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शिक्षक के जवाब से खुश नजर आए मंत्री जीतू पटवारी, अब शिक्षक की हो रही खूब तारीफ

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Published : Feb 6, 2020, 11:45 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 5:15 PM IST

छतरपुर में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में मंत्री जीतू पटवारी ने कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक से सवाल पूछा जिसके जवाब में शिक्षक ने कहा कि सेमेस्टर सिस्टम बहुत अच्छा है. लेकिन छतरपुर जिले में एनुअल सिस्टम ज्यादा बेहतर है.

Higher Education Minister Jeetu Patwari
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी

छतरपुर। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने युवा संवाद के दौरान जब एक छात्रा से पूछा कि सेमेस्टर सिस्टम ठीक है या परीक्षाओं को लेकर एनुअल सिस्टम. इस पर कॉलेज की छात्रा मंत्री को उस सवाल का जवाब नहीं दे पाई. जिसके बाद मंत्री जीतू पटवारी ने कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक से यह सवाल पूछा जिसके जवाब में शिक्षक ने कहा कि सेमेस्टर सिस्टम बहुत अच्छा है लेकिन छतरपुर जिले में एनुअल सिस्टम ज्यादा बेहतर है क्योंकि सेमेस्टर सिस्टम के लिए यहां पर बेहतर सुविधाएं नहीं है लाइट भी जाती रहती है बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं. क्योंकि कॉलेजों में सुविधाएं उपलब्ध नहीं है और ना ही पर्याप्त प्रोफेसर मौजूद है.

शिक्षक के जवाब से खुश नजर आए मंत्री जीतू पटवारी

मंत्री के सामने एक प्रोफेसर की ऐसी बातें सुनकर मंत्री जीतू पटवारी बेहद खुश हुए. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर ने सच में आईना दिखाया है. भले ही मैं मंत्री क्यों ना हूं लेकिन उन्होंने हकीकत दिखाते हुए इस सवाल का जवाब दिया है.

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने छतरपुर जिले के महाराजा कॉलेज में युवा संवाद के दौरान एक प्रोफ़ेसर से यह पूछा कि छतरपुर जिले में बच्चों को लेकर जो परीक्षाएं संपन्न कराई जा रही थी सेमेस्टर वाली परीक्षाएं ठीक हैं या एनुअल परीक्षाएं, इस सवाल के जवाब में एक प्रोफेसर ने जवाब दिया कि गुणवत्ता के हिसाब से सेमेस्टर वाइज परीक्षाएं ही बेहतर हैं. लेकिन हमारे यहां सुविधाएं मौजूद नहीं है और ना ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षक हैं. इसी के हिसाब से सालाना परीक्षाएं ही यहां के लिए बेहतर हैं अगर ये परेशानियां दूर नहीं होती है और सुविधाएं बेहतर नहीं की जाती है तो सेमेस्टर परीक्षाओं का कोई मतलब नहीं है.

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ना सिर्फ खुश हुए बल्कि प्रोफ़ेसर की लगातार तारीफ करते रहे उन्होंने कहा कि मैं प्रोफेसर की इस बात से बेहद खुश हूं कि एक प्रोफ़ेसर एक मंत्री से इस बात को कह रहा है कि पहले आप सुविधाएं दीजिए और बाद में सेमेस्टर जैसी परीक्षाओं की बात करिए मुझे इस बात की खुशी है कि किसी ने इस सवाल का जवाब इतनी बेबाकी से दिया.

मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि पूरे देश में बच्चों को परीक्षाओं को लेकर जो पद्धति अपनाई गई है वो सेमेस्टर वाली ही है और हम सब बहुत पीछे हैं जो हमारे यहां एनुअल परीक्षाएं कराई जाती हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द बेहतर स्टाफ तमाम सुविधाएं बच्चों को मिल सके. ताकि बच्चों को भी गुणवत्ता मिले और आने वाले समय में बच्चे पढ़ लिखकर अपने परिवार जिले एवं राज्य का नाम रोशन करें.

