छतरपुर। विशेष लोक अभियोजक केके गौतम (Special Public Prosecutor KK Gautam) ने रविवार को बताया कि विशेष न्यायाधीश सुधांशु सिन्हा की अदालत ने शनिवार को रिश्वत लेने के आरोपी चन्द्रभान सेन को भ्रष्टचार रोकथाम अधिनियम के तहत 5 साल की कठोर कारावास (5 years imprisonment and fine) की सजा सुनाई. इसके साथ ही 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. उन्होंने कहा कि सजा सुनाए जाने के बाद सेन को जेल भेज दिया गया है.
कोर्ट ने की भ्रष्टाचार पर टिप्पणी : गौतम ने बताया कि अदालत ने कहा, ‘‘लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाना एक विकराल समस्या हो गई है, जो समाज को खोखला कर रही है. भ्रष्टाचार लोकतंत्र और विधि के शासन की नींव को हिला रहा है. ऐसे आरोपियों को सजा देते समय नरम रुख दिखाना कानून की मंशा के विपरीत है और भ्रष्टाचार के प्रति कठोर रुख अपनाया जाना समय (Need tough stand against corruption) की मांग है.’’ वहीं, विशेष लोक अभियोजक गौतम ने पैरवी करते हुए कहा कि शिक्षक समाज का प्रमुख अंग एवं मार्गदर्शक होता है. उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक द्वारा ही भ्रष्टाचार किया जाने लगेगा तो समाज के लिए बहुत घातक होगा, इसलिए आरोपी को कठोर से कठोर सजा दी जाए.
लोकायुक्त ने पकड़ा था : गौतम ने बताया कि लक्ष्मीकांत शर्मा ने 6 जनवरी 2015 को लोकायुक्त पुलिस सागर को शिकायत की थी. शिकायत में उन्होंने बताया था कि उसे अतिथि शिक्षक के पद पर ज्वाइन कराने के लिए चन्द्रभान सेन, सहायक शिक्षक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक, माध्यमिक विद्यालय सूरजपुराकलां द्वारा 2 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है. गौतम ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने सेन को 8 जनवरी 2015 को शर्मा से रिश्वत के 2 हजार रुपये लेते हुए (Lokayukta caught) रंगे हाथ पकड़ लिया था. उन्होंने बताया कि विवेचना के बाद मामला अदालत में पेश किया गया. (PTI)