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अयोध्या से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है राम का ये मंदिर, हर रात यहां करते हैं विश्राम!

राम का नाम आते ही जेहन में सबसे पहले अयोध्या याद आता है, लेकिन इससे इतर एक ऐसा मंदिर है, जहां हर रात को भगवान राम विश्राम करते हैं, इस मंदिर में भगवान राम की सुख-सुविधा का पूरा खयाल रखा गया है. जो इस मंदिर को मर्यादा पुरूषोत्तम राम के और मंदिरों से अलग बनाता है.

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Published : Jul 30, 2019, 10:57 PM IST

अनोखा मंदिर

छतरपुर। एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट-घट में लेटा, एक राम है सर्वव्यापी. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में भव्य मंदिर बनाने के लिए दशकों से चल रहे विवाद के चलते हर कोई जानता है, लेकिन आज एक ऐसे राम मंदिर का जिक्र कर रहा हूं, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं, जहां भगवान राम की हर सुख-सुविधा का इंतजाम किया गया है. श्री जानकी निवास मंदिर का निर्माण 250 साल पहले बिजावर रियासत के महाराजा सावंत सिंह ने करवाया था.

अनोखा मंदिर

मंदिर के आस पास के लोगों की भगवान राम में गहरी आस्था है, मंदिर के पुजारी बताते हैं कि रोजाना भगवान राम यहां रात्रि विश्राम के लिए आते हैं और सुबह चले जाते हैं. लिहाजा, रोजाना शयन कक्ष की सफाई के साथ ही उनके लिए बिस्तर भी लगाया जाता है.

यही वजह है कि मंदिर में भगवान राम के जरूरत के हिसाब से सभी सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं. मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही श्रीराम जानकी का दरबार है, जहां भक्तों को भगवान के दर्शन होते हैं, इसके ऊपर ही भगवान का शयन कक्ष है.

इस मंदिर के चप्पे-चप्पे पर निगरानी रहती है क्योंकि आस्था का केंद्र होने के साथ ही यहां रखा साजो-सामान सैकड़ों साल पुराना और बेशकीमती भी है, लेकिन राम तो यहां हर दिल में बसते हैं क्योंकि राम यहां जन-जन की आस्था हैं.

छतरपुर। एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट-घट में लेटा, एक राम है सर्वव्यापी. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में भव्य मंदिर बनाने के लिए दशकों से चल रहे विवाद के चलते हर कोई जानता है, लेकिन आज एक ऐसे राम मंदिर का जिक्र कर रहा हूं, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं, जहां भगवान राम की हर सुख-सुविधा का इंतजाम किया गया है. श्री जानकी निवास मंदिर का निर्माण 250 साल पहले बिजावर रियासत के महाराजा सावंत सिंह ने करवाया था.

अनोखा मंदिर

मंदिर के आस पास के लोगों की भगवान राम में गहरी आस्था है, मंदिर के पुजारी बताते हैं कि रोजाना भगवान राम यहां रात्रि विश्राम के लिए आते हैं और सुबह चले जाते हैं. लिहाजा, रोजाना शयन कक्ष की सफाई के साथ ही उनके लिए बिस्तर भी लगाया जाता है.

यही वजह है कि मंदिर में भगवान राम के जरूरत के हिसाब से सभी सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं. मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही श्रीराम जानकी का दरबार है, जहां भक्तों को भगवान के दर्शन होते हैं, इसके ऊपर ही भगवान का शयन कक्ष है.

इस मंदिर के चप्पे-चप्पे पर निगरानी रहती है क्योंकि आस्था का केंद्र होने के साथ ही यहां रखा साजो-सामान सैकड़ों साल पुराना और बेशकीमती भी है, लेकिन राम तो यहां हर दिल में बसते हैं क्योंकि राम यहां जन-जन की आस्था हैं.

Intro:स्पेशल----
देश में इकलौता अनोखा मंदिर जिसमें भगवान श्री रामचंद जी के लिए प्रथक से शयनकक्ष बनवाया गया
बिजावर में स्थित श्री जानकी निवास मंदिर का निर्माण ढाई सौ वर्ष पहले बिजावर रियासत के महाराज सावंत सिंह जी ने करवाया था
भारत देश मे प्रभु श्री राम के कई मंदिर है जिनमे श्रद्धालुओं की गहरी आस्था आज भी है
लेकिन जानकी निवास मंदिर खास इसलिए है क्योंकि यहाँ शयन कक्ष के साथ साथ उनके उठने बैठने,आराम करने,मनोरंजन के लिए चौसर एवं पासे कुर्सी टेबल सभी इंतजाम किये गए थे
मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही श्री राम जानकी का दरवार है जहां मूर्ति स्थापित और भक्तो को भगवान के दर्शन होते है और मंदिर के ऊपर ही भगवान का शयन कक्ष है
Body:
शयनकक्ष में सैकड़ों वर्षों पुरानी चंदन लकड़ी से निर्मित नींद पूरी करने के लिए पलंग, चंदन लकड़ी के कुर्सी सोफा टेबल, ध्यान साधना के लिए आसन, सजने और श्रृंगार के लिए आईना-कंघी,कमरे की शोभा बढ़ाने गुलदस्ता,एवं मनोरंजन के लिए कमरे में चौसर का इंतजाम किया गया है
साथ ही यहां मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के लिए बचपन में पहने जाने वाली लकड़ी की चप्पल जिसे खड़ाऊ भी कहा जाता है इस मंदिर में कक्ष तक पहुंचने का रास्ता मंदिर के अंदर से ही सीड़ियों के माध्यम से ऊपर की ओर कमरे तक जाता है जहां भगवान श्री राम का शयनकक्ष मौजूद है जिसे पुजारी प्रतिदिन साफ-सुथरा कर कमरे का विशेष ध्यान रखते है जिसमें पुजारी का दावा है की रोज रात को कमरे को जैसा छोड़कर या सजा कर आते हैं सुबह कमरा वैसा नही मिलता एवं कुर्सी, पलंग बिस्तर
टेबलों में निशान ,सिलवटें पड़ी मिलती है Conclusion:
सुरक्षा की नजर से आम लोगो का यहाँ जाना मना रहता है क्योंकि आस्था का केंद्र होने के साथ साथ यहाँ रखा साजो सामान सैकड़ो बर्ष पुराना और वेश कीमती भी है

बाईट-1-मनमोहन उपाध्याय(श्री जानकी निवास मंदिर पुजारी)
बाईट-2- रामेश्वर प्रसाद चौदा ( श्रद्धालु)

स्पेशल--
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