युवा संवाद के दौरान शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी लगातार उस प्रोफेसर की तारीफ करते रहे और कहते रहे कि मैं इस प्रोफेसर की हिम्मत की दाद देता हूं जो एक शिक्षा मंत्री के सामने इस बेबाकी से जवाब दे रहा है.

छतरपुर। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने युवा संवाद के दौरान जब एक छात्रा से पूछा कि सेमेस्टर सिस्टम ठीक है या परीक्षाओं को लेकर एनुअल सिस्टम. इस पर कॉलेज की छात्रा मंत्री को उस सवाल का जवाब नहीं दे पाई. जिसके बाद मंत्री जीतू पटवारी ने कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक से यह सवाल पूछा जिसके जवाब में शिक्षक ने कहा कि सेमेस्टर सिस्टम बहुत अच्छा है लेकिन छतरपुर जिले में एनुअल सिस्टम ज्यादा बेहतर है क्योंकि सेमेस्टर सिस्टम के लिए यहां पर बेहतर सुविधाएं नहीं है लाइट भी जाती रहती है बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं. क्योंकि कॉलेजों में सुविधाएं उपलब्ध नहीं है और ना ही पर्याप्त प्रोफेसर मौजूद है.

शिक्षक के जवाब से खुश नजर आए मंत्री जीतू पटवारी

मंत्री के सामने एक प्रोफेसर की ऐसी बातें सुनकर मंत्री जीतू पटवारी बेहद खुश हुए. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर ने सच में आईना दिखाया है. भले ही मैं मंत्री क्यों ना हूं लेकिन उन्होंने हकीकत दिखाते हुए इस सवाल का जवाब दिया है.

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने छतरपुर जिले के महाराजा कॉलेज में युवा संवाद के दौरान एक प्रोफ़ेसर से यह पूछा कि छतरपुर जिले में बच्चों को लेकर जो परीक्षाएं संपन्न कराई जा रही थी सेमेस्टर वाली परीक्षाएं ठीक हैं या एनुअल परीक्षाएं, इस सवाल के जवाब में एक प्रोफेसर ने जवाब दिया कि गुणवत्ता के हिसाब से सेमेस्टर वाइज परीक्षाएं ही बेहतर हैं. लेकिन हमारे यहां सुविधाएं मौजूद नहीं है और ना ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षक हैं. इसी के हिसाब से सालाना परीक्षाएं ही यहां के लिए बेहतर हैं अगर ये परेशानियां दूर नहीं होती है और सुविधाएं बेहतर नहीं की जाती है तो सेमेस्टर परीक्षाओं का कोई मतलब नहीं है.

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ना सिर्फ खुश हुए बल्कि प्रोफ़ेसर की लगातार तारीफ करते रहे उन्होंने कहा कि मैं प्रोफेसर की इस बात से बेहद खुश हूं कि एक प्रोफ़ेसर एक मंत्री से इस बात को कह रहा है कि पहले आप सुविधाएं दीजिए और बाद में सेमेस्टर जैसी परीक्षाओं की बात करिए मुझे इस बात की खुशी है कि किसी ने इस सवाल का जवाब इतनी बेबाकी से दिया.

मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि पूरे देश में बच्चों को परीक्षाओं को लेकर जो पद्धति अपनाई गई है वो सेमेस्टर वाली ही है और हम सब बहुत पीछे हैं जो हमारे यहां एनुअल परीक्षाएं कराई जाती हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द बेहतर स्टाफ तमाम सुविधाएं बच्चों को मिल सके. ताकि बच्चों को भी गुणवत्ता मिले और आने वाले समय में बच्चे पढ़ लिखकर अपने परिवार जिले एवं राज्य का नाम रोशन करें.

