छतरपुर। साल 2023 में हम आजादी के 76 साल पूरे होने का जश्न मान रहे हैं, लेकिन यह आजादी का जश्न अभी भी गरीब और दलित के लिए अधूरा है. क्योंकि आज भी लोग अपनी संकुचित मानसिकता से बाहर नहीं आ पाए हैं. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार दलितों को साधने के लिए भले ही करोड़ों रुपए खर्च कर संत रविदास का मंदिर बनवा रहे हों, लेकिन बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में आज भी दलितों को छुआछूत का सामना करना पड़ रहा है. छतरपुर जिले में दलित महिलाओं के साथ सरकारी नल पर पानी भरने को लेकर छुआछूत का मामला सामने आया है. सरकारी नल पर पानी भरने गई संदीपा और अभिलाषा के साथ गांव के ही दबंगों ने यह कहते हुए मारपीट कर दी की तुम दलित हो और तुम्हारे छूने से नल (हैंडपंप) अशुद्ध हो गया, यह कहते हुए मारपीट कर दी.
पानी भरने गईं दलित महिलाओं से मारपीट: मामला छतरपुर जिले के पहरा गांव के गौरिहार थाना क्षेत्र के पहरा चौकी का है. जहां रहने वाली दो महिलाओं का कहना है, "गांव में पानी की कमी के चलते वह गांव के एक सरकारी नल पर पानी भरने गई हुई थी. यह नल गांव के यादव परिवार के घर के सामने लगा हुआ है. जैसे ही हम लोगों ने पानी भरने के लिए बर्तन नल (हैंडपंप) की पाट पर रखा और नल चलाना शुरू किया, तभी वहां मंगल यादव, दंगल यादव और देशराज यादव आ गए और हमारे बर्तन यह कहते हुए फेंक दिए की तुम दलित जाती की हो तुमने नल कैसे छुआ और मारपीट शुरू कर दी."
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छूआछूत और मारपीट मामले में हो रही जांच: दोनों महिलाएं ननद और भाभी हैं. घटना के बाद वह स्थानीय चौकी पहरा भी गई, लेकिन दोनों का आरोप की वहां पर उनकी सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद वह छतरपुर एसपी से शिकायत करने आई है. पीड़िता के पति का कहना है की पानी को लेकर मेरी बहन व पत्नी के साथ छुआछूत व मारपीट की गई है. हम एसपी ऑफिस शिकायत करने इसलिए आए हैं, ताकि आगे किसी के भी साथ इस तरह की घटना न हो. मामले में पहरा चौकी प्रभारी एसआई संजय पांडे का कहना है की "घटना की जांच की जा रही है. दोनों पक्ष से शिकायती आवेदन आए हैं. मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है."