छतरपुर। भाइयों-बहनों हमारी छत्रसाल यूनिवर्सिटी, इस इलाके के नौजवान छत्रसाल यूनिवर्सिटी पर गर्व करते हैं कि नहीं, ये छत्रसाल यूनिवर्सिटी आज मध्यप्रदेश में नाम कमा रही है कि नहीं कमा रही है. ये शिवराज जी कर सकते हैं, भारतीय जनता पार्टी कर सकती है. ये कांग्रेस के बस का रोग नहीं है.
छत्रसाल यूनिवर्सिटी और बीजेपी का गुणगान करते ये बोल हैं पीएम मोदी के, जो इसके सहारे अपनी पार्टी और नेताओं की राजनीति चमका रहे हैं, लेकिन इस यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र पीएम मोदी के इस बयान से ज़रा भी इत्तेफ़ाक नहीं रखते. छात्रों का कहना है कि युनिवर्सिटी महज 10 से 20 कमरों में चल रही है और यहां संबंधित विषयों के प्रोफेसर भी नहीं हैं. इतना ही नहीं इस यूनिवर्सिटी में अब तक एक भी छात्र का रजिस्ट्रेशन नहीं है.
छात्र तो छात्र यूनिवर्सिटी के कुलसचिव भी यहां के हालात की गवाही देते हैं, कुलसचिव की मानें तो यूनिवर्सिटी में अव्यवस्थाओं के चलते अब तक कोई शोध कार्य भी नहीं हुआ है. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय से जुड़े 150 कॉलेजों में भी शोध कार्य लायक व्यवस्थाएं नहीं हैं.
2011 में स्थापित होने वाली इस यूनिवर्सिटी को नई जगह शिफ्ट करने के लिये 418 एकड़ जमीन तो अलॉट हुई, लेकिन उस पर निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में इसका निर्णय वहां के छात्रों को ही लेना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान दिये गये पीएम मोदी के भाषण में कितनी हकीकत है और कितनी जुमलेबाजी.