युवा संवाद के दौरान शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी लगातार उस प्रोफेसर की तारीफ करते रहे और कहते रहे कि मैं इस प्रोफेसर की हिम्मत की दाद देता हूं जो एक शिक्षा मंत्री के सामने इस बेबाकी से जवाब दे रहा है.

Intro:छतरपुर पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने युवा संवाद के दौरान जब एक छात्रा से पूछा कि सेमेस्टर सिस्टम ठीक है या परीक्षाओं को लेकर एनुअल सिस्टम उस सवाल का जवाब कॉलेज की छात्रा नहीं दे पाई जिसके बाद मंत्री जीतू पटवारी ने कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक से यह सवाल पूछा जिसके जवाब में शिक्षक ने कहा कि सेमेस्टर सिस्टम बहुत अच्छा है लेकिन छतरपुर जिले में एनुअल सिस्टम ज्यादा बेहतर है क्योंकि सेमेस्टर सिस्टम के लिए यहां पर बेहतर सुविधाएं नहीं है लाइट भी जाती रहती है बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं क्योंकि कॉलेजों में सुविधाएं उपलब्ध नहीं है और ना ही पर्याप्त प्रोफेसर मौजूद है एक मंत्री के सामने एक प्रोफेसर की ऐसी बातें सुनकर मंत्री जीतू पटवारी बेहद खुश हुए उन्होंने कहा कि प्रोफ़ेसर ने सच में आइना दिखाया है भले ही मैं मंत्री क्यों ना हूं लेकिन उन्होंने हकीकत दिखाते हुए इस सवाल का जवाब दिया है!


Body:उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने छतरपुर जिले के महाराजा कॉलेज में युवा संवाद के दौरान एक प्रोफ़ेसर से यह पूछा कि छतरपुर जिले में बच्चों को लेकर जो परीक्षाएं संपन्न कराई जा रही थी सेमेस्टर वाली परीक्षाएं ठीक हैं या एनुअल परीक्षाएं इस सवाल के जवाब में एक प्रोफेसर ने जवाब दिया कि गुणवत्ता के हिसाब से सेमेस्टर वाइज परीक्षाएं ही बेहतर है लेकिन हमारे यहां सुविधाएं मौजूद नहीं है और ना ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षक हैं इसी के हिसाब से सालाना परीक्षाएं ही यहां के लिए बेहतर हैं अगर ये परेशानियां दूर नहीं होती है और सुविधाएं बेहतर नहीं की जाती है तो सेमेस्टर परीक्षाओं का कोई मतलब नहीं है इस बात को सुनकर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ना सिर्फ खुश हुए बल्कि प्रोफ़ेसर की लगातार तारीफ करते रहे उन्होंने कहा कि मैं प्रोफेसर की इस बात से बेहद खुश हूं कि एक प्रोफ़ेसर एक मंत्री से इस बात को कह रहा है कि पहले आप सुविधाएं दीजिए और बाद में सेमेस्टर जैसी परीक्षाओं की बात करिए मुझे इस बात की खुशी है कि किसी ने इस सवाल का जवाब इतनी बेबाकी से दिया!

मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि पूरे देश में बच्चों को परीक्षाओं को लेकर जो पद्धति अपनाई गई है वह सेमेस्टर वाली ही है और हम सब बहुत पीछे हैं जो हमारे यहां एनुअल परीक्षाएं कराई जाती हैं हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द बेहतर स्टाफ तमाम सुविधाएं बच्चों को मिल सके ताकि बच्चों को भी गुणवत्ता मिले और आने वाले समय में बच्चे पढ़ लिखकर अपने परिवार जिले एवं राज्य का नाम रोशन करें!


Conclusion:युवा संवाद के दौरान शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी लगातार उस प्रोफेसर की तारीफ करते रहे और कहते रहे कि मैं इस प्रोफेसर की हिम्मत की दाद देता हूं जो एक शिक्षा मंत्री के सामने इस बेबाकी से जवाब दे रहा है!
Last Updated : Feb 7, 2020, 5:15 PM IST
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