छतरपुर। जिले के हरपालपुर क्षेत्र में समर्थन मूल्य पर उपज बेचने में किसानों की रुचि कम होने से मंडी में गेहूं की आवक बढ़ रही है. 1 अप्रैल से 24 अप्रैल तक मंडी में जहां 22 हजार के क्विंटल गेहूं किसानों ने बेचा है तो वहीं कृषि उपज मंडी में बनाए गए सरकारी खरीदी केंद्र पर एक किसान ने केवल 34 क्विंटल गेहूं ही बेचा है. जबकि सहकारी समिति के खरीदी केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए डेढ़ सौ किसानों ने पंजीयन कराया है. शासन द्वारा बारिश से प्रभावित चमकविहीन गेहूं खरीदने के आदेश देने के बाद भी किसान केंद्रों पर नहीं जा रहे.
खरीद केंद्र से किसानों का मोहभंग : केंद्र प्रभारी सर्वेयर द्वारा गेहूं एफएक्यू नहीं होने पर रिजेक्ट करने के चलते किसान भी केंद्र से दूरी बना रहे हैं. एक अप्रैल से शुरू हुई खरीदी के 24 दिन बीत गए हैं. किसानों की रुचि समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने की नहीं दिख रही है. हरपालपुर मंडी में गेहूं की आवक लगातार बढ़ रही है. प्रतिदिन एक से डेढ़ हजार क्विंटल से अधिक गेहूं की आवक है. फिलहाल मौसम खराब होने से आवक कम हो गई है, लेकिन आसमान साफ होते ही आवक बढ़ेगी. जहां अप्रैल के 24 दिन में 22 क्विंटल की आवक हुई है. यानी किसानों ने केंद्र से अधिक गेहूं मंडी में बेच दिया.
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मंडी में 2075 तक मिल रहे गेहूं के दाम : सोमवार को मंडी में अधिकतम दाम में 50 रुपए की गिरावट आई. मंडी में वर्तमान में गेहूं 1900से 2075 रुपए क्विंटल बिक रहा है. मंडी में चमकविहीन गेहूं के दाम कम मिल रहे हैं, वहीं अच्छी क्वालिटी के गेहूं के दाम 2200 रुपए तक मिल रहे हैं. किसान नकद भुगतान के कारण मंडी में ही गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं. सेवा सहकारी समिति रानीपुरा एवं सेवा सहकारी समिति भदर्रा अंतगर्त गांवों के डेढ़ सौ किसानों ने ही समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया. जबकि पिछले साल नगर में तीन खरीदी केंद्र पर एक हजार के लगभग किसानों ने पंजीयन करवाए थे. अभी भी एक सैकड़ा पंजीकृत किसानों ने केंद्रों पर गेहूं नहीं बेचा है. आने वाले दिनों में भी केंद्रों पर गेहूं की आवक बढ़ने की संभावना नहीं है.