getting no facility)

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रिज़वान अहमद खान का दर्द


दो सालों से स्पोर्ट व्हीलचेयर के लिए परेशान

रिजवान का कहना कि जब वह देश के लिए खेलते हैं तो उन्हें बेहद गर्व महसूस होता है. भारत की व्हील चेयर क्रिकेट टीम में 13वें नम्बर के खिलाड़ी हैं और मध्यप्रदेश के कप्तान के रूप में प्रदेश को रिप्रजेंट करते हैं. रिजवान स्पोर्ट्स व्हीलचेयर के लिए पिछले दो सालों से परेशान हैं. अब तक तीन छतरपुर कलेक्टरों मोहित बुंदस, शीलेन्द्र सिंह एवं वर्तमान कलेक्टर संदीप जे.आर को स्पोर्ट व्हीलचेयर के लिए आवेदन दे चुके हैं (divyang cricketer rizwan applied for wheel chair). लेकिन न तो किसी कलेक्टर ने रिजवान के आवदेन को ठीक से पढ़ा और न ही कोई बात की.

स्पोर्ट व्हीलचेयर के बिना खराब हो रही परफॉर्मेंस

क्रिकेटर रिज़वान अहमद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उन्हे एक स्पोर्ट व्हीलचेयर की शख्त जरूरत है. BCCI ने उसे एक स्पोर्ट व्हीलचेयर दी थी जिसका उपयोग करने के लिए बोर्ड की तरफ से मना किया गया था. उस व्हीलचेयर का उपयोग केवल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मैचों में ही किया जा सकता है. ऐसे में प्रैक्टिस के लिए स्पोर्ट्स व्हीलचेयर सभी सदस्यों को जिला कलेक्टर की तरफ से ही मिलनी थी (chhatarpur officers ignores cricketer demand). अन्य जिलों के खिलाड़ियों को व्हील चेयर कलेक्टरों के माध्यम से मिल चुकी है. लेकिन छतरपुर में पिछले दो सालों वो परेशान हैं और कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. अभी तक स्पोर्ट व्हीलचेयर उपलब्ध होना तो दूर, अधिकारी उनसे मिलने तक के लिए राजी नहीं.

फिलहाल एमपी का ये प्रतिभावान क्रिकेटर प्रैक्टिस नही कर पा रहा. जाहिर है ऐसे में किसी बड़े मुकाबले में करिश्मे की उम्मीदें भी कुंद पड़ने लगी हैं. हर बीतते दिन के साथ रिजवान की परफॉर्मेंस खराब हो रही है. ये सरकारी तंत्र है जिसमें सिर्फ आवेदन और निवेदन हो रहा है, अमलदरामद कब होगी इसका किसी के पास जवाब नहीं.

Last Updated : Dec 23, 2021, 5:37 PM IST

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