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अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही महाराजा छत्रसाल की विरासत, खंडहर में तब्दील हो रहे स्मारक

महाराजा छत्रसाल की गौरवगाथा बयां करने वाला मऊ सहानिया नगरी के स्मारक खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. बावजूद इसके प्रशासन इन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Maharaja Chhatrasal Memorial
महाराजा छत्रसाल स्मारक
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Published : Jun 23, 2020, 6:44 PM IST

छतरपुर। बुंदेलखंड में मुगल साम्राज्य की जड़ें हिला देने वाले महाराजा छत्रसाल की गौरवगाथा बयां करने वाले स्मारक आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. छत्रसाल की नगरी के नाम से मशहूर मऊ सहानिया में महल और स्मारक धीरे-धीरे अब खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. भले ही तमाम स्मारकों को मध्य प्रदेश टूरिज्म में शामिल कर लिया गया हो और पुरातत्व विभाग इनकी देखरेख कर रहा है, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट ही है. स्मारक और महलों की दीवारें धीरे-धीरे गिरने लगी हैं. आने वाले समय में अगर ऐसा ही चलता रहा, तो ये पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो जाएंगे और लोगों को महाराज छत्रसाल की याद दिलाने वाली ऐतिहासिक इमारतों के नाम पर महज सिर्फ खंडहर ही देखने को मिलेंगे.

खंडहर में तब्दील हो रहे प्राचीन स्मारक
बुंदेलखंड के वीर योद्धा महाराजा छत्रसाल जीवन पर्यंत अपनी संस्कृति और राज्य की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहे. आखिरी सांस तक उन्होंने मुगल शासकों को अपने राज्य तक नहीं पहुंचने दिया. यही वजह है कि महाराजा छत्रसाल से जुड़ी तमाम शौर्य गाथाएं लोग आज भी सुनते नहीं थकते. महाराजा छत्रसाल छापामार युद्ध में पारंगत थे. बिना किसी की मदद के न सिर्फ उन्होंने एक बड़ा राज्य खड़ा किया, बल्कि एक मजबूत सेना भी बनाई. महाराजा छत्रसाल की नगरी मऊ सानिया आज भी उनकी वीरता की जीती जागती मिसाल देखने को मिलती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते ये ऐतिहासिक धरोहर अब अपना वजूद खोने को मजबूर हैं.
मऊ सहानिया में मस्तानी महल, कमलापति रानी महल और बाजीराव पेशवा के द्वारा बनवाया गया महाराजा छत्रसाल स्मारक आज भी महाराज की शौर्य गाथा को बयां कर रहा है. यहां बने स्मारक और महलों को दूर-दूर से लोग देखने आते हैं. मस्तानी की कहानी पर तो बॉलीबुड में एक फिल्म भी बनाई गई है. यहां पर बने महाराजा छत्रसाल के घोड़े की समाधि, उनके सेनापति महाबली तेरीराम की समाधि, रानी मकबरा और कमलापति रानी का स्मारक स्थापत्य काल का अद्भुत उदाहरण हैं. लेकिन अब इन स्मारकों की चमक धीमी पड़ती जा रही है. महाराजा छत्रसाल जीवन भर अपनी संस्कृति और अपनी मातृभूमि के लिए लड़ते रहे. अब उनसे ही जुड़े स्मारक और महल भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हुए नजर आ रहे हैं.

छतरपुर। बुंदेलखंड में मुगल साम्राज्य की जड़ें हिला देने वाले महाराजा छत्रसाल की गौरवगाथा बयां करने वाले स्मारक आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. छत्रसाल की नगरी के नाम से मशहूर मऊ सहानिया में महल और स्मारक धीरे-धीरे अब खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. भले ही तमाम स्मारकों को मध्य प्रदेश टूरिज्म में शामिल कर लिया गया हो और पुरातत्व विभाग इनकी देखरेख कर रहा है, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट ही है. स्मारक और महलों की दीवारें धीरे-धीरे गिरने लगी हैं. आने वाले समय में अगर ऐसा ही चलता रहा, तो ये पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो जाएंगे और लोगों को महाराज छत्रसाल की याद दिलाने वाली ऐतिहासिक इमारतों के नाम पर महज सिर्फ खंडहर ही देखने को मिलेंगे.

खंडहर में तब्दील हो रहे प्राचीन स्मारक
बुंदेलखंड के वीर योद्धा महाराजा छत्रसाल जीवन पर्यंत अपनी संस्कृति और राज्य की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहे. आखिरी सांस तक उन्होंने मुगल शासकों को अपने राज्य तक नहीं पहुंचने दिया. यही वजह है कि महाराजा छत्रसाल से जुड़ी तमाम शौर्य गाथाएं लोग आज भी सुनते नहीं थकते. महाराजा छत्रसाल छापामार युद्ध में पारंगत थे. बिना किसी की मदद के न सिर्फ उन्होंने एक बड़ा राज्य खड़ा किया, बल्कि एक मजबूत सेना भी बनाई. महाराजा छत्रसाल की नगरी मऊ सानिया आज भी उनकी वीरता की जीती जागती मिसाल देखने को मिलती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते ये ऐतिहासिक धरोहर अब अपना वजूद खोने को मजबूर हैं.
मऊ सहानिया में मस्तानी महल, कमलापति रानी महल और बाजीराव पेशवा के द्वारा बनवाया गया महाराजा छत्रसाल स्मारक आज भी महाराज की शौर्य गाथा को बयां कर रहा है. यहां बने स्मारक और महलों को दूर-दूर से लोग देखने आते हैं. मस्तानी की कहानी पर तो बॉलीबुड में एक फिल्म भी बनाई गई है. यहां पर बने महाराजा छत्रसाल के घोड़े की समाधि, उनके सेनापति महाबली तेरीराम की समाधि, रानी मकबरा और कमलापति रानी का स्मारक स्थापत्य काल का अद्भुत उदाहरण हैं. लेकिन अब इन स्मारकों की चमक धीमी पड़ती जा रही है. महाराजा छत्रसाल जीवन भर अपनी संस्कृति और अपनी मातृभूमि के लिए लड़ते रहे. अब उनसे ही जुड़े स्मारक और महल भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हुए नजर आ रहे हैं.
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