सागर। बुंदेलखंड इलाके की पहचान भले ही पिछडे़पन और बदहाली को लेकर है, लेकिन यहां की धरती बेशकीमती हीरे उगलती है. बुंदेलखंड के पन्ना के बाद छतरपुर जिले के बकस्वाहा में बडे़ पैमाने पर हीरों की खदान मिली है. ये इलाका छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा के अंतर्गत आता है. इसके अलावा बड़ा मलहरा विधानसभा की बड़ी पहचान पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती है. बड़ा मलहरा विधानसभा उमा भारती का गढ़ मानाा जाता है और 2003 में उमा भारती जब मुख्यमंत्री बनीं, तो वह बड़ा मलहरा से ही चुनाव जीती थीं. ये इलाका भले ही बेशकीमती हीरे अपने गर्भ में रखता हो और एक मुख्यमंत्री प्रदेश को दिया हो, लेकिन इलाके की पहचान पिछडे़ हुए बुनियादी सुविधाओं से विहीन इलाके के रूप में होती है.
बड़ा मलहरा विधानसभा का इतिहास: वैसे तो बड़ा मलहरा विधानसभा मध्यप्रदेश की चर्चित विधानसभाओं में से एक है. मौटे तौर पर तीन कस्बे बड़ा मलहरा, बकस्वाहा और घुवारा को लेकर बड़ा मलहरा विधानसभा अस्तित्व में आयी है. लोधी मतदाता बाहुल्य विधानासभा में मध्यप्रदेश में इसलिए चर्चित है, क्योंकि इसकी पहचान उमा भारती से जुड़ी हुई है. चाहे बड़ा मलहरा से चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का सफर हो या फिर भाजपा से बगावत के बाद बड़ा मलहरा से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव हो, जिसमें उमा भारती पर हमला हुआ था. प्रमुख तौर पर ये विधानसभा भाजपा का गढ़ मानी जाती है, लेकिन 2018 में कांग्रेस ने भाजपा के नेता के कांग्रेस से टिकट देकर अपने कब्जे में ले लिया, लेकिन ऑपरेशन लोटस में कांग्रेस से विधायक बने प्रद्युम्न सिंह लोधी भाजपा में वापस चले गए और 2020 में उपचुनाव जीतकर भाजपा के टिकट पर विधायक हैं.
बड़ा मलहरा विधानसभा का चुनावी इतिहास: छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा सीट एक तरह से बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. मध्य प्रदेश के 2003 विधानसभा चुनाव में उमा भारती ने बड़ा मलहरा से शानदार जीत हासिल कर मुख्यमंत्री पद हासिल किया था, लेकिन 2018 में कांग्रेस ने भाजपा में सेंधमारी करके सीट पर कब्जा कर लिया. 2018 में भाजपा नेता प्रद्युम्न सिंह लोधी को कांग्रेस ने टिकट दिया और कांग्रेस इस सीट पर कब्जा करने में सफल रही, लेकिन कांग्रेस की ये खुशी ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रही और प्रद्युम्न सिंह लोधी कमलनाथ सरकार गिरने के बाद इस्तीफा देकर भाजपा के पाले में चले गए और 2020 उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लडे़ और सीट भाजपा के पास वापस चली गयी.
विधानसभा चुनाव 2008: विधानसभा चुनाव 2008 में बड़ा मलहरा सीट पर उमा भारती की पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी की रेखा यादव ने शानदार जीत हासिल की. रेखा यादव ने 28.64 प्रतिशत मत हासिल किए और उन्हें कुल 27 हजार 875 मत मिले. वहीं कांग्रेस की मंजूला शील डेवडिया को 21.94 प्रतिशत मत मिले और 21 हजार 353 मत मिले. इस तरह भारतीय जनशक्ति पार्टी की उम्मीदवार रेखा याादव ने 6 हजार 552 मतों से चुनाव जीत लिया.
विधानसभा चुनाव 2013: विधानसभा चुनाव 2013 में बड़ा मलहरा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने मिली. 2008 में भारतीय जनशक्ति पार्टी के टिकट पर बड़ा मलहरा से चुनाव जीती रेखा यादव 2013 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी. इस चुनाव में रेखा यादव को 41 हजार 779 वोट मिले. वहीं कांग्रेस के तिलक सिंह लोधी को 40 हजार 265 वोट मिले. इस तरह भाजपा की उम्मीदवार रेखा यादव 1 हजार 514 वोटों से चुनाव जीत गयीं.
विधानसभा चुनाव 2018: विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने बड़ा मलहरा सीट हासिल करने भाजपा नेता प्रद्युम्न सिंह लोधी को कांग्रेस में शामिल कराकर टिकट दिया और प्रद्युम्न सिंह लोधी ने 67 हजार 184 वोट हासिल किए, वहीं भाजपा की ललिता यायदव को 51 हजार 405 वोट मिले. इस तरह ललिता यादव 15 हजार 779 के बडे़ अंतर से चुनाव हार गयी.
बड़ा मलहरा जातीय समीकरण: बड़ा मलहरा विधानसभा के जातीय समीकरण की बात करें तो ये सीट लोधी और यादव जाति के बाहुल्य वाली सीट है. जातीय समीकरण का फायदा उठाने के लिहाज से यहां दोनों प्रमुख दल लोधी या यादव उम्मीदवार मैदान में उतारते हैं. 2003 में जब उमा भारती मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पूरे मध्य प्रदेश में व्यस्त थीं. तब सुरक्षित सीट के लिहाज से उन्होंने बड़ा मलहरा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. 2018 में कांग्रेस की जीत भी लोधी उम्मीदवार के कारण हुई. इसके अलावा 2008 औऔर 2013 में रेखा यादव लोधी और यादव युति के कारण चुनाव जीती.
बड़ा मलहरा के प्रमुख मुद्दे: बड़ा मलहरा विधानसभा की बात करें तो इस विधानसभा के बकस्वाहा के जंगलों में भले ही बडे़ पैमाने पर हीरे की खदानें मिली है. लेकिन बुनियादी सुविधाओं के मामले में बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र काफी पिछड़ा है. इलाके में सड़कों का अभाव है, पेयजल की बड़ी समस्या है और रोजगार के अभाव में लोग पलायन के लिए मजबूर हैं. यहां मूल रूप से लोग खेती करते हैं, लेकिन ज्यादातर वक्त मजदूरी के लिए महानगरों की तरफ पलायन करते हैं.
भाजपा कांग्रेस के प्रमुख दावेदार: जहां तक भाजपा के टिकट की बात करें तो कांग्रेस से भाजपा में आए प्रद्युम्न सिंह लोधी को टिकट का बड़ा दावेदार माना जा रहा है, लेकिन चर्चा है कि बुआ उमा भारती के इस गढ़ पर भतीजे राहुल लोधी की नजर है, जो फिलहाल खरगापुर से विधायक हैं और हाल ही में उन्हें मंत्री बनाया गयाा है. हो सकता है कि राहुल लोधी को बड़ा मलहरा से टिकट मिले. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से 2020 उपचुनाव में प्रद्युम्न सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ी रामसिया भारती टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही है. इसके अलावाा दिलीप क्षत्रिय और शिशुपाल यादव भी कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